"उत्तरी और दक्षिणी राजवंश": अवतरणों में अंतर

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इस उथल-पुथल के बावजूद इस काल में कला, विज्ञान और संस्कृति का विकास हुआ और [[हान चीनी]] जाति [[यांग्त्से नदी]] से दक्षिण के इलाक़ों में फैल गई। उत्तर में आये बहुत से ग़ैर-चीनी लोगों का चीनीकरण हुआ और दक्षिण में बस रहे बहुत से आदिवासियों को भी चीनी नस्ल और संस्कृति में मिला लिया गया। इसी काल में चीन में [[भारत]] से आई [[बौद्ध धर्म]] की [[महायान]] शाखा फैली और फल-फूली और साथ-साथ [[ताओ धर्म]] भी विस्तृत हुआ। चीन में [[स्तूप]] पर आधारित [[पगोडा]] का निर्माण भी शुरू हुआ, जिसे अब चीनी संस्कृति की पहचान माना जाता है और जिसका अविष्कार बौद्ध ग्रंथों और पांडुलिपियों को सुरक्षित करने के लिए किया गया था।<ref name="ref31yopig">[http://books.google.com/books?id=AAyQAAAAMAAJ An introduction to Buddhism], Jikidō Takasaki, Tōhō Gakkai, 1987, ISBN 9784924530041, ''... It was after entering the period of the Northern and Southern dynasties that Buddhism really took root in China and underwent spectacular developments ...''</ref><ref name="ref38yacav">[http://books.google.com/books?id=LpuAvqtfL20C The complete idiot's guide to Taoism], Brandon Toropov, Chad Hansen, Penguin, 2002, ISBN 9780028642628, ''... The Northern and Southern Dynasties (386-589) ... It was during this period that Taoism, which began as a philosophical movement, was proclaimed the official religion of the Northern Wei court ...''</ref>
 
चीन के इतिहास का यह काल तब समाप्त हुआ जब इस काल के वंशों में से एक (उत्तरी झोऊ) ने राज्यों को अपने अधीन कर लिया और सन् ५८९ में एक नए [[सुई राजवंश]] के नेतृत्व में चीन को फिर संगठित किया।किया गया।
 
==इन्हें भी देखें==