पंक्ति 22:
::''वे किसी से बहस नहीं करते''
::''इसलिए कोई उनसे बहस नहीं करता''
 
ताओ ते चिंग में इस बात का भी काफ़ी ब्यौरा है कि सच्चाई के अंत में पाखण्ड बढ़ता है -
::''जब महान ताओ को भुलाया जाता है''
::''दया और न्याय (की बात) बढ़ती है''
::''जहाँ लोग बुद्धिमान होते हैं''
::''महान ढोंग शुरू होता है''
::''जब पारिवारिक संबंधों में मधुरता नहीं होती''
::''माता-पिता से लगाव की बातें की जाती हैं''
::जब देश में हाहाकार और कुव्यवस्था होती है''
:''वफ़ादार मंत्रियों की प्रशंसा सुनाई देती है''
 
==इन्हें भी देखें==