"लोकनाट्य": अवतरणों में अंतर

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लोकनाट्य खुले हुए रंगमंच पर खेले जाते हैं। दर्शकगण मैदान में आकाश के नीचे बैठकर नाटक का अभिनय देखते हैं। किसी मंदिर के सामने का ऊँचा चबूतरा या ऊँचा टीला ही रंगमंच के लिए प्रयुक्त किया जाता है। कहीं कहीं काठ के ऊँचे तख्तों का बिछाकर मंच तैयार किया जाता है। इन रंगमंचों पर परदे नहीं होते। अत: किसी दृश्य की समाप्ति पर कोई परदा नहीं गिरता। नाटक के पात्रगण किस पेड़ या दीवाल की आड़ में बैठकर अपना प्रसाधन किया करते हैं, जो उनके लिए 'ग्रीनरूप' का काम करता है।
 
== भारतीय लोकनाट्य ==
{{मुख्य|भारतीय लोकनाट्य}}
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.lakesparadise.com/madhumati/show-article_2428.html आधुनिक नाट्यों में लोकनाट्य तत्त्व]
* [http://www.infinity-ventures.com/bundelilok.com/loknatya.htm बुन्देली लोकनाट्य]
 
[[श्रेणी:लोकनाट्य]]