"श्लोक": अवतरणों में अंतर
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[[अनुष्टुप छंद]] का पुराना नाम । किन्तु आजकल संस्कृत का कोई छंद या पद्य 'श्लोक' कहलाता है।
; 'श्लोक' का शाब्दिक अर्थ
१)आवाज, ध्वनि, शब्द।
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४. कीर्ति। यश।
५. किसी गुण या विशेषता का प्रशंसात्मक कथन या वर्णन। जैसे—शूर-स्लोक अर्थात् शूरता का वर्णन।
[[श्रेणी:संस्कृत साहित्य]]
[[श्रेणी:लेखन]]
[[श्रेणी:उत्तम लेख]]
[[de:Shloka]]
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