वार्ता:कृष्ण
Latest comment: 4 वर्ष पहले by Pavitra Maheshwari in topic स्वरचित श्री कृष्ण आरती ( माँ देवकी वसुदेव सुत की हम उतारें आरती)
श्री मद्भागवत महापुराण जी की स्वरचित आरती(भागवत रूप गंगा की धार)
संपादित करेंआरती
भागवत् रूप गंगा की धार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार आरती वन्दन स्वीकार करो तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
1 पावन पुनीत है शान्ति गीत
मनभावनी ये भक्तों की प्रीति ये कल्पवृक्ष वेदों का सार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
2 समता का भाव देने वाली
भव रोग छुड़ा देने वाली ये ब्रह्म शास्त्र खोले प्रभु के द्वार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
3 पापों का हरण करने वाली
सबका मंगल करने वाली दैवी सम्पति है स्नेह धार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार ।। ओउम् परमात्मने नमः ।। Pavitra Maheshwari (वार्ता) 08:42, 6 दिसम्बर 2019 (UTC)
श्री मद्भागवत महापुराण जी की आरती ( भागवत् रूप गंगा की धार)
संपादित करेंओउम् श्री परमात्मने नमः आरती
भागवत् रूप गंगा की धार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार आरती वन्दन स्वीकार करो तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
1 पावन पुनीत है शान्ति गीत
मनभावनी ये भक्तों की प्रीति ये कल्पवृक्ष वेदों का सार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
2 समता का भाव देने वाली
भव रोग छुड़ा देने वाली ये ब्रह्म शास्त्र खोले प्रभु के द्वार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
3 पापों का हरण करने वाली
सबका मंगल करने वाली दैवी सम्पति है स्नेह धार तुम्हें नमस्कार तुम्हें नमस्कार
जय श्री कृष्ण Pavitra Maheshwari (वार्ता) 08:50, 6 दिसम्बर 2019 (UTC)
स्वरचित श्री कृष्ण आरती ( माँ देवकी वसुदेव सुत की हम उतारें आरती)
संपादित करेंश्री कृष्ण को कोटि- कोटि नमन स्वरचित आरती
माँ देवकी वसुदेव सुत की, हम उतारें आरती श्री नन्द और यसोदा ललन की, हम उतारें आरती
1 मोर मुकुट बिराजे मस्तक, अधर मुरली है सजी
पीत वसन सजे हैं तन पर, माल वैजयन्ती सजी
2 वेणु सुर में बाँध वृज को ,मन्त्र मोहित सा किया
रास गोपिन संग रचाकर, ब्रह्म का दर्शन दिया
3 सारथी बनकर पार्थ को, ज्ञान गीता का दिया
विश्व का दर्शन दिखाकर, धन्य अर्जुन को किया Pavitra Maheshwari (वार्ता) 12:52, 6 दिसम्बर 2019 (UTC)