"नक्षत्र": अवतरणों में अंतर

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;नक्षत्र -- तारासंख्या -- आकृति और पहचान
 
#अश्विनी -- ३ -- घोड़ा <br>
#भरणी -- ३ -- त्रिकोण <br>
#कृत्तिका -- ६ -- अग्निशिखा
#रोहिणी -- ५ -- गाड़ी <br>
#मृगशिरा -- ३ -- हरिणमस्तक वा विडालपद <br>
#आर्द्रा -- १ -- उज्वल
#पुनर्वसु ५ या ६ धनुष या धर <br>
#पुष्य -- १ वा ३ -- माणिक्य वर्ण <br>
#अश्लेषा -- ५ -- कुत्ते की पूँछ वा कुलावचक्र <br>
#मघा -- ५ -- हल <br>
#पूर्वाफाल्गुनी -- २ -- खट्वाकार X उत्तर दक्षिण <br>
#उत्तराफाल्गुनी -- २ -- शय्याकारX उत्तर दक्षिण <br>
#हस्त -- ५ -- हाथ का पंजा <br>
#चित्रा -- १ -- मुक्तावत् उज्वल <br>
#स्वाती -- १ -- कुंकुं वर्ण <br>
#विशाखा -- ५ व ६ -- तोरण या माला <br>
#अनुराधा -- ७ -- सूप या जलधारा <br>
#ज्येष्ठा -- ३ -- सर्प या कुंडल <br>
#मुल -- ९ या ११ -- शंख या सिंह की पूँछ <br>
#पुर्वाषाढा -- ४ -- सूप या हाथी का दाँत <br>
#उत्तरषाढा -- ४ -- सूप <br>
#श्रवण -- ३ -- बाण या त्रिशूल <br>
#धनिष्ठा -- ५ -- मर्दल बाजा <br>
#शतभिषा -- १०० -- मंडलाकार <br>
#पूर्वभाद्रपद -- २ -- भारवत् या घंटाकार <br>
#उत्तरभाद्रपद -- २ -- दो मस्तक <br>
#रेवती -- ३२ -- मछली या मृदंग <br>
 
इन २७ नक्षत्रों के अतिरिक्त 'अभिजित्' नाम का एक और नक्षत्र पहले माना जाता था पर वह पूर्वाषाढ़ा के भीतर ही आ जाता है, इससे अब २७ ही नक्षत्र गिने जाते हैं । इन्हीं नक्षत्रों के नाम पर महीनों के नाम रखे गए हैं । महीने की [[पूर्णिमा]] को चंद्रमा जिस नक्षत्र पर रहेगा उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के अनुसार होगा, जैसे कार्तिक की पूर्णिमा को चंद्रमा कृत्तिका वा रोहिणी नक्षत्र पर रहेगा, अग्रहायण की पूर्णिमा को मृगशिरा वा आर्दा पर; इसी प्रकार और समझिए।