विकिपीडिया:पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा/लेख/अमझेरा राज्य१८५७
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परिणाम: हटाया --☆★संजीव कुमार (✉✉) 20:40, 7 दिसम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
अमझेरा राज्य१८५७ (संपादन|वार्ता|इतिहास|कड़ियाँ|ध्यान रखें|लॉग)
अमझेरा राज्य१८५७ -विकिपीडिया -wikipedia के लिये गूगल परिणाम: खोज • समाचार • पुस्तक • विद्वान •
नामांकन के लिये कारण:
मूल शोध
चंद्र शेखर/Shekhar 10:49, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
महोदय,उक्त लेख की सामग्री भाट, बड़वाजी,बारोट आदि की पोथियों से संकलित है,ये सदियों से राजवंशो की गतिविधियों का लेखन कार्य करते है,तथा इन लिखतम की पोथिया सदियों पुरानी होती है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इन भाटो की संतानों के पास रहती है ठीक उसी तरह से जैसे हरिद्वार के पंडो के पास हमार पुरखो का रिकार्ड रहता है,इन पोथियों में सीधा सीधा घटना क्रम बगैर किसी छंद अलंकार के दर्ज रहता है,जिसमे रोचकता का अभाव रहता है। अमरसिंह की गतिविधियों को महू कंटोलमेंट एडवोकेट से लिया है जिसके रिफ्रेंस भी दिया गया है, साथ ही 1857 के समय मध्य भारत मे स्थित विभिन्न छोटी रियासतों के नियुक्त वकीलों के द्वारा अपनी रियासतों को पत्राचार के माध्यम से दी गई रिपोर्ट से प्राप्त विवरण है,उस समय सीतामऊ के वकील वजीरबेग,रतलाम के वकील कालूराम,भोपावर के वकील नारायण राव थे,उस समय इनके द्वारा लिखे पत्र,मध्यप्रदेश के सबसे विख्यात नटनागर शोध संस्थान की लाइब्रेरी में है, ओर महू कंटोलमेंट की लाइब्रेरी में अमरसिंग के खिलाफ चले प्रकरण का रिकार्ड है। राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 12:45, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- सदस्य:राठौड़ महेंद्र सिंह जी, आप जो भी संदर्भ अभी बता रहे हैं उन्हें {{cite}} का प्रयोग कर के लेख में दें। आप जो भी संदर्भ दे रहे हैं वो प्रमाणित होने चाहिए। क्या इन पर कोई पुस्तक छपी है, आप उसके आईएसबीएन संख्या का उल्लेख करते हुए संदर्भ दें {{cite book}} का उपयोग कर के। महू कंटोलमेंट एडवोकेट क्या है, इसे कैसे कहाँ पढा जाए? इसका आईएसबीएन नम्बर लेख में दें। हरिद्वार के पंडों के पास जो रिकॉर्ड रहता है वो प्रमाणित नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह किसी भी संस्था द्वारा प्रमाणित नहीं है, अगर है तो उसका लाइसेंस या प्रकाशन संख्या का उल्लेख करें। कई पंडो के पास कई रिकॉर्ड होंगे। कौन सा सही हैं? इसी प्रकार भाट, बड़वाजी,बारोट आदि की पोथियाँ प्रमाणिक तब तक नहीं मानी जाएँगी जब तक उन्हें किसी स्थापित डिग्रीधारी इतिहासकार द्वारा सच्चाई और सबूतों की कसौटी पर तौला ना जाए। इन पोथियों कि अगर कोई पुस्तक छपी है तो उसका आईएसबीएन सँख्या दें। अन्यथा आप का लेख किसी पोथी के जैसा ही है, प्रमाणिक इतिहास नहीं। विकिपीडिया पर सिर्फ़ प्रमाणिक बातें ही प्रकाशित करने की अनुमति हैं। --चंद्र शेखर/Shekhar 13:03, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- कंटोलमेंट एडवोकेट ब्रिटिश गोर्वमेन्ट द्वारा 1900 से1936 के लगभग अम्बाला से प्रकाशित होंनेवाली पत्रिका थी,जिसमे ब्रटिश सरकार के जटिल केसों का विवरण रहता था, देश के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ रघुवीर सिंह द्वारा प्रकाशित वजीरबेग के पत्रों का संकलन,मेहरानगढ़ शोध संस्थान जोधपुर से प्रकाशित पुस्तको में विवरण दर्ज है, अमझेरा राज का व्रहद्र इतिहास लेखक डॉ रघुनाथ सिंह आदि है राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 13:34, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- @राठौड़ महेंद्र सिंह: जी, इन सबको अब कैसे पढा जाए? कृप्या इनका प्रकाशक और आईएसबीएन नम्बर प्रदान करें और अपने लेख में भी {{cite book}} का उपयोग करते हुए डालें। इस चर्चा का इस हहेच पृष्ठ पर ही जवाब दे। चंद्र शेखर/Shekhar 14:24, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- कन्टोलमेंट एडवोकेट आप महू आर्मी कि लाइब्रेरी में देख सकते है, परन्तु यह क्रय कराने के लिए उपलब्ध नहीं होगी परन्तु मेरे पास उक्त पत्रिका में बख्तावर सिंह जी के पोत्र अमरसिंग के प्रकरण के कुछ पेज स्केन प्रति है,
- अमझेरा का व्रहद इतिहास पुस्तक अमेजन से आप क्रय कर सकते है,
- वजीर र्बेग के पत्रों का संकलन भी आप नटनागर शोध संस्थान सीतामऊ से क्रय कर सकते है, यदि आप को प्राचीन मूल दस्तावेजों को पड़ने में रूचि हो तो नटनागर शोध संस्थान सीतामऊ में आ सकते है,
- दिवंगत इतिहासकार डॉ. मनोहर सिंह राणावत एव इतिहासकार स्व. डॉ. रघुवीर सिंह जी पुस्तको का अध्ययन करने सीतामऊ राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 10:16, 24 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- @राठौड़ महेंद्र सिंह:, मित्र आप समझ नहीं रहे हैं। मुझे यह सब पढने में कोई रूचि नहीं है लेकिन जिन्हें होगी और जो आप की कही बातों पर आगे सवाल उठाएँगे उन्हें आप कैसे चुप कराएँगे? सीतामऊ बुलाकर? जी नहीं। आपको इन सभी पुस्तकों का पूरा विवरण {{cite book}} साँचे और पत्रिकाओं का पूरा विवरण {{cite magazine}} का उपयोग कर के लेख में ही देना होगा ताकि आपका लेख पढते समय जिसे सबूत चाहिए वह स्वयँ ढूँंढकर उन पुस्तकों को पढ ले। आप एक बार यह साँचा देखें तो सही और फिर उसका अपने लेख में उपयोग करें हर उस महत्वपूर्ण वाक्य के आगे जिसे आपने इन पुस्तकों या पत्रिकाओं से लिया है। चंद्र शेखर/Shekhar 13:55, 24 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- चंद्रशेखरजी बहुत बहुत धन्यवाद यदि आप कुछ समय निकल सकें तो क्रपया ९३४०००७३१९ पर फोन करने कि कृपा करे राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 04:14, 25 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- मैंने आपके कहे अनुसार रिफरेन्स सांचे जोड़े है पर उन्हें श्री रोहित साव ने हटा कर पूर्वत कर दिया है, राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 07:48, 25 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- चंद्रशेखरजी बहुत बहुत धन्यवाद यदि आप कुछ समय निकल सकें तो क्रपया ९३४०००७३१९ पर फोन करने कि कृपा करे राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 04:14, 25 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- @राठौड़ महेंद्र सिंह:, मित्र आप समझ नहीं रहे हैं। मुझे यह सब पढने में कोई रूचि नहीं है लेकिन जिन्हें होगी और जो आप की कही बातों पर आगे सवाल उठाएँगे उन्हें आप कैसे चुप कराएँगे? सीतामऊ बुलाकर? जी नहीं। आपको इन सभी पुस्तकों का पूरा विवरण {{cite book}} साँचे और पत्रिकाओं का पूरा विवरण {{cite magazine}} का उपयोग कर के लेख में ही देना होगा ताकि आपका लेख पढते समय जिसे सबूत चाहिए वह स्वयँ ढूँंढकर उन पुस्तकों को पढ ले। आप एक बार यह साँचा देखें तो सही और फिर उसका अपने लेख में उपयोग करें हर उस महत्वपूर्ण वाक्य के आगे जिसे आपने इन पुस्तकों या पत्रिकाओं से लिया है। चंद्र शेखर/Shekhar 13:55, 24 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- @राठौड़ महेंद्र सिंह: जी, इन सबको अब कैसे पढा जाए? कृप्या इनका प्रकाशक और आईएसबीएन नम्बर प्रदान करें और अपने लेख में भी {{cite book}} का उपयोग करते हुए डालें। इस चर्चा का इस हहेच पृष्ठ पर ही जवाब दे। चंद्र शेखर/Shekhar 14:24, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- कंटोलमेंट एडवोकेट ब्रिटिश गोर्वमेन्ट द्वारा 1900 से1936 के लगभग अम्बाला से प्रकाशित होंनेवाली पत्रिका थी,जिसमे ब्रटिश सरकार के जटिल केसों का विवरण रहता था, देश के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ रघुवीर सिंह द्वारा प्रकाशित वजीरबेग के पत्रों का संकलन,मेहरानगढ़ शोध संस्थान जोधपुर से प्रकाशित पुस्तको में विवरण दर्ज है, अमझेरा राज का व्रहद्र इतिहास लेखक डॉ रघुनाथ सिंह आदि है राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 13:34, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- हटायें - नामांकन अनुसार। पृष्ठ विकिपीडिया की शैली में एक ज्ञानकोशीय लेख की बजाय निबंध की तरह लिखा है और सभी संदर्भ ऑफलाइन स्रोतों के हैं। लेखन शैली संश्लेषण करने और मूल शोध जैसी ही है। इसके अलावा खोज करने पर ऑनलाइन तटस्थ स्रोतों पर इतनी चर्चा नहीं उपलब्ध है कि लेख के विषय को उल्लेखनीय माना जा सके। ऐसी दशा में, पर्याप्त सामग्री के अभाव में, केवल ऑफलाइन स्रोतों के जिक्र भर के आधार पर लेख नहीं रखा जा सकता।--SM7--बातचीत-- 08:06, 25 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- मान्यवर, समस्त जानकारी के लिए ही एसी शैली का प्रयोग किया गया, जिससे पाठकों के ज्ञानकोष में वृद्धि हो सके . लिखे गए लेख में तत्कालीन समय से सम्बंधित जानकारी तत्कालीन समय के जिम्मेदार व्यक्तियों द्वरा अपने अपने शासको को लिखे पत्रों से संकलित है,जिसका विवरण अन्य किसी शेली मै नहीं दिया जा सकता, यह सब कम्पुटर क्रांति से भी लगभग १५०-२००साल पुराना है, और नवीनता होंने से कुछ बातो के ओनलाइन स्त्रोत नहीं है, इतिहास विज्ञानं जैसे विषय नई नई खोजों के विषय है, नए प्रमाण तथ्य आने पर पुरानी चीजे अपने आप समाप्त हो जाती है, बशर्ते नए विचारों को,खोज को लोगों कि जानकारी में लाया जावे, किन्तु ऑफ़लाइन तथ्यों को नजरंदाज कर सिर्फ ओनलाइन स्त्रोतों को ही सत्यता परखने की कसोटी मान लिया जावे तो ज्ञानकोष संकुचित हो जावेगा राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 05:18, 29 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- राठौड़ महेंद्र सिंह जी, आप जो कह रहे हैं वही इसे हटाने योग्य होने का प्रमाण है। आप विकिपीडिया की मूल प्रकृति नहीं समझ रहे। यह एक तृतीयक ज्ञानकोश है। अर्थात पहले से द्वितीयक स्रोतों में प्रकाशित जानकारी के आधार पर मुख्यतः सूचनापरक शैली में लेख लिखने की जगह है। पत्र, पोथियाँ और अन्य ऐसे प्राचीन स्रोत प्राथमिक स्रोत हैं, इनके आधार पर विवरणात्मक और संश्लेषण जैसा लेख लिख कर अखबार में प्रकाशित किये जा सकते हैं, किताब लिखी जा सकती, पत्रिका में छपवाया जा सकता है, किसी जर्नल में शोध-पत्र छपवाया जा सकता है; तब इस प्रकार के प्रकाशन द्वितीयक स्रोत होंगे। ऐसे तटस्थ एवं प्रतिष्ठित प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित सामग्री को इनका हवाला देते हुए संक्षेपण की शैली में विकिपीडिया के लेख में लिखा जा सकता है। सीधे किसी पोथी या पत्र का उद्धरण देकर उसके आधार पर कोई संश्लेषण करते हुए विकिपीडिया लेख नहीं लिखा जा सकता।
- दूसरी समस्या विषय के एक ज्ञानकोश में शामिल होने के लिए पर्याप्त उल्लेखनीय होने की है। उल्लेखनीयता साबित करने के लिए आपको यह साबित करना होता है कि जिस विषय पर लेख लिखा जा रहा उसके बारे में अन्यत्र प्रतिष्ठित जगहों पर पर्याप्त मात्रा में और सविस्तार चर्चा प्रकाशित है। ऑनलाइन स्रोतों का संदर्भ देने का आग्रह इसलिए किया जा रहा कि इससे यह साबित हो सके कि यह विषय पर्याप्त रूप से महत्वपूर्ण है और इस पर चर्चा अन्य जगहों पर भी पर्याप्त मात्र में मौजूद है। जाहिर है अगर विषय इतना उल्लेखनीय और महत्वपूर्ण होगा तो उस विषय पर ऑनलाइन जानकारी और सविस्तार चर्चा भी उपलब्ध होगी। अगर नहीं है, केवल कुछ ऑफलाइन किताबों और पत्रों में विवरण छपा है जिसे मेहनत से खोजना पड़े; इसका अर्थ है विषय विकिपीडिया पर शामिल होने की योग्यता नहीं रखता। --SM7--बातचीत-- 09:46, 29 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- राठौड़ महेंद्र सिंह जी, उम्मीद है अब आप समझ गए होंगे की विकीपीडिया पर क्या प्रकाशित होता है और क्या नहीं और उसके क्या नियम हैं। आप अपना लेख अपने प्रयोगपृष्ठ पर लिख कर उसमें सुधार जारी रख सकते हैं। जब वह प्रकाशित करने योग्य हो जाए तब उसे यहाँ प्रकाशित किया जा सकता है। आप अभी भी {{cite web}} & {{cite book}} जैसे साँचों का उपयोग देखने और सीखने की कोशिश नहीं कर रहे। इन्हें देखिए आपको पता चल जाएगा की संदर्भ कैसे देते हैं। कोई लेख बनाने से पहले दूसरे अच्छे से लिखे हुए प्रकाशित लेखों को भी पढिए। दूरभाष पर चर्चा करने का अनुरोध मैं स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि किसी लेख को हटाने को लेकर कोई भी चर्चा विकीपीडिया पर ही होनी चाहिए ताकि क्या बातचीत हुई इसके साक्ष्य मौजूद रहें।--चंद्र शेखर/Shekhar 09:54, 29 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- मैंने आपके कहे अनुसार रिफरेन्स सांचे जोड़े है पर उन्हें श्री रोहित साव ने 4 दिन पूर्व उन्हें हटा कर दिया है, राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 12:54, 29 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- जी नहीं, आपने मेरे कहे अनुसार नहीं जोडे हैं। मेरा कहना है कि आप {{cite web}} & {{cite book}} को पढें और इसी तरह से संदर्भ लगाएँ। इसके बाद भी SM7 (वार्ता • योगदान) ने जो बाते उपर कहीं हैं वो मह्तवपूर्ण हैं, जैसे की लेख को पोथी पत्रा निबन्ध की तरह लिखना। आप अन्य लेखो को पढें और देखें कि विकी पर लेख कैसे लिखे जाते है और फिर उस तरह से पहले अपने प्रयोग पृष्ठ पर लेख बनाएँ और स्वीकृत होने पर ही प्रकाशित करें वर्ना वो कुछ दिनों बाद आपका लेख मिटा ही दिया जाएगा। चंद्र शेखर/Shekhar 13:16, 29 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- मैंने आपके कहे अनुसार रिफरेन्स सांचे जोड़े है पर उन्हें श्री रोहित साव ने 4 दिन पूर्व उन्हें हटा कर दिया है, राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 12:54, 29 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- राठौड़ महेंद्र सिंह जी, उम्मीद है अब आप समझ गए होंगे की विकीपीडिया पर क्या प्रकाशित होता है और क्या नहीं और उसके क्या नियम हैं। आप अपना लेख अपने प्रयोगपृष्ठ पर लिख कर उसमें सुधार जारी रख सकते हैं। जब वह प्रकाशित करने योग्य हो जाए तब उसे यहाँ प्रकाशित किया जा सकता है। आप अभी भी {{cite web}} & {{cite book}} जैसे साँचों का उपयोग देखने और सीखने की कोशिश नहीं कर रहे। इन्हें देखिए आपको पता चल जाएगा की संदर्भ कैसे देते हैं। कोई लेख बनाने से पहले दूसरे अच्छे से लिखे हुए प्रकाशित लेखों को भी पढिए। दूरभाष पर चर्चा करने का अनुरोध मैं स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि किसी लेख को हटाने को लेकर कोई भी चर्चा विकीपीडिया पर ही होनी चाहिए ताकि क्या बातचीत हुई इसके साक्ष्य मौजूद रहें।--चंद्र शेखर/Shekhar 09:54, 29 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
- ऊपर की चर्चा इस पृष्ठ पर हुए विचार-विमर्श का पुरालेख है। कृपया इसमें किसी तरह का बदलाव न करें। अनुवर्ती टिप्पणियाँ उपयुक्त वार्ता पृष्ठ पर करनी चाहिए (जैसे कि लेख का वार्ता पृष्ठ या पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा का वार्ता पृष्ठ)। इस पृष्ठ पर किसी भी प्रकार का कोई संपादन नहीं होना चाहिए।