"तारामंडल": अवतरणों में अंतर
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[[खगोलशास्त्र]] में '''तारामंडल''' आकाश में दिखने वाले तारों के किसी समूह को कहते हैं। इतिहास में विभिन्न सभ्यताओं नें आकाश में तारों के बीच में कल्पित रेखाएँ खींचकर कुछ आकृतियाँ प्रतीत की हैं जिन्हें उन्होंने नाम दे दिए। मसलन प्राचीन भारत में एक [[मृगशीर्ष तारामंडल|मृगशीर्ष]] नाम का तारामंडल बताया गया है, जिसे [[यूनानी]] सभ्यता में ओरायन कहते हैं, जिसका अर्थ "शिकारी" है। प्राचीन भारत में तारामंडलों को [[नक्षत्र]] कहा जाता था। आधुनिक काल के खगोलशास्त्र में तारामंडल उन्ही तारों के समूहों को कहा जाता है जिन समूहों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर [[अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ]] में सहमति हो।
आधुनिक युग में किसी तारों के तारामंडल के इर्द-गिर्द के क्षेत्र को भी उसी तारामंडल का नाम दे दिया जाता है। इस प्रकार पूरे [[खगोलीय गोले]] को अलग-अलग तारामंडलों में विभाजित कर दिया गया है। अगर यह बताना हो कि कोई [[खगोलीय वस्तु]] रात्री में आकाश में कहाँ मिलेगी तो यह बताया जाता है कि वह किस तारामंडल में स्थित है।<ref name="ref29yoluf">[http://books.google.com/books?id=QnJVEMivT5UC Discovering the Essential Universe], Neil F. Comins, pp. 6, Macmillan, 2008, ISBN
== अन्य भाषाओँ में ==
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* [[नक्षत्र]]
== सन्दर्भ ==
<small>{{reflist|2}}</small>
पंक्ति 69:
[[jv:Rasi lintang]]
[[ka:თანავარსკვლავედები]]
[[kn:ನಕ್ಷತ್ರಪುಂಜ]]
[[ko:별자리]]
[[ku:Komstêr]]
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