"सिन्धु-गंगा का मैदान": अवतरणों में अंतर

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[[File:Indo-Gangetic Plain.png|300px|right|thumb|इंडो-गैंजेटिक मैदानी क्षेत्र के योजनाबद्ध मानचित्र]]
 
'''सिन्धु-गंगा के मैदान''' , जिन्हें '''उत्तरी मैदानी क्षेत्र''' तथा '''उत्तर भारतीय नदी क्षेत्र''' भी कहा जाता है, एक विशाल एवं उपजाऊ [[मैदान (भूगोल)|मैदानी]] इलाका है जिसका अधिकांश भाग उत्तरी तथा पूर्वी [[भारत|भारत]], [[पाकिस्तान|पाकिस्तान]] के सर्वाधिक आबादी वाले भू-भाग, दक्षिणी [[नेपाल|नेपाल]] के कुछ भू-भाग तथा लगभग पूरे [[बांग्लादेश|बांग्लादेश]] को शामिल करता है. इस क्षेत्र का यह नाम इसे सींचने वाली सिन्धु तथा [[गंगा नदी|गंगा]] नामक दो नदियों के नाम पर पड़ा है.
 
खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी होने के कारण इस इलाके में जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक है.
 
7,00,000 वर्ग किमी (2,70,000 वर्ग मील) जगह पर लगभग 1 अरब लोगों (या लगभग पूरी दुनिया की आबादी का 1/7वां हिस्सा) का घर होने के कारण यह मैदानी इलाका [[पृथ्वी|धरती]] की सर्वाधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है. सिन्धु-गंगा के मैदानों पर स्थित बड़े शहरों में [[अहमदाबाद|अहमदाबाद]], [[लुधियाना|लुधियाना]], [[अमृतसर|अमृतसर]], [[चण्डीगढ़|चंडीगढ़]], [[दिल्ली|दिल्ली]], [[जयपुर|जयपुर]], [[कानपुर नगर जिला|कानपुर]], [[लखनऊ|लखनऊ]], [[इलाहाबाद|इलाहाबाद]], [[वाराणसी|वाराणसी]], [[पटना|पटना]], [[कोलकाता|कोलकाता]], [[ढाका|ढाका]], [[लाहौर|लाहौर]], [[फैसलाबाद|फैसलाबाद]], [[रावलपिंडी|रावलपिंडी]], [[इस्लामाबाद|इस्लामाबाद]], [[मुल्तान|मुल्तान]], हैदराबाद और [[कराची|कराची]] शामिल है. इस क्षेत्र में, यह परिभाषित करना कठिन है कि एक महानगर कहां शुरू होता है और कहां समाप्त होता है.
 
सिन्धु-गंगा के मैदान के उत्तरी छोर पर अचानक उठने वाले [[हिमालय|हिमालय]] के पर्वत हैं, जो इसकी कई नदियों को जल प्रदान करते हैं तथा दो नदियों के मिलन के कारण पूरे क्षेत्र में इकट्ठी होने वाली उपजाऊ जलोढ़ मिटटी के स्रोत हैं. इस मैदानी इलाके के दक्षिणी छोर पर [[विन्ध्याचल|विंध्य]] और [[सतपुड़ा|सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाएं]] तथा छोटा नागपुर का पठार स्थित है. पश्चिम में ईरानी पठार स्थित है.
 
==विभाजन==
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एक अन्य परिभाषा के अनुसार, सिन्धु-गंगा के मैदान दिल्ली रिज द्वारा दो घाटियों में विभाजित हैं; पश्चिमी भाग में पंजाब और हरियाणा के मैदानी इलाके स्थित हैं और पूर्वी भाग गंगा-ब्रह्मपुत्र की जल निकासी प्रणालियों से बना है. यह विभाजन समुद्र की सतह से केवल 300 मीटर ऊपर है, जिसके कारण ऐसी धारणा है कि सिन्धु-गंगा के मैदान दोनों घाटियों के बीच निरंतर (अविभाजित) प्रतीत होते हैं.
 
पंजाब एवं हरियाणा के मैदानी इलाकों की सिंचाई [[रावी नदी|रावी]], [[ब्यास नदी|ब्यास]] और [[सतलुज नदी|सतलुज]] नदियों द्वारा की जाती है. इन नदियों पर सिंचाई परियोजनाओं में हुई प्रगति के कारण पानी का प्रवाह कम हुआ है, जो भारत के [[पंजाब|पंजाब]] राज्य की निचली घाटी के इलाकों तथा पाकिस्तान में सिंधु घाटी तक पहुंचता है. सिंचाई की वृद्धि से हरियाणा के किसानों को होने वाला लाभ उन प्रभावों की वजह से विवादित है जो भारत और पाकिस्तान, दोनों के पंजाब के क्षेत्रों के कृषि जीवन पर सिंचाई की वजह से पड़ा है.
 
मध्य गंगा पश्चिम में यमुना नदी से ले कर पूर्व में [[पश्चिम बंगाल|पश्चिम बंगाल]] तक फैली हुई है. गंगा के निचले इलाके और असम घाटी के इलाके मध्य गंगा के इलाकों से अधिक हरे हैं.
 
गंगा का निचला हिस्सा पश्चिम बंगाल में केंद्रित है, जहां यमुना से जुड़ कर गंगा डेल्टा बनाने के बाद, दोनों नदियां भारत में बहती हैं.
 
ब्रह्मपुत्र की शुरुआत [[तिब्बत|तिब्बत]] में यारलुंग जेंग्बो नदी के रूप में होती है तथा [[बांग्लादेश|बांग्लादेश]] को पार करने से पहले यह [[अरुणाचल प्रदेश|अरुणाचल प्रदेश]] और [[असम|असम]] से हो कर बहती है.
 
==सीमा==
एक बड़े मैदान के रूप में, सटीक सीमा एक स्रोत से दूसरे स्रोत तक अलग-अलग हो सकती हैं. मोटे तौर पर, सिन्धु-गंगा का मैदान निम्न हिस्सों में फैला हुआ है:
* उत्तर में कश्मीर;
* पाकिस्तान का [[पंजाब (पाकिस्तान)|पंजाब]] क्षेत्र और
[[अरावली|अरावली श्रृंखला]];
* पश्चिम में [[सिंध|सिंध]];
* पूर्व में [[असम|असम]] और [[बांग्लादेश|बांग्लादेश]] में हिमालय की तलहटी तक; और
* दक्षिण में [[विन्ध्याचल|विंध्य]] - और [[सतपुड़ा|सतपुड़ा श्रृंखला,]] और छोटा नागपुर का पठार.
*[[गुजरात|गुजरात]] के उत्तरी हिस्से तक फैला है
 
इस मैदान का उपजाऊ [[तराई क्षेत्र|तराई]] क्षेत्र [[नेपाल|नेपाल]] तक फैला है. इसके चारों ओर से हो कर गुजरने वाली नदियों में [[ब्यास नदी|ब्यास]], [[चम्बल नदी|चंबल]], चिनाब, [[गंगा नदी|गंगा]], [[गोमती|गोमती]], [[सिन्धु नदी|सिन्धु]], [[रावी नदी|रावी]], सतलुज और यमुना शामिल हैं. मिट्टी तलछट से भरपूर है, जिससे यह मैदानी इलाका दुनिया के उन मैदानों में से एक है जहां सबसे अधिक कृषि की जाती है. यहां के ग्रामीण क्षेत्र भी [[जनसंख्या घनत्व|घनी आबादी वाले]] हैं.
 
==भूगोल==
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== जीव-जंतु ==
अभी हाल ही तक, सिन्धु-गंगा के खुले घास के मैदान पशुओं की कई प्रजातियों के निवास-स्थान थे. खुले मैदानों में बड़ी संख्या में शाकाहारी पशु पाए जाते थे जिनमे गैंडों की तीन प्रजातियां (भारतीय गैंडे, जावा में पाए जाने वाले गैंडे, सुमात्रा में पाए जाने वाले गैंडे) भी शामिल थीं. ये खुले घास के मैदान कई मामलों में आधुनिक अफ्रीका के विशाल मैदानों जैसे थे. इन घास के मैदानों में बारहसिंगा, भैंसे, गैंडे, हाथी, शेर, और दरियाई घोड़े उसी तरह से विचरण करते थे, जैसे वे आज अफ्रीका में करते हैं. अब विलुप्त हो चुके ओरॉक सहित, हाथियों के बड़े समूह, बारहसिंगा, हिरण, तथा घोड़ों के साथ जंगली पशुओं की कई प्रजातियां यहां रहती थीं. वन क्षेत्रों में जंगली सूअर, [[हिरण|हिरण]] व साम्भर की कई प्रजातियां पाई जाती थीं. [[गंगा नदी|गंगा]] के करीब दलदली क्षेत्रों में [[दरियाई घोड़ा|दरियाई घोड़ों]] की विलुप्त प्रजातियों के साथ भैंसों के विशाल समूह चरते हुए नज़र आते थे.
 
इसलिए इतनी विशाल संख्या में जानवरों ने अवश्य ही मांसाहारी जानवरों की बड़ी संख्या को भी आकर्षित किया होगा. भेड़िये, सियार, धारीदार लक्कड़बग्घे, भारतीय चीते और एशियाई शेर ने खुले मैदानों पर अत्यधिक शिकार किया होगा जबकि बाघों और तेंदुओं ने आसपास के जंगलों में शिकार किया होगा. गंगा में बड़ी संख्या में [[घड़ियाल, पशु|घड़ियाल]], मगरमच्छ और नदी में मिलने वाली डॉल्फिन मिलती थीं, जो मछलियों तथा कभी कभार नदी पार करने वाले झुंडों की संख्या को (शिकार द्वारा) नियंत्रित रखते थे.
 
==कृषि==
सिन्धु-गंगा के मैदानों में मुख्यतः [[चावल|चावल]] और [[गेहूँ|गेहूं]] की खेती की जाती है, जिन्हें [[फसल चक्र|बारी-बारी]] से उपजाया जाता है. अन्य फसलों में [[मक्का (फसल)|मक्का]], [[गन्ना|गन्ना]] और [[कपास|कपास]] शामिल है.
 
वर्षा का मुख्य स्रोत दक्षिण पश्चिम मानसून है जो आम तौर पर सामान्य कृषि के लिए पर्याप्त है. हिमालय से निकलने वाली कई नदियां सिंचाई के प्रमुख कामों के लिए पानी उपलब्ध करती हैं.
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== इतिहास ==
 
इस क्षेत्र को [[पाकिस्तान|पाकिस्तान]] में केन्द्रित [[सिंधु घाटी सभ्यता|सिन्धु घाटी सभ्यता]] के लिए जाना जाता है जो प्राचीन दक्षिण एशियाई संस्कृति के जन्म के लिए उत्तरदायी थी. समतल और उपजाऊ क्षेत्र में विभिन्न साम्राज्यों का उदय एवं विस्तार हुआ जिनमे गुप्त साम्राज्य, कन्नौज, [[मगध महाजनपद|मगध]], [[मौर्य राजवंश|मौर्य साम्राज्य]], [[मुग़ल साम्राज्य|मुगल साम्राज्य]] और दिल्ली सल्तनत शामिल है - इन सभी साम्राज्यों के जनसांख्यिकीय और [[राजनीति|राजनीतिक]] केंद्र सिन्धु-गंगा के मैदानों में स्थित थे. भारतीय इतिहास के [[वैदिक सभ्यता|वैदिक]] और महाकाव्य युग के दौरान, इस क्षेत्र को "आर्यावर्त" ([[आर्य|आर्यों]] की भूमि) कहा जाता था जो पश्चिम में सिन्धु नदी तक तथा दक्षिण में विन्ध्य पर्वत श्रृंखलाओं तक फैला हुआ था. इस्लामी काल के दौरान, तुर्की [[पठान|अफगान]] और [[ईरान|इरान]] के शासकों ने इस क्षेत्र को "हिन्दुस्तान" (''हिन्दुओं की भूमि'' ) का नाम दिया, जो सिन्धु नदी के [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] शब्द के लिए प्रयुक्त हुआ है. बाद में इस शब्द का प्रयोग पूरे [[भारत|भारत]] का उल्लेख करने के लिए किया गया, किन्तु आधुनिक युग में भी, इस क्षेत्र में बोली जाने वाली [[हिन्दी|हिंदी]]-[[उर्दू भाषा|उर्दू]] की प्राकृत भाषा को [[हिन्दुस्तानी भाषा|हिन्दुस्तानी]] कहा जाता है, यह एक ऐसा शब्द है जिसका प्रयोग स्थानीय संगीत व संस्कृति के लिए भी किया जाता है.<ref name="CIA World Factbook - India">{{cite web|url = https://www.cia.gov/library/publications/the-world-factbook/geos/in.html| title = India|publisher = CIA – The World Factbook|accessdate = 2007-12-14}}</ref><ref name="Indian Melody - Hindustani Classical Music">{{cite web|url = http://www.indianmelody.com/hindustani.htm| title = Hindustani Classical Music|publisher = Indian Melody |accessdate = 2007-12-14}}</ref>
 
ब्रिटिश और स्वतंत्र भारत, दोनों के जनसांख्यिकीय और राजनीतिक केंद्र (पहले कलकत्ता में और फिर [[दिल्ली|दिल्ली]] में) यहीं स्थित थे.
 
==भाषाएं==
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==शहर==
सिन्धु-गंगा के मैदानों पर स्थित बड़े शहरों में [[भारत|भारत]] के [[अहमदाबाद|अहमदाबाद]], [[लुधियाना|लुधियाना]], [[अमृतसर|अमृतसर]], [[चण्डीगढ़|चंडीगढ़]], [[दिल्ली|दिल्ली]], [[जयपुर|जयपुर]], [[कानपुर नगर जिला|कानपुर]], [[लखनऊ|लखनऊ]], [[इलाहाबाद|इलाहाबाद]], [[वाराणसी|वाराणसी]], [[पटना|पटना]], एवं [[कोलकाता|कोलकाता]], [[बांग्लादेश|बांग्लादेश]] में [[ढाका|ढाका]], तथा [[पाकिस्तान|पाकिस्तान]] के [[लाहौर|लाहौर]], [[फैसलाबाद|फैसलाबाद]], [[रावलपिंडी|रावलपिंडी]], [[इस्लामाबाद|इस्लामाबाद]], [[मुल्तान|मुल्तान]], [[हैदराबाद (पाकिस्तान)|हैदराबाद]] और [[कराची|कराची]] शामिल हैं. इस क्षेत्र में यह परिभाषित करना कठिन है कि एक महानगर कहां से शुरू होता है और कहां ख़त्म होता है.
 
==प्रशासनिक विभाजन==
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निम्न क्षेत्रों का लगभग पूरा भाग या आधे से अधिक भाग मैदानी इलाकों का हिस्सा है:
*[[बांग्लादेश|बांग्लादेश]] (लगभग पूरा देश)
*[[भारत|भारत]]
**[[असम|असम]]
**[[बिहार|बिहार]]
**[[दिल्ली|दिल्ली]]
**[[गुजरात|गुजरात]]
**[[हरियाणा|हरियाणा]]
**[[पंजाब|पंजाब]]
**[[राजस्थान|राजस्थान]]
**[[त्रिपुरा|त्रिपुरा]]
**[[उत्तर प्रदेश|उत्तर प्रदेश]]
**[[पश्चिम बंगाल|पश्चिम बंगाल]]
*[[नेपाल|नेपाल]]
**मधेश
*[[पाकिस्तान|पाकिस्तान]]
**[[पंजाब (पाकिस्तान)|पंजाब]]
**[[सिंध|सिंध]]
 
प्रशासनिक क्षेत्रों के निम्नलिखित छोटे हिस्से मैदान का हिस्सा नहीं हैं या इनमें से कुछ हैं:
*[[भारत|भारत]]
**[[मध्य प्रदेश|मध्यप्रदेश]]
**[[मेघालय|मेघालय]]
**[[झारखंड|झारखंड]]
**[[उड़ीसा|उड़ीसा]]
*[[पाकिस्तान|पाकिस्तान]]
**[[बलूचिस्तान|बलूचिस्तान]]
**[[पाकिस्तान का उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त|खैबर पख्तूनख्वा]]
*कश्मीर क्षेत्र
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{{coord missing|Bangladesh}}
 
[[Categoryश्रेणी:भारत के मैदानी क्षेत्र]]
[[Categoryश्रेणी:पाकिस्तान के मैदानी क्षेत्र]]
[[Categoryश्रेणी:नेपाल के मैदानी क्षेत्र]]
[[Categoryश्रेणी:बांग्लादेश के मैदानी क्षेत्र]]
[[Categoryश्रेणी:एशिया के मैदानी क्षेत्र]]
[[Categoryश्रेणी:जनसंख्या घनत्व]]
[[Categoryश्रेणी:स्थिरता और जनसंख्या]]
[[श्रेणी:उत्तम लेख]]
 
[[bn:সিন্ধু-গাঙ্গেয় সমভূমি]]