"भाष्य": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
VibhijainBot (वार्ता | योगदान) छो →बाहरी कड़ियाँ: Adding template using AWB |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 7:
भाष्य, मोक्ष की प्राप्ति हेतु '''अविद्या''' (ignorance) का नाश करने के साधन के रूप में जाने जाते हैं। [[पाणिनि]] के [[अष्टाध्यायी]] पर [[पतंजलि]] का [[महाभाष्य|व्याकरणमहाभाष्य]] और [[ब्रह्मसूत्र| ब्रह्मसूत्रों]] पर [[शांकरभाष्य]] आदि कुछ प्रसिद्ध भाष्य हैं।
==भाष्यकार==
[[पराशरपुराण]] में भाष्यकार के पाँच कार्य गिनाये गये हैं-
: पदच्छेदः पदार्थोक्तिर् विग्रहो वाक्ययोजना |
: आक्षेपेषु समाधानं व्याख्यानं पंचलक्षणम् ||
==प्रकार==
भाष्य कई प्रकार के होते हैं - प्राथमिक, द्वितियक या तृतियक। जो भाष्य मूल ग्रन्थों की टिका करते हैं उन्हें प्राथमिक भाष्य कहते हैं। किसी ग्रन्थ का भाष्य लिखना एक अत्यन्त विद्वत्तापूर्ण कार्य माना जाता है।
|