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ये कैसे बताऊ के मेरा ज्ञान स्तर क्या है ? सभी सदस्यों के परिचय प्रस्थ पे इस का वर्णन मिलता है की उनके भासा ज्ञान का स्तर क्या है किंतु मेरे प्रस्थ पे एसा कुछ भी नही है इसका हल क्या है ? --abhimanyu ०७:३९, १२ जनवरी २००८ (UTC)

आपके सदस्य पृष्ठ पर उत्तर दे दिया गया है--सुमित सिन्हावार्ता ०९:०५, १२ जनवरी २००८ (UTC)

काफी सक्रिय विकिपीडियन को शायद इस पृष्ठ मे दिलचस्पी होगी - http://meta.wikimedia.org/wiki/Wikipedia/Logo
मेटा-विकि के इस पृष्ठ पर विकिपीडिया के चित्र को ठीक करने की चर्चा हैं। --मितुल २३:२०, १३ अक्टूबर २००८ (UTC)

चौपाल को चौपट करने वाले की ओर से एक संदेश

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नमस्ते। चौपाल आपको अस्तव्यस्त दिख रहा होगा, इसके लिए माफ़ी। आप लोग चाहें तो पहले की तरह ही अस्त व्यस्त ढंग से - या कहें समयक्रमानुसार - चर्चाएँ छेड़ते रह सकते हैं। इस विभाग के अधीन। कुछ समय बाद, जब वह चर्चा अप्रासंगिक हो जाएगी, या चर्चा के आधार पर निष्कर्ष निकल आएगा, तो यहाँ कड़ी दे के उपरोक्त विभागों में चर्चा को पहुँचाया जा सकता है। यानी, इस विभाग को चालू विभाग समझें, और ऊपर वाले वर्गीकरण को एक तरह का पुरालेख।

जब आप पाँच साल बाद क्रमानुसार पढ़ेंगे, कि ४०,००० लेख पूरे होने पर हम लोग कैसे खुश हुए थे, तो बड़ा आनन्द आएगा, या कोई नवागंतुक औज़ारों के बारे में जानना चाहता है या नए साँचे चाहता है, तो उसे शायद जवाब पहले ही लिखा मिले।

यदि आपको पुराने सूत्रों में कुछ खोजना हो तो कृपया अनुक्रम का इस्तेमाल करें, बहुत सरलता से आपको सूत्र मिल जाएगा। इतना ही नहीं, यदि चौपाल पर ध्यान रखते हैं तो कोई भी परिवर्तन अंतर सूची में सरलता से मिल जाएगा।

दो नज़रियों से इसे देखना ज़रूरी है - नवागंतुक के - जिसे पहले से ही एक ढाँचा मिलेगा भाग लेने के लिए, और दूसरा पुरानी संबंधित चर्चाओं के हवालों के - पहले क्या चर्चा हुई थी और लोग किसी विषय पर किस फ़ैसले पर क्यों आए थे, यह जानने के लिए संबंधित लेखों को (तुरंत नहीं, पर अंततः) एक साथ होना आवश्यक है। प्रत्येक विभाग में सभी लेख समयक्रमानुसार हैं।

यदि फिर भी आपको लगता है कि यह काम व्यर्थ का था तो कोई बात नहीं, धीरे धीरे कहानी फिर से पुरान ढर्रे पर आ ही जाएगी, और यदि आप चाहें तो मैं चौपाल को वापस पुरानी स्थिति पर भी ले जा सकता हूँ, पर कृपया एक बार चौपाल के अनुक्रम - विषय सूची - को देख लें और उसकी उपयोगिता के बारे में विचार कर के फ़ैसला करें।

आप सभी लोग अपना निजी समय निकाल के यहाँ योगदान करते हैं, अतः अगर इस काम से आपकी उत्पादकता में ह्रास होता है तो मैं सहर्ष चौपाल कोपुरानी स्थिति में ले आऊँगा - बल्कि वह अपने आप ही पुरानी स्थिति में आ जाएगा।

-- आलोक ०३:४७, २ सितंबर २००९ (UTC)

अच्छी सोच है आलोक जी। हालाँकि आपने थोड़ा experimentation किया पर उससे फायदा तो होना चाहिए। पर current पन्ने को समयबद्ध ही रखें तो अच्छा होगा। वैसे भी यह पन्ना काफी बड़ा हो गया है, क्यों ना इसे पुरालेख में डाल दिया जाए और नए पन्ने पर शुरूआत हो। :-) -- सौरभ भारती (वार्ता) ०५:४३, २ सितंबर २००९ (UTC)
आलोक जी को सुझाव के लिए धन्यवाद। मैं सौरभ जी की बात से सहमत हूँ।--सुरुचि ०५:४७, २ सितंबर २००९ (UTC)
आलोक भाई का सुझाव सही है। चौपाल की वार्ता को अधिक व्यवस्थित किया जाय इसके अलावा इस चौपाल पर अधिक खुली एवं व्यापक वार्ता हो। अनुनाद सिंह ११:०६, २ सितंबर २००९ (UTC)

मुझे चौपाल पर आलोक जी की मेहनत साफ दिख रही है। बढ़िया है कि आप मेहनती हैं। हमारे पास सक्रिय सदस्यों की बहुत कमी है। आप अपनी समय एवं ऊर्जा कृपया लेखों को बनाने एवं सुधारने में लगाएँ। इससे हमारी प्यारी हिन्दी विकि का बहुत भला होगा।--Munita Prasadवार्ता १२:०६, २ सितंबर २००९ (UTC)

आलोक जी का सुझाव अति-प्रशंसनीय है। यह कार्य भी खास है, जो कि कुछ समय से मैं भी करता आ रहा हूं, यानि कि चौपाल की चर्चाओं को उपरोक्त पीले सांचे के अनुसार वर्गीकृत कर उनके संबंधित पृष्ठों पर पहुंचाना। किंतु उनका तरीका गलत रहा, यानि उन्हें पहले ये चर्चा कर के आवश्यक समर्थन, नहीम तो कम से कम सूचना अवश्य देनी चाहिये थी। इस कारण ये परमार्थ भी बेकार हो गया। प्रशंसा पाने के अधिकारी को आलोचनाएं मिलीं। इसके अलावा, उनका यहां योगदान मात्र अगस्त माह से ही आरंभ हुआ है, तो कोई जानता भी नहीं है, कि ये किसी नौसिखिये ने तो नहीं किया, ठीक वैसे से ही जैसे एक बार निर्वाचित लेख प्रत्याशी के पृष्ठ के साथ ऐसा हुआ था, जिसके लिए मैंने शायद मुक्ता जी को लिखा था। उन्हें बुरा लगा, किंतु यहां किसको पता था, कि वे हिन्दी से जुड़ी हुई हैं। ये तो बाद में पता चला। वैसे ही आलोक जी के बारे में बाद में पता चला, कि उन्हें ये आइडिया था, कि कैसे और कहां लगानी है, च्गयी चर्चा की अंश मात्रा। खैर जो हुआ ठीक हुआ। अब सब सही रहे ऐसी कामना है। हां मेरे विचार से हमें संबंधित चर्चाएं एक संदूक के अंदर आरंभ करनी चाहियें, जैसे कि मैंने कई चर्चाओं को किया भी है। कृपया सभी उस संदूक के अंदर ही संबंधित चर्चाएं लिखें। हां नीचे चाहें तो एक संदूक नयी चर्चाओं के लिए भी बनाया जा सकता है। इस संदर्भ में मैं एक बात ऊपर कहना भूल गया, जो अब लिखता हूं। वो ये है, कि आ्लोक जी का कार्य सराहनीय है। उनका आभार करता हूं।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०३:२२, ४ सितंबर २००९ (UTC)

मै सभी विकिपीडियन मित्रोँको जानकारी देरहा हुँ की मेरा पुराना खाताका पास वर्ड भुल जानेके कारण नयाँ एकाउंट बनाया है यहाँ मैने अपना पुराना युजर पेज (User:Rameshti) को (सदस्य:राम प्रसाद जोशी) में रिडाइरेक्ट कर दिया है अगर मेरेसे कोही गल्ती हो गई हो तो कृपया आपलोग मुझे सुझाव दें *धन्यवाद!


डॉ.हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय

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साँचा:कुछ प्रसिद्ध पूर्व छात्र इस शीर्षक के अंतर्गत दिया गया राजपाल यादव का नाम शायद नहीं दिया गया था|जहाँ तक मेरा ज्ञान है उन्होने अपनी शिक्षा सरदार पटेल हिन्दू इंटर महाविद्यालय,शाहजहाँपुर से की है|इस सम्बन्ध में क्या इस प्रष्ठ पर दी गयी जानकारी को सुधार किया जाये | कड़ी: यहाँ

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