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प्रधानमंत्री जी के भाषण 15 अगस्त 2018 के लिए सुझाव

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आदरणीय प्रधानमंत्री जी आजादी की 71वी वर्षगांठ पर देश के प्रधानमंत्री जी देश की कुल आबादी के 50% हिस्से देश के अन्नदाता किसान के लिए समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी,फसल बीमा मृदा स्वास्थ्य परीक्षण ही ही काफी नहीं है अभी भी देश के किसानों के लिए बहुत कुछ करना आवश्यक है जैसे छोटे व्यापारियों सीमांत किसानों के लिए कर्ज अभी भी एक बड़ी चुनौती है जिसके अनेकों कारण है जैसे फसल का खराब होना या फसल कमजोर होना इसके लिए केन्द्र सरकार अगर पंचायत स्तर पर प्रतिवर्ष एकमुश्त 20 लाख रू प्रति पंचायत फंड ऐसे किसानों जिनकी फसलें कमजोर हुई हैं व किसी कारण से ख़राब हो गई है उनको आगामी फसल आने अधिकतम 6 माह की अवधि तक खाद व बीज की खरीद के लिए बिना ब्याज के प्रति किसान अधिकतम 10000 रुपए की राशि पंचायत की गारंटी पर उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करें तो किसानों की आत्महत्याएं काफी हद तक रूक जाएगी माननीय प्रधानमंत्री जी आज़ हमारे देश में विश्व की सर्वाधिक युवा पीढ़ी निवास करती हैं एवं इस विश्व की सबसे युवा करोड़ों की आबादी की सबसे आवश्यक व मूलभूत आवश्यकताओं में प्रमुख आवश्यकता है रोजगार माननीय प्रधानमंत्री जी मेरा आपसे अनुरोध है कि आज देश के अधिकांश बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के पास अनेकों बार ऐसे अवसर भी हाथ से निकल जाते हैं जो उनके लिए सही समय पर मदद मिलती तो रोजगार की संभावना में बदल जाते माननीय प्रधानमंत्री जी अनेकों बार हमारे देश में गांव से शहर तक बेरोजगारी से जुझती युवा पीढ़ी के पास आवेदन भरने साक्षात्कार में जाने या अपने रोजगार के लिए प्रपोजल तैयार करने तक को पैसे नहीं होते हैं ऐसे युवाओं के लिए केन्द्र सरकार एक केन्द्रीय योजना आनलाइन आवेदन की सुविधा के साथ शुरू करने पर विचार करें एवं जिसमें बेरोजगार युवाओं को एक बार में 5000रू की आर्थिक सहायता बिना ब्याज केवल रोजगार प्राप्त करने तक के लिए उपलब्ध करवाने की व्यवस्था बनाए जिससे देश के करोड़ों युवाओं को लाभ मिलेगा जिस प्रकार आज हमारे देश के गांवों तक में गरीब घरों में आपने उज्जवला योजना से देश की गृहिणियों के जीवन में खुशियों का उजाला किया है वैसे ही देश के बेरोजगारी से जुझते युवाओं को आप इस योजना के अंतर्गत उनके सपनों को साकार करने में मदद कीजिए माननीय प्रधानमंत्री जी आपने देश में स्वच्छता अभियान को एक मिशन बना कर देश में लाखों शोचालयो का निर्माण कर देश की आधी महिला आबादी को नारकीय जीवन से मुक्ति दिलाने का काम किया है माननीय प्रधानमंत्री जी मेरा आपसे अनुरोध है कि आज हमारे देश के सर्वांगीण विकास के लिए आप द्वारा लागू किए गए जीएसटी वह नोटबदी ने देश के सिथर वह स्थाई विकास की नींव रखी है मगर इस नींव पर इमारतों का निर्माण तब तक संभव नहीं है जब तक करोड़ों छोटे छोटे व्यापारियों को पक्के में काम करने की मानसिकता में नहीं ढाला जाता है इसके लिए किसी भी प्रकार का छोटा व्यापार करने वाले से लेकर मध्यम वर्गीय व्यापार करने वाले व्यक्तियों को बैंक फ्रेंडली बनाना आवश्यक है जिसके लिए सरकार को 10000 से शुरू हो कर 500000 तक की बैंक लिमिट की व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू करनी चाहिए आज नोटबदी के बाद हमारे देश में नोटबदी से पहले की संख्या से भी ज्यादा नोट नकदी के रूप में सिस्टम से बाहर है और अधिकांश व्यापारी नकदी होते हुए भी व्यापार करने में इच्छुक नहीं हैं कि वह पैसा एक नम्बर में काम में कैसे लगाएं इससे देश में मध्यम वर्गीय व्यापार व्यवसाय सब बुरी तरह से प्रभावित हैं और जनता भी नकदी संकट झेल रही है उम्मीद है आप तक मेरे सुझाव अवश्य पहुंचेंगे मान्यवर जी उपरोक्त कार्यों में आवश्यक फंड की व्यवस्था विभिन्न प्रकार के उत्पादों पर जीएसटी के उपर सेस लगाकर की जा सकती है मगर यह सभी कार्य देश की सरकार को लम्बी अवधि का स्थायित्व प्रदान करने वाले होंगे संजय कुमार गौतम (वार्ता) 09:30, 6 अगस्त 2018 (UTC)उत्तर दें

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