वार्ता:सुषा
सुसा प्राचीनतम नगरी
कश्यप सागर से पश्चिमोत्तर कोण पर आरमीनिया और अजरबैजान के बीच में सुषा स्थान स्थित है। मनु पुत्र अभिमन्यु ने सुषा नाम की नगरी बसाई और उसे अपनी राजधानी बनाया था, जो सारे संसार भर में प्राचीनतम नगरी थी। इस का नाम मन्युपुरी भी था। यह प्रसिद्ध नगरी बेरखा नदी के तट पर थी, जो उस काल में सम्यता का केन्द्र थी। सुषा नदी जॉर्जिया के उत्तर में एलबुर्ज पर्वत से होकर आई है। इसके बाद स्वयंभुव मनु के अंतिम प्रजापति दक्ष का अधिकार समाप्त हुआ, तब दक्ष की पुत्रि अदिति का पुत्र वरुण देव सुषा नगरी को सम्पन्न किया। प्राचीन पर्शियन इतिहास में अभिमन्यु को मैन्यु और ग्रीक में मैमनन कहा गया है। प्रसिद्ध पुराण काव्य 'ओडेसी' में इसी अभिमन्यु महाराज की प्रशस्ति वर्णन की गई है।
सुषा प्राचीनतम नगर संपादित करें
कश्यप सागर से पश्चिमोत्तर कोण पर आरमीनिया और अजरबैजान के बीच में सुषा स्थान स्थित है। मनु पुत्र अभिमन्यु ने सुषा नाम की नगरी बसाई और उसे अपनी राजधानी बनाया था, जो सारे संसार भर में प्राचीनतम नगरी थी। इस का नाम मन्युपुरी भी था। यह प्रसिद्ध नगरी बेरखा नदी के तट पर थी, जो उस काल में सम्यता का केन्द्र थी। सुषा नदी जॉर्जिया के उत्तर में पर्वतीय प्रदेशों से होकर आई है। इसके बाद स्वयंभुव मनु के अंतिम प्रजापति दक्ष का अधिकार समाप्त हुआ, तब दक्ष की पुत्रि अदिति का पुत्र वरुण देव सुषा नगरी को सम्पन्न किया। प्राचीन पर्शियन इतिहास में अभिमन्यु को मैन्यु और ग्रीक में मैमनन कहा गया है। प्रसिद्ध पुराण काव्य 'ओडेसी' में इसी अभिमन्यु महाराज की प्रशस्ति वर्णन की गई है। 2409:4064:68D:82F4:8089:3FF:FEAB:868C (वार्ता) 03:47, 1 जून 2022 (UTC)
सुषा प्राचीनतम नगरी संपादित करें
कश्यप सागर से पश्चिमोत्तर कोण पर आरमीनिया और अजरबैजान के बीच में सुषा स्थान स्थित है। मनु पुत्र अभिमन्यु ने सुषा नाम की नगरी बसाई और उसे अपनी राजधानी बनाया था, जो सारे संसार भर में प्राचीनतम नगरी थी। इस का नाम मन्युपुरी भी था। यह प्रसिद्ध नगरी बेरखा नदी के तट पर थी, जो उस काल में सम्यता का केन्द्र थी। सुषा नदी जॉर्जिया के उत्तर में पर्वतीय प्रदेशों से होकर आई है। इसके बाद स्वयंभुव मनु के अंतिम प्रजापति दक्ष का अधिकार समाप्त हुआ, तब दक्ष की पुत्रि अदिति का पुत्र वरुण देव सुषा नगरी को सम्पन्न किया। प्राचीन पर्शियन इतिहास में अभिमन्यु को मैन्यु और ग्रीक में मैमनन कहा गया है। प्रसिद्ध पुराण काव्य 'ओडेसी' में इसी अभिमन्यु महाराज की प्रशस्ति वर्णन की गई है। 2409:4064:68D:82F4:8089:3FF:FEAB:868C (वार्ता) 03:49, 1 जून 2022 (UTC)