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==महत्व==
यद्यपि बहु नाधीषे तथापि पठ पुत्र व्याकरणम्।<br>
स्वजनो श्वजनो माऽभूत्सकलं शकलं सकृत्शकृत्॥
 
''(पुत्र! यदि तुम बहुत विद्वान नहीं बन पाते हो तो भी व्याकरण (अवश्य) पढ़ो ताकि 'स्वजन' 'श्वजन' (कुत्ता) न बने और 'सकल' (सम्पूर्ण) 'शकल' (टूटा हुआ) न बने तथा 'सकृत्' (किसी समय) 'शकृत्' (गोबर का घूरा) न बन जाय।)''
 
== संसार का सर्वप्रथम व्याकरण ==