"हिन्दी व्याकरण का इतिहास": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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**आ - उत्तर आदिकाल - पाश्चात्य वैयाकरण युग (सन् 1680 से 1855 ई. तक)
*2. ''' मध्यकाल '''
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** ई - उत्तर मध्यकाल - केलॉग युग (सन् 1676 से 1920 ई. तक)
*3. '''आधुनिक काल'''
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5. "हिन्दी-व्याकरण", भूमिका, पृ. 4-5.
12. Indian Linguistics, ग्रियर्सन अभिनन्दन ग्रंथ, खंड IV, 1935; पुनर्मुद्रण - S. K. Chatterji: "SELECT WRITINGS", Vol. 1, Vikas Publishing House Pvt. Ltd., New Delhi, 1978, pp.
13. 'भारतीय अनुशीलन', महामहोपाध्याय गौरीशंकर हीराचंद ओझा के सम्मान में समर्पित, 23वाँ हिन्दी साहित्य सम्मेलन, दिल्ली, 1933, विभाग 4, अर्वाचीन काल, पृ. 30-36.
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25. बुलन्द शहर एवं खुर्जा तहसीलो की बोलियों का संकालिक अध्ययन - डा. महावीर सरन जैन ( हिन्दी सहित्य सम्मेलन, 12, सम्मेलन मार्ग, इलाहाबाद,1967 )
26. परिनिष्ठित हिन्दी का ध्वनिग्रामिक
27. परिनिष्ठित हिन्दी का रूपग्रामिक
28. प्रकाशक - सरस्वती सदन, आगरा, 1962; कुल 224 पृष्ठ ।
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*[http://prakashblog-google.blogspot.com/2011/03/blog-post.html हिंदी व्याकरण का इतिहास] - डॉ.अनंतनाथ चौधरी के पुस्तक की समीक्षा और व्याकरण की परंपरा]
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