"मॉसफेट": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Caracteristique MOSFET.svg|300px|right|thumb|n-चैनेल मॉस्फेट का V-I वैशिष्ट्य : इसमें लाल रंग से रंजित भाग को 'रैखिक क्षेत्र' (लिनियर जोन) और पीले रंग से रंजित भाग को 'संतृप्त क्षेत्र' (सैचुरेटेड जोन) कहते हैं।]]
 
'''मॉसफेट''' ( '''M'''metal–'''O'''xide–'''S'''emiconductor '''F'''ield-'''E'''ffect '''T'''ransistor या MOSFET / MOS-FET / MOS FET) एक एलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जो विद्युत संकेतों को [[आवर्धकप्रवर्धक|आवर्धितप्रवर्धित]] करने या [[एसएमपीएसस्विच मोड पॉवर सप्लाई|स्विच]] करने के काम आती है। वैसे तो यह चार टांगों (टर्मिनल) वाली युक्ति है ( सोर्स (S), गेट (G), ड्रेन (D), और बॉडी (B) ) किन्तु प्रायः B टर्मिनल को सोर्स टर्मिनल के साथ जोड़कर ही इसका उपयोग किया जाता है। अतः व्यावहारिक रूप से अन्य फिल्ड-इफेक्ट ट्रांजिस्टरों की भांति यह भी तीन टर्मिनल वाली युक्ति बन जाती है। किसी समय [[बीजेटी]] सर्वाधिक प्रयुक्त युक्ति थी, किन्तु अधुना मॉसफेट ही डिजिटल और एनालॉग दोनों परिपथों में सर्वाधिक प्रयुक्त युक्ति बन गयी है। इसका कारण यह है कि मॉस्फेट के प्रयोग से [[एकीकृत परिपथ|एकीकृत परिपथों]] में सस्ते में बहुत अधिक 'पैकिंग घनत्व' प्राप्त किया जा रहा है।
 
यद्यपि आजकल गेट को इंसुलेट करने के लिये 'मेटल आक्साइड' के बजाय डॉप किया हुआ पॉलीसिलिकॉन उपयोग किया जाता है फिर भी इसका पुराना नाम MOSFET अब भी अपरिवर्तित है।