बाज़ार अर्थव्यवस्था

(विनिमय (अर्थशास्त्र) से अनुप्रेषित)

बाज़ार अर्थव्यवस्था (market economy) ऐसी अर्थव्यवस्था होती है जिसमें निवेश, उत्पादन और वितरण के निर्णय उन मूल्य संकेतों द्वारा निर्धारित होते हैं जो प्राकृतिक रूप से स्वयं ही माँग और आपूर्ति कि स्थितियों से उत्पन्न हों। ऐसी अर्थव्यवस्था में किसी चीज़ की बाज़ार में क्या कीमत हैं, यह निर्णय उस चीज़ की ग्रहकों द्वारा माँग और उत्पादकों द्वारा उत्पादन की मात्रा पर निर्भर होता है। इसके विपरीत ऐसी अर्थव्यवस्थाएँ होती हैं जहाँ चीज़ों की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित होती हैं। आर्थिक रूप से बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं में अन्य अर्थव्यवस्थाओं से अधिक आर्थिक दक्षता होती है।[1][2]

इन्हें भी देखें

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  1. Gregory and Stuart, Paul and Robert (2004). Comparing Economic Systems in the Twenty-First Century (7th संस्करण). George Hoffman. पृ॰ 538. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-618-26181-8. Market Economy: Economy in which fundamentals of supply and demand provide signals regarding resource utilization.
  2. Altvater, E. (1993). The Future of the Market: An Essay on the Regulation of Money and Nature After the Collapse of "Actually Existing Socialism. Verso. पृ॰ 57.