"तारपीन": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Alpha-pinen.svg|right|thumb|200px150px|'''पाइनीन''' (pinene) का रासायनिक संरचना; यह तारपीन का मुख्य घटक है।]]
'''तारपीन''' (Turpentine) सगंध [[वाष्पशील तैल]] है। वाष्पशील तैलों में इसका स्थान सर्वोपरि है। इसे 'तारपीन का तेल' (oil of turpentine) भी कहते हैं। यह [[चीड़]] आदि जीवित वृक्षों से प्राप्त [[रेजिन]] के [[आसवन]] से प्राप्त किया जाता है। इसमें [[टरपीन]] होते हैं। वनस्पति से प्राप्त तारपीन के स्थान पर खनिज तारपीन या अन्य पेट्रोलियम आसवों का उपयोग भी किया जाता है किन्तु ये तारपीन वनस्पति से प्राप्त तारपीन से रासायनिक रूप से सर्वथा भिन्न हैं।
 
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==निर्माण ==
[[चित्र:PostcardTurpentineWorkers1912.jpg|right|thumb|300px|सन् १९१२ का डाक टिकट जिसमें चीड़ के रेजिन की खेती का चित्रण है।]]
[[चित्र:Pechbaum.jpg|right|thumb|200px|काली चीड़ से रेजिन निकालना : 1 छाल, 2 छाल के नीचे, 3 पिच स्लिट, 4 Let, 5 lives, 6 चोंच, 7 पात्र, 8 कील]]
लंबें पत्तेवाले [[चीड़]] के पेड़ों के लंबे धड़ों की छीलने से एक प्रकार का स्राव निकलता है। जिसे [[रेजिन]] कहते हैं। इस रेजिन में ही तारपीन रहता है। पीछे देखा गया कि चीड़ लकड़ी के [[भंजक आसवन]] या वाष्प आसवन, या विलायक निष्कर्षण, से भी तारपीन प्राप्त हो सकता है। पेड़ के छेदने से जो तेल प्राप्त होता है, उसे गोंद तारपीन या 'गमस्पिरिट ऑव टरपेंटाइन' भी कहते हैं और काठ के वाष्प आसवन या विलायक निष्कर्षण से जो तेल प्राप्त होता है, उसे काठ तारपीन कते हैं। इन विभिन्न विधियों से प्राप्त तेलों में विशेष अंतर नहीं हैं। इन सभी के उपयोग प्राय: एक से ही हैं। पेड़ से जो स्राव प्राप्त होता है उसे 'ओलियो-रेजिन' (oleo-resin) कहते हैं। इसमें वस्तुत: तारपीन में घुला हुआ रेजिन रहता है जिसे ओलियोरेजिन कहते हैं। ओलियोरेजिन को ताँबे के भभके में [[आसवन|आसुत]] करते हैं। तारपीन और जल निकल जाते हैं और विभिन्न गुरुत्व के कारण अलग अलग स्तरों में बँट जाते हैं। आसवन पात्र में जो ठोस या अर्ध ठोस पदार्थ रह जाता है उसे '''गंधराल''' या 'रोजिन' कहते हैं। एक पाउंड ओलियोरेजिन से ९.२४२ पाउंड तारपीन और ०.८ पाउंड रोजिन प्राप्त होता है। यदि रोजिन को विलायक [[नैफ्था]] से उपचारित किया जाए तो नैफ्था में उसका एक अंश धुल जाता है। विलयन से विलायक को निकाले पर जो अवशिष्ट अंश बच जाता है उसे चीड़ रोजिन कहते हैं।