"कैस्पियन सागर": अवतरणों में अंतर
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|caption_lake = [[:en:Moderate-Resolution Imaging Spectroradiometer|MODIS]] द्वारा परिक्रमा करते [[टेरा (उपग्रह)]] द्वारा लिया गया चित्र▼
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कैस्पियन सागर विश्व में विश्व के सभी झीलों के कुल जल का ४०-४४ % जल है। [[तुर्कमेनिस्तान]] ,[[कज़ाख़स्तान]], [[रूस]], [[अजरबैजान]], [[ईरान]] इसके तटवर्ती देश हैं। इसका उत्तरी भाग बहुत छिछला है जहाँ इसकी गहराई ५- ६ मीटर है, जबकि दक्षिणी भाग की औसत गहराई १००० मीटर के आसपास है। कैस्पियन सागर को प्राचीन मानचित्रों में क़ाज़्विन भी कहा गया है। इसके अलावा इसे ईरान में दरया-ए-माज़ंदरान भी कहते हैं। काले सागर की ही भांति यह भी ऐतिहासिक व विलुप्त पैरा टिथाइस सागर का अवशेष है जो लगभग ५५ लाख वर्षों पूर्व पृथ्वी की विवर्तनिक (टेक्टोनिक) पर्तों की गतिविधियों के कारण भूमि-बंध हो गया था। यूरोप से आती [[वोल्गा नदी]] जो यूरोप के २०% भूमि क्षेत्र को सींचती है, कैस्पियन सागर के ८०% जल का स्रोत है। इसके अलावा अन्य मुख्य स्रोत [[युराल नदी]] है। इस सागर में बहुत से द्वीप हैं, जिनमें ऑगुर्जा आडा सबसे बड़ा द्वीप है जिसकी लंबाई ४७ कि.मी है।
==कुछ चुने चित्र==
▲[[चित्र:कैस्पियन सागर का नक्शा.png|thumb|left|300px|कैस्पियन सागर का मानचित्र, जब यह मानचित्र बना था तब से [[अरल सागर|अराल सागर]] अपने मूल आकार से बहुत सिकुड़ गया है]]
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Image:TurkmenbashiSea.jpg|कैस्पियन सागर तट,[[तुर्कमेनिस्तान]]
Image:Mazandaransea02.jpg|कैस्पियन सागर तट, बंदर अंजलि, [[ईरान]]
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