"चतुर्थ कल्प": अवतरणों में अंतर

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10,00,000 प्रथम अंतरहिमनदीय अवधि हिमनदीय संपीडिताश्म
 
प्रथम हिमनदीय अवधि पिंजर प्रदेश की गोलाश्म मृत्तिका घोड़ा, हाथी, सूअर, सूँस, गैंडा, शिवाथेरियम आदि।
 
गैंडा, शिवाथेरियम आदि।
 
== भारत में चतुर्थ कल्प के निक्षेप ==
चतुर्थ कल्प में भारत में पाए जानेवाले निक्षेपों में कश्मीर के हिमनदीय निक्षेप, जो वहाँ करेवा के नाम से विख्यात हैं, मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त उच्च (अपर) सतलज और नर्मदाताप्ती की तलहटी मिट्टी, राजस्थान के रेत के पहाड़, पोटवार प्रदेश के निक्षेप, जो हिमनदों के गलने से लाई हुई मिट्टी और कंकड़ से बने हैं, पंजाब एवं सिंध की पीली मिट्टी और भारत के पूर्वी किनारे पर की मिट्टी भी इसी युग में निक्षिप्त हुई थी। इस प्रकार पूर्व कैंब्रियन के बाद इसी कल्प के निक्षेपों का विस्तार आता है।
 
==सन्दर्भ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==