"ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट": अवतरणों में अंतर

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[[File:Map Kashmir Standoff 2003Saqi_Map_Kashmir_Standoff_2003.png|thumb|230px|शक्स्गाम वादी कश्मीर के इस नक़्शे के मध्य उत्तर में देखी जा सकती है]]
'''काराकोरम-पार क्षेत्र''' (<small>[[अंग्रेज़ी]]: Trans-Karakoram Tract, ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट</small>) या '''शक्सगाम वादी''' एक लगभग ५,८०० वर्ग किमी का इलाक़ा है जो [[कश्मीर]] के उत्तरी [[काराकोरम पर्वतों]] में [[शक्सगाम नदी]] के दोनों ओर फैला हुआ है। यह [[भारत]] के [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य का हिस्सा हुआ करता था जिसे १९४८ में पाकिस्तान ने अपने नियंत्रण में ले लिया। १९६३ में एक सीमा समझौते के अंतर्गत [[पाकिस्तान]] ने इस क्षेत्र को [[चीन]] को भेंट कर दिया। पाकिस्तान की दलील थी कि इस से पाकिस्तान और चीन के बीच में मित्रता बन जाएगी और उनका कहना था की ऐतिहासिक रूप से इस इलाक़े में कभी अंतरराष्ट्रीय सीमा निर्धारित थी ही नहीं इसलिए इस ज़मीन को चीन के हवाले करने से पाकिस्तान का कोई नुक़सान नहीं हुआ। भारत इस बात का पुरज़ोर खंडन करता है और शक्सगाम को अपनी भूमि का अंग बताता है। उसके अनुसार यह पुरा क्षेत्र भारतीय [[जम्मू एवं कश्मीर]] राज्य का अभिन्न भाग है।<ref name="ref17yizob">[http://books.google.com/books?id=8hr-ztr49EMC The rise of China and international security: America and Asia respondAsian Security Studies], Routledge, 2009, ISBN 9781134079568, ''... there is the contentious issue of the Shaksgam Valley that Pakistan handed over to China in 1963 ...''</ref>