विग्रहराज प्रथम
विग्रहराज प्रथम(734-759 ई.तक) चौहान राजवंश के भारतीय राजा थे। भारत में राजस्थान के कुछ हिस्सों पर शासन किया। उन्हें विग्रहणर्प के नाम से भी जाना जाता है।[1]
विग्रहराज प्रथम | |
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चौहाण राजा | |
शासनावधि | लगभग 734-759 ई॰ |
पूर्ववर्ती | अजयराज प्रथम |
उत्तरवर्ती | चंद्रराज प्रथम |
राजवंश | चौहान वंश |
विग्रहराज अपने पिता अजयराज प्रथम के बाद राजा बने।[2] पृथ्वीराज विजय के अनुसार उन्होंने सैनिक विद्रोह से राज्य प्राप्त किया।[3]
पृथ्वीराज विजय के अनुसार उनके चंद्रराज एवं गोपेंद्रराज नाम के दो पुत्र थे। उनके पश्चात् चंद्रराज राज बने और उनके पश्चात् गोपेंद्रराज राजा बने।[2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Anita Sudan 1989, पृ॰ 116.
- ↑ अ आ R. B. Singh 1964, पृ॰ 55.
- ↑ R. B. Singh 1964, पृ॰ 88.
ग्रंथसूची
संपादित करें- Anita Sudan (1989). A study of the Cahamana inscriptions of Rajasthan. Research. OCLC 20754525.
- R. B. Singh (1964). History of the Chāhamānas. N. Kishore. OCLC 11038728.