"अष्टाध्यायी": अवतरणों में अंतर

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== पाणिनीय व्याकरण के चार भाग ==
 
; *'''(क) अष्टाध्यायी''' - इसमें व्याकरण के लगभग ४००० सूत्र हैं।
इसमें व्याकरण के लगभग ४००० सूत्र हैं।
 
*'''(ख) शिवसूत्र या माहेश्वर सूत्र''' - यह [[प्रत्याहार]] बनाने में सहायक होता है। प्रत्याहार के प्रयोग से व्याकरण के नियम संक्षिप्त रूप में पूरी स्पष्टता से कहे गये हैं।
; (ख) शिवसूत्र या माहेश्वर सूत्र
यह [[प्रत्याहार]] बनाने में सहायक होता है। प्रत्याहार के प्रयोग से व्याकरण के नियम संक्षिप्त रूप में पूरी स्पष्टता से कहे गये हैं।
 
* '''(ग) धातुपाठ''' - इस भाग में लगभग २००० धातुओं की सूची दी गयी है। इन धातुओं को विभिन्न वर्गों में रखा गया है।
; (ग) धातुपाठ
इस भाग में लगभग २००० धातुओं की सूची दी गयी है। इन धातुओं को विभिन्न वर्गों में रखा गया है।
 
;* '''(घ) गणपाठ''' - यह २६१ शब्दों का संग्रह है।
यह २६१ शब्दों का संग्रह है।
 
== पाणिनीय व्याकरण की प्रमुख विशेषताएँ ==