"भीमबेटका शैलाश्रय": अवतरणों में अंतर
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'''भीमबेटका''' (भीमबैठका) [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] प्रान्त के [[रायसेन जिला|रायसेन जिले]] में स्थित एक [[पुरापाषाण काल|पुरापाषाणिक]] आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रो को [[पुरापाषाण काल]] से [[मध्यपाषाण काल]] के समय का माना जाता है। अन्य पुरावशेषों में प्राचीन किले की दीवार, लघुस्तूप, पाषाण निर्मित भवन, [[शुंग राजवंश|शुंग]]-[[गुप्त राजवंश|गुप्त कालीन]] अभिलेख, शंख अभिलेख और [[परमार राजवंश|परमार कालीन]] मंदिर के अवशेष भी यहाँ मिले हैं। भीम बेटका क्षेत्र को [[भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण]], [[भोपाल|भोपाल मंडल]] ने [[अगस्त]] [[१९९०]] में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद [[जुलाई]] [[२००३]] में [[यूनेस्को]] ने इसे [[विश्व धरोहर स्थल]] घोषित किया है। ये भारत में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान [[महाभारत]] के चरित्र [[भीम]] से संबन्धित है एवं इसी से इसका नाम
== शैलकला एवं शैलचित्र ==
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