"कांधार": अवतरणों में अंतर
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== कंदहार प्रदेश ==
अफगानिस्तान का एक प्रांत है। इसके उत्तर में ताइमानी तथा काबुल, पूर्व तथा दक्षिण में बलूचिस्तान और पश्चिम में फराह है। यदि काबुल से फराह तक एक सीधी रेखा मिला दी जाए तो यह प्रदेश दो स्पष्ट भागों में विभक्त हो जाता है। इस रेखा के उत्तर का भाग पहाड़ी है। धरातलीय ऊँचाई 4,000 फुट से 10,000 फुट तक है। दक्षिणी भाग नीचा है। अफगानिस्तान का एकमात्र मैदान हरौत, फराह एवं [[हेलमंद नदी]] द्वारा निर्मित है। कंदहार नगर के दक्षिण तथा पश्चिम में क्रमश: रेगिस्तान एवं अफगान-सीस्तान की मरुभूमि है। हेलमंद रेगिस्तानी नदी है जो उत्तर के ऊँचे पहाड़ों से निकलकर सीस्तान की मरुभूमि में समाप्त हो जाती है। प्राचीन काल में काबुल के नीचे के देश एवं कंदहार को गांधार देश कहते थे। [[धृतराष्ट्र]] की पत्नी [[गांधारी]] यहीं की थीं। यह [[सम्राट अशोक]] के सीमांत राज्यों में था। 11वीं सदी में [[महमूद गज़नवी]] ने कंदहार को अफगानों से छीन लिया था और 200 वर्षों तक उसके वंशजों का यहाँ साम्राज्य रहा। तदनंतर यह [[चंगेख खाँ]], [[तैमूर लंग]], [[बाबर]] और उसके परवर्ती मुगल सम्राटों (1625 ई. तक), ईरान के शाह अब्बास प्रथम, [[नादिर शाह]], [[अहमदशाह दुर्रानी]] तथा अंग्रेजी साम्राज्य का अंग बना रहा। सन् 1747 ई. में अहमदशाह दुर्रानी ने अफगान साम्राज्य की नींव रखी और आधुनिक स्थल पर कंदहार नगर की, राजधानी के रूप में, स्थापना की।
==इन्हें भी देखें==
*[[हेलमंद नदी]]
{{अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत}}
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