"चीनी भावचित्र": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 7:
वैसे तो चीनी में दसियों हज़ार भावचित्र हैं, लेकिन इन में से अधिकतर केवल ऐतिहासिक लिखाइयों में देखने को मिलते हैं। अध्ययन से पता चला है कि साधारण चीनी में साक्षर होने के लिए तीन से चार हज़ार भावचित्रों का जानना काफ़ी है। हर चीनी भावचित्र के साथ एक उच्चारण और एक अर्थ जुड़ा होता है और ज़्यादातर चीनी शब्द दो भावचित्रों के साथ लिखे जाते हैं (हालांकि कुछ सरल शब्द एक से भी लिखे जाते हैं)। यह ध्यान रहे कि उच्चारण उपभाषा और भाषा के साथ बदलता है। यह [[देवनागरी]] लिपि कि तरह नहीं है कि किसी अक्षर का हर जगह वही उच्चारण हो। इसे समझने के लिए सोचिये कि अगर कोई पहाड़ का चित्र देखे तो वह सबको समझ आ जाएगा, लेकिन [[हिंदी]] बोलने वाला उस शब्द को 'पर्वत' कहेगा, [[फ़ारसी]] बोलने वाला 'कोह' कहेगा और [[अंग्रेज़ी]] बोलने वाला 'माऊन्टेन' कहेगा।
 
==रूप और सरलीकरण==
चीनी भावचित्रों के अक्सर दो या तीन रूप होते हैं:
* एक रूप [[मुद्रण मशीन|छापने]] के लिए इस्तेमाल होता है, जिसमें आसानी के लिए हर भावचित्र एक चकोर अकार के बराबर बनाया जाता है। इन्हें 'चकोर डब्बे के चिह्न' (चीनी में 方塊字 'फ़ांगकुआईज़ी' और अंग्रेज़ी में <small>Square-Block Characters</small> 'स्क्वेयर ब्लॉक कैरॅक्टर्ज़') कहा जाता है।<ref name="ref95yixur">[http://books.google.com/books?id=iGodMpTMEPUC Gateway to Chinese culture], Chunjiang Fu, Asiapac Books Pte Ltd, 2003, ISBN 9789812293282, ''... The Chinese script is one of the oldest in the world. Each character is written by itself in a square block, hence the name 'square block characters' ...''</ref>
* एक रूप हाथ से जल्दी लिखने की आसानी के लिए होता है। इसकी लकीरें बहती हुई और कभी-कभी थोड़ी अस्पष्ट होती हैं।
* अन्य रूप इन्हें चित्रों और मन्त्रों में लिखने के लिए होते हैं। इन्हें सौंदर्य और तस्वीरों में हिल-मिल जाने के लिए बनाया जाता है। यह चीनी और जापानी सभ्यता में एक कला मानी जाती है, जिसे अंग्रेज़ी में 'कैलीग्रफ़ी' (calligraphy), चीनी में 'शूफ़ा' (書法) और जापानी में 'शोदो' (書道) कहते हैं। [[भारतीय उपमहाद्वीप]] इस से मिलती-जुलती कला को प्राचीन इमारतों और ग्रंथों पर देखा जा सकता है। इसे भारत में 'ख़ुशख़ती' या '[[अक्षरांकन]]' कहा जाता है।<ref name="ref73darem">[http://books.google.com/books?id=_QIVAAAAYAAJ A new English-Hindustani dictionary], S. W. Fallon, John Drew Bate, E.J. Lazarus, 1883, ''... Calligraphy, n. khush-navisi; khush-khati ...''</ref>
 
समय के साथ-साथ बहुत सारे भावचित्र प्रचलित हो चुके थे और उनमें से बहुत लिखने में बड़े पेचीदे थे, इसलिए [[जापान]] और [[चीन]] की सरकारों ने इनमें कुछ मानकीकरण और सरलीकरण किये हैं। इस से चीनी भाषा के बहुत से शब्दों के दो रूप होते हैं - पारम्परिक चीनी रूप और सरलीकृत चीनी रूप। बहुत से शब्दों के जापानी और चीनी रूप भी मिलते-जुलते लेकिन ज़रा भिन्न होते हैं।
 
==भावचित्रों की क़िस्में==