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[[File:Samuhik Yagya.jpg|thumb|230px|वैदिक रीति से होता यज्ञ]]
{{हिन्दू धर्म सूचना मंजूषा}}
'''वैदिक धर्म''' [[वैदिक सभ्यता]] का मूल धर्म था, जो [[भारतीय उपमहाद्वीप]] और [[मध्य एशिया]] में हज़ारों वर्षों से चलता आ रहा है। आधुनिक [[सनातन धर्म]] अथवा [[हिन्दू धर्म]] इसी धार्मिक व्यवस्था पर आधारित हैं। [[वैदिक संस्कृत]] में लिखे चार [[वेद]] इसकी धार्मिक किताबें हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार [[ऋग्वेद]] और अन्य वेदों के मन्त्र [[ईश्वर]] द्वारा ऋषियों को प्रकट किये गए थे। इसलिए वेदों को 'श्रुति' (यानि, 'जो सुना गया है') कहा जाता है, जबकि [[रामायण]] जैसे बाद के हिन्दू धर्म ग्रंथों को 'स्मृति' (यानि, 'जो मानव स्मृति पर आधारित है') कहा जाता है। वेदों को 'अपौरुषय' (यानि 'पुरुष द्वारा कृत नहीं') भी कहा जाता है, जिसका तात्पर्य है कि उनकी कृति दिव्य है।
'''वैदिक धर्म''' [[सनातन धर्म]] अथवा [[हिन्दू धर्म]] का दूसरा नाम है। [[वैदिक काल]] में और कोई धर्म व्याप्त नहीं था।
 
वैदिक धर्म की जड़ें [[आदिम हिन्द-ईरानी भाषा|आदिम हिन्द-ईरानी धर्म]] और उस से भी प्राचीन [[आदिम हिन्द-यूरोपीय भाषा|आदिम हिन्द-यूरोपीय धर्म]] तक पहुँचती हैं, जिनके कारण बहुत से वैदिक देवी-देवता [[यूरोप]], [[मध्य एशिया]] और [[ईरान]] के प्राचीन धर्मों में भी किसी-न-किसी रूप में मान्य थे, जैसे की मित्र, वरुण, बृहस्पति (द्यौस-पितृ), वायु-वात, सरस्वती, वग़ैराह। इसी तरह बहुत से हिन्दू धार्मिक शब्दों के [[सजातीय शब्द]] [[पारसी धर्म]] और प्राचीन यूरोपीय धर्मों में पाए जाते हैं, जैसे कि सोम (फ़ारसी: होम), यज्ञ (फ़ारसी: यस्न), इत्यादि।<ref name="ref47hahux">[http://books.google.com/books?id=Ev9nMSMVb-EC The Rig-Veda and Vedic Religion], Forgotten Books, ISBN 9781440085796</ref>
 
== आत्मा की एकता ==
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ऋतस्य पन्थां न तरन्ति दुष्कृतः।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[वैदिक संस्कृत]]
*[[हिन्दू धर्म]]
 
==सन्दर्भ==
<small>{{reflist|2}}</small>
 
{{हिन्दू धर्म}}
 
==बाहरी कड़ियां==
*[http://hindi.webduniya.com/religion/religion/hindu/0706/25/1070625022_1.htm वेब दुनिया पर वैदिक धर्म]
 
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]]