Shivamdwivedi78 के सदस्य योगदान

योगदान खोजेंविस्तार करेंछोटा करें
⧼contribs-top⧽
⧼contribs-date⧽

2 फ़रवरी 2024

22 दिसम्बर 2023

21 दिसम्बर 2023

18 दिसम्बर 2023

22 जुलाई 2023

  • 03:2003:20, 22 जुलाई 2023 अन्तर इतिहास +1,253 मदालसासामग्री जोड़ी *मदालसा ज्ञानी थी। उसने अपने सभी पुत्रों को भी ज्ञानी बना दिया। अपने बच्चों को पालने में झुलाते समय वह गाया करती थी : “शुद्धोऽसि बुद्धोऽसि निरंजनोऽसि संसारमायापरिवर्जितोऽसि - हे वत्स, तुम विशुद्ध हो, बुद्ध हो, निरंजन तथा जन्म-मरण के बन्धनों से मुक्त हो ।” बच्चे माता के दुग्ध के साथ-साथ वेदान्त की इस शिक्षा को भी आत्मसात् कर समय आने पर सन्त हो गये । सभी नारियों को मदालसा के पदचिह्नों का अनुसरण करते हुए अपनी सन्तान को सत्य तथा न्याय के मार्ग के अनुगमन के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।* वर्तमान टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

17 जुलाई 2023

7 जुलाई 2023

1 जुलाई 2023