"ऑगस्टिन लुई कौशी": अवतरणों में अंतर

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==जीवनी==
इनका जन्म २१ अगस्त, १७८९ ई. को [[पेरिस]] में हुआ। १८१० ई. में वे एकॉल से इंजीनियर बनकर शैरबुर चले गए; वहाँ [[लाप्लास]] की मेकानिक सेलैस्त (Mecanique Celeste) और [[लाग्रांज]] की फौंक्स्योंजनालितिक (Fonctions Analytiques) का अध्ययन करते रहे। तीन वर्ष पश्चात् स्वास्थ के कारण ये पेरिस लौटे और लाप्लास और लाग्रांज के आग्रह पर इंजीनियरी त्याग गणित को अपनाया।
२३ मार्च, १८५७ ई. को उनका देहांत हुआ।
 
==कार्य==
वेकौशी उर्वरबुद्धि एवं परम व्युत्पन्न गणितज्ञ थे। उन्होंने [[श्रेणी|श्रेणियों]], [[समिश्र संख्या|काल्पनिक राशियों]], [[संख्या सिद्धान्त|संख्याओं के सिद्धांत]], अवकल समीरकणों, प्रतिस्थापन के सिद्धांत, फलनों के सिद्धांत, सारणिकों, समिश्र-फलन, [[गणितीय खगोलशास्त्र]], [[प्रकाशिकी]] और [[प्रत्यास्थता]] इत्यादि की शुद्ध एवं अप्रयुक्त दोनों शाखाओं पर अन्वेषण किए। १८२१ ई. में अपने ‘कूर दानलीज द लेकौल रॉयाल पोलितेक्निक' (Coursa Analyse de 1 Eole Royal Polytechnique) को प्रकाशित कर इन्होंने विश्लेषण में अंकगणितीकरण युग का श्रीगणेश किया। सर्वप्रथम कोशी ने ही [[टेलर का निर्मेयप्रमेय|टेलर के निर्मेयप्रमेय]] का निर्दोष [[उपपत्ति|प्रमाण]] दिया और [[चलन कलन]] के मूल सिद्धांतों की अपने नवीन फलन के सिद्धांत एवं [[सीमा]] के नियम पर आधारित अतिशोधित व्याख्या प्रदान की। २३ मार्च, १८५७ ई. को उनका देहांत हुआ।
 
उनके प्रमुख कार्यों की सूची नीचे दी गई है:
* तरंग सिद्धान्त, यांत्रिकी, प्रत्यास्थता
* संख्या सिद्धान्त
* समिश्र फलन (Complex functions)
* गणितीय विश्लेषण
* टेलर का प्रमेय
* स्थायित्व (stability)
 
[[श्रेणी:गणितज्ञ]]