"मोरबी": अवतरणों में अंतर

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'''मोरबी''' या '''मोरवी''' [[गुजरात]] राज्य के [[राजकोट जिला|राजकोट जिले]] के अन्तर्गत आता है। यह राजकोट से मात्र 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सन्मच्छू 1947 तक मोरबी प्रिंसली स्‍टेट था। मयूरद्वाज मोरबीनदी के राजातट थे।पर 1978स्थित मेंहै। आईराजकोट बाढ़से केरेल कारणऔर मोरबीसड़क निर्जनद्वारा होजुड़ा गयाहै। था।यहाँ इसके[[गुजरात सभीविश्वविद्यालय]] एतिहासिकसे स्मारकों को बाढ ने जर्जर कर दिया था। लेकिन अब मोरबी नेसंबद्ध एक बारटेक्निकल फिरइंस्टिट्यूट टाईल्सहै, औरजिसकी घडीस्थापना बनाने1951 केई. कारखानेमें केहुई बल पर अपने को खड़ा कर लिया है।थी।
 
[[भारत]] के स्वतंत्र होने से पहले यह देशी राज्य पूर्वी कठियावाड़ सबएजेंसी के अधिकार में था। इसका क्षेत्रफल 822 वर्ग मील था। यहाँ के शासक (पदवी ठाकुर) जदेजा राजपूत थे और अपने को कच्छ के राव का वंशज मानते थे। फरवरी 15, 1948 ई. में यह सौराष्ट्र में मिला दिया गया। अब यह क्षेत्र गुजरात राज्य में है।
 
मयूरद्वाज मोरबी के राजा थे। 1978 में आई बाढ़ के कारण मोरबी निर्जन हो गया था। इसके सभी एतिहासिक स्मारकों को बाढ ने जर्जर कर दिया था। लेकिन अब मोरबी ने एक बार फिर टाईल्स और घडी बनाने के कारखाने के बल पर अपने को खड़ा कर लिया है।
 
मोरबी प्राचीन जडेजा राजपूतों की राजधानी था। मच्छु नदी के किनारे बसा मोरबी गुजरात का एक सुन्दर शहर है। मध्‍य काल में भारी मात्रा में बारिश होने के कारण मच्छु बांध टूट गया था। आज भी मोरबी में होने वाली भारी तबाही की भविष्यवाणी को व्यक्त करने वाले लोक गीत इस राज्य के चारणों द्वारा सुने जा सकते है।
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* [http://www.morbiceramicindustry.com/how_to_reach_and_where_to_stay_in_morbi.html मोरबी कैसे पहुंचें व कहां ठहरें]
 
[[Categoryश्रेणी:गुजरात के शहर]]
[[Categoryश्रेणी:भारतीय रजवाड़े]]
 
[[bpy:মোরবি]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/मोरबी" से प्राप्त