"समुच्चय सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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समुच्चयों पर मूल क्रियाएँ ये हैं : तार्किक (logical) योग, तार्किक गुणन, तार्किक व्यकलन।
*दो समुच्चयों का योग '''A + B''', जिसे '''AUB''' अर्थात् '''A और B का संघ''' (union) भी कहते हैं, उन सभी अवयवों का, समुच्चय है जो A और B दोनों में या किसी एक में हों, समुच्चय है।हों।
 
*दो समुच्चयों का गुणनफल '''A.B''', जिसे '''A∩B''' भी लिखते हैं और जिसे '''A तथा B का सर्वनिष्ठ''' (intersection) कहते हैं, उन सभी अवयवों का, समुच्चय है जो A तथा B दोनों के सदस्य हैं, समुच्चय है।हैं।
 
*'''अंतर''' '''A-B''' उन अवयवों का, समुच्चय है जो A में हैं किंतु B में नहीं हैं समुच्चय है।हैं। यदि '''B ⊂ A''', तो A-B को A के प्रति B का संपूरक (complement), कहते हैं।
 
तार्किक योग और गुणन सामान्य [[बीजगणित]] के [[साहचर्य]] (associative), [[क्रमविनिमेय]] (commutative) और [[वितरण]] (distributive) नियमों का पालन करते हैं।