"स्वच्छन्दतावाद": अवतरणों में अंतर

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'''स्वच्छन्दतावाद''' (Romanticism) एक कला, साहित्य तथा बौद्धिक क्षेत्र का एक [[आन्दोलन]] था जो [[यूरोप]] में अट्ठारहवीं शताब्दी के अन्त में आरम्भ हुआ। १८०० से १८५० तक के काल में यह आन्दोलन अपने चरमोत्कर्ष पर था।
केस्पर डेविड फ्रेडरिच, वेन्डरर अबव द सी ऑफ़ फॉग, 38.58 * 29.13 इंच, 1818, आयल ओन कैनवस, कुंस्थाले हैम्बर्ग]]
 
'''स्वच्छन्दतावाद''' (Romanticism) [[कला]], [[साहित्य]] तथा बौद्धिक क्षेत्र का एक [[आन्दोलन]] था जो [[यूरोप]] में अट्ठारहवीं शताब्दी के अन्त में आरम्भ हुआ। १८०० से १८५० तक के काल में यह आन्दोलन अपने चरमोत्कर्ष पर था।
 
==परिचय==
अट्ठारहवीं सदी से आज तक दर्शन, राजनीति, कला, साहित्य और संगीत को गहराई से प्रभावित करने वाले वैचारिक रुझान स्वच्छंदतावाद को एक या दो पंक्तियों में परिभाषित करना मुश्किल है। कुछ मानवीय प्रवृत्तियों का पूरी तरह से निषेध और कुछ को बेहद प्राथमिकता देने वाला यह विचार निर्गुण के ऊपर सगुण, अमूर्त के ऊपर मूर्त, सीमित के ऊपर असीमित, समरूपता के ऊपर विविधता, संस्कृति के ऊपर प्रकृति, यांत्रिक के ऊपर आंगिक, भौतिक और स्पष्ट के ऊपर आध्यात्मिक और रहस्यमय, वस्तुनिष्ठता के ऊपर आत्मनिष्ठता, बंधन के ऊपर स्वतंत्रता, औसत के ऊपर विलक्षण, दुनियादार किस्म की नेकी के ऊपर उन्मुक्त सृजनशील प्रतिभा और समग्र मानवता के ऊपर विशिष्ट समुदाय या राष्ट्र को तरजीह देता है। सामंती जकड़बंदी का मूलोच्छेद कर देने वाले फ़्रांसीसी क्रांति जैसे घटनाक्रम के पीछे भी स्वच्छंदतावादी प्रेरणाएँ ही थीं। फ़्रांसीसी क्रांति का युगप्रवर्तक नारा ‘आज़ादी, बराबरी और भाईचारा’ लम्बे अरसे तक स्वच्छंदतावादियों का प्रेरणा-स्रोत बना रहा।
 
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स्वच्छंदतावाद के विकास में फ़्रेड्रिख़ और ऑगस्त विल्हेम वॉन श्लेगल की भूमिका उल्लेखनीय है। अट्ठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के संधिकाल पर सक्रिय इन विचारकों का कहना था कि रोमानी साहित्य और कला का स्वभाव तरल और खण्डित है। इसलिए सुसंगित और सम्पूर्णता प्राप्त करने की वह महत्त्वाकांक्षा उसमें नहीं होती जो क्लासिकल साहित्य और कला का मुख्य लक्षण है। जो रोमानी है वह व्याख्या की समस्याओं से ग्रस्त रहेगा ही। श्लेगल के अनुसार कला-कृतियाँ इसीलिए समझ के धरातल पर सौ फ़ीसदी बोधगम्य होने से इनकार करती हैं। ऑगस्त श्लेगल ने रोमानी विडम्बना की थीसिस का प्रतिपादन करते हुए कविता की विरोधाभासी प्रकृति को रेखांकित किया। इसका मतलब यह था कि किसी वस्तुनिष्ठ या सुनिश्चित तात्पर्य की उपलब्धि न कराना कविता का स्वभाव है। स्वच्छंदतावादियों ने शेक्सपियर की सराहना इसलिए की कि उनमें अपने नाटकों के पात्रों के प्रति एक विडम्बनात्मक विरक्ति है। इसीलिए वे अंतर्विरोधी स्थितियों और मुद्राओं के सफल चितेरे बन पाये हैं, और इसीलिए उनके नाटक किसी एक दृष्टिकोण के पक्ष में उपसंहार नहीं करते।
 
[[हिंदी]] में स्वच्छंदतावाद का प्रभाव बीसवीं सदी के दूसरे दशक में छायावादी कविता के रूप में सामने आया। हिंदी आलोचना की पारिभाषिक शब्दावली के रचनाकार डॉ. अमरनाथ के अनुसार [[हिंदी]] में स्वच्छंदतावाद का ज़िक्र सबसे पहले रामचंद्र शुक्ल के विख्यात ग्रंथ हिंदी साहित्य का इतिहास में मिलता है जहाँ उन्होंने श्रीधर पाठक को स्वच्छंदतावाद का प्रवर्त्तक करार दिया है। अमरनाथ के अनुसार छायावाद और स्वच्छंदतावाद में गहरा साम्य है। दोनों में प्रकृति-प्रेम, मानवीय दृष्टिकोण, आत्माभिव्यंजना, रहस्यभावना, वैयक्तिक प्रेमाभिव्यक्ति, प्राचीन संस्कृति के प्रति व्यामोह, प्रतीक-योजना, निराशा, पलायन, अहं के उदात्तीकरण आदि के दर्शन होते हैं।
 
==परिचय==
 
'''स्वछंदतावाद''' या '''रोमानी काल''' एक जटिल, साहित्यिक, और बौद्धिक आन्दोलन है जो 18वीं शताब्दी के दूसरे उत्तरार्ध में [[यूरोप]] में शुरू हुआ और [[औद्योगिक क्रांति]] की प्रतिक्रिया के रूप में और अधिक सशक्त हुआ<ref>''[http://www.britannica.com/eb/article-9083836 Romanticism]'' .[http://www.britannica.com/eb/article-9083836 Retrieved 30 January 2008, from Encyclopædia Britannica Online]</ref>. कई मायनों में यह अभिजातीय सामाजिक और राजनीतिक आदर्शों के ज्ञानोदय काल के विरुद्ध एक विद्रोह था और प्रकृति के वैज्ञानिक परिमेयकरण<ref name="Casey">{{cite web | last = Casey | first = Christopher | date = October 30, 2008 | title = "Grecian Grandeurs and the Rude Wasting of Old Time": Britain, the Elgin Marbles, and Post-Revolutionary Hellenism | work = Foundations. Volume III, Number 1 | url = http://ww2.jhu.edu/foundations/?p=8| accessdate = 2009-06-25 }}</ref> के विरुद्ध एक प्रतिक्रिया, और यह सर्वाधिक सशक्त रूप से दृश्य कलाओं, संगीत, और साहित्य में अभिव्यक्त हुआ, किन्तु इसका अत्यधिक प्रभाव इतिहास लेखों<ref>डेविड लेविन,'' हिस्ट्री एज़ रोमांटिक आर्ट: बैनक्रोफ्ट, प्रेसकोट, एंड पार्कमैन'' (1967)</ref>, शिक्षा<ref>जेराल्ड ली ग्युतेक, ''अ हिस्ट्री ऑफ़ डी वेस्टर्न एजुकैशानल एक्सपीरियंस'' (1987) सीएच. १२ जोहान हैनिरिक पेस्टालौज़ी</ref> और प्राकृतिक इतिहास पर पड़ा<ref>एश्टन निकोलस, "रोअरिंग एलिगेटर्स एंड बर्निंग टाइगर्स: पोयेट्री एंड साइंस फ्रॉम विलियम बार्टम टू चार्ल्स डार्विन," ''प्रोसीडिंग्स ऑफ़ द अमेरिकन फिलोसोफिकल सोसाइटी'' 2005 149(3): 304-315</ref>.
 
इस आन्दोलन ने प्रबल भावनाओं को सौंदर्यपरक अनुभव के वास्तविक स्त्रोत के रूप में मान्यता दिलायी, जिसमे घबराहट, भय एवम आतंक, और विस्मय आदि भावनाओं पर नवीन बल दिया गया- विशेषकर वह भावनाएं जिसका अनुभव स्वतंत्र प्रकृति व् इसके मनोहर गुणों की [[उदात्तता]] के सम्मुख होता है, जो कि दोनों ही नवीन सौन्दर्यबोधक श्रेणियां हैं. इसने लोक कला और कुछ उत्तम करने की प्राचीन रीति, जो कि सहजता के ऐच्छिक गुण से युक्त है (जैसा कि तात्कालिक संगीत में होता है) को आगे बढाया और प्रकृति द्वारा भाषा अवं प्रचलित प्रयोगों के रूप में अनुकूलित मानव गतिविधियों की एक "प्राकृतिक" ज्ञान मीमांसा के पक्ष में तर्क किया.
 
पुनर्जीवित मध्यकालवाद और कला एवं इतिहास के तत्वों, जो कि प्रमाणिक रूप से मध्ययुगीन माने जाते हैं, के स्तर को ऊपर उठाने के लिए स्वछंदतावाद, [[विवेकवाद|तर्कवाद]] एवं पुरातनवाद के आदर्श प्रतिदर्शों से भी आगे चला गया, जनसँख्या वृद्धि, शहरी अव्यवस्था, और [[औद्योगिक क्रांति|उद्योगवाद]] की परिसीमाओं से बचने के प्रयास में, और इसने पलायन करने और आगे की कल्पना करने के लिए अपनी कल्पना शक्ति का प्रयोग करते हुए,विदेशागत, अपरिचित, और माध्यम की दृष्टि से दूरस्थ तथा रोकोको ''चिनोयिसेरी'' से भी अधिक प्रमाणिक स्त्रोतों का स्वागत किया.
 
एक रोमानी चरित्र का आधुनिक पर्याय बायरन के गुणवान, या शायद गलत समझ लिए गए एकांकी व्यक्ति,की कल्पना के अनुसार व्यक्त किया जा सकता है, जो कि तात्कालिक समाज के ''रीति-रिवाज़'' की जगह अपनी रचनात्मक प्रेरणाओं के आदेश को सुनता है.
 
हालाँकि इस आन्दोलन की जड़ें जर्मन आन्दोलन ''स्टर्म एंड ड्रेंग'' से विकसित हैं, जो सहज ज्ञान और भावनाओं को ज्ञानोदय परिमेयकरण से बहमूल्य मानता है, [[फ़्रांसीसी क्रांति|फ़्रांसिसी क्रांति]] ने उन आदर्शों और घटनाओं की नीव रखी जिससे स्वछंदतावाद और प्रति-ज्ञानोदय के लिए पृष्ठभूमि तैयार हुई. औद्योगिक क्रांति की परिसीमाओं का भी स्वछंदतावाद पर प्रभाव पड़ा, जो एक प्रकार से आधुनिक वास्तविकताओं से पलायन था; वास्तव में, 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में "यथार्थवाद" को स्वछंदतावाद के ध्रुवीय विपरीत के रूप में प्रस्तुत किया गया<ref>"ए रिमार्केबल थिंग', बैज्रोव ने आगे कहा,'यह पुराने हास्यपूर्ण रोमानी! वे अपने तंत्रिका तंत्र से उत्तेजना की अवस्था तक काम करते हैं, इसलिए उनका साम्य बिगड़ जाता है." ([[इवान तुर्गेन्येव|इवान टर्गेनेव]], ''फादर्स एंड संस'' , अध्याय 4 [1862]) 4 [1862])</ref>. स्वछंदतावाद ने उन्ही की उपलब्धियों को आगे बढाया जिन्हें स्वछंदतावाद में वीर व्यक्तिवादी और कलाकार समझा जाता है, जिनका अग्रणी उदहारण समाज के स्तर को उठाने में सहायक होगा. इसने व्यक्ति विशेष की कल्पना को एक ऐसे विशिष्ट प्रभाव के रूप में वैधता प्रदान की जिसने कला में प्राचीन रूप के विचारों के भावों से मुक्ति की आज्ञा दे दी. वह ऐतिहासिक और प्राकृतिक अनिवार्यता का एक सशक्त अवलम्ब था, और अपने विचारों के प्रतिनिधित्व में एक ''युगचेतना'' .
 
== अभिलक्षण ==
बुनियादी रूप से, शब्द "स्वछंदतावाद" 18 वीं शताब्दी के अंत के और 19 वीं शताब्दी के प्रारंभ के कुछ विशिष्ट कलाकारों, कवियों, लेखकों, संगीतकारों और साथ ही साथ राजनीतिक, दार्शनिक और सामाजिक विचारकों के लिए प्रयोग किया जाता था. इसका प्रयोग सामान रूप से उस युग के अनेकों कला संबंधी, बौद्धिक और सामाजिक चलनों के लिए भी किया जाता था. इस शब्द के ऐसे सामान्य प्रयोगों के बाद भी स्वछंदतावाद का संक्षिप्त वर्णन पूरी 20 वीं शताब्दी के दौरान बौद्धिक इतिहास एवम साहित्यिक इतिहास के क्षत्रों में विवाद का विषय रहा है और इस पर सहमति के लिए कोई विशेष उपाय प्राप्त नहीं किया जा सका. आर्थर लवजॉय ने अपने ''[[विचारों का इतिहास|हिस्ट्री ऑफ़ आइडियास]] (1948) के निबंधों'' के मौलिक लेख "ऑन द डिस्क्रिमिनेशन ऑफ़ रोमैंटिसिज्म" में इस समस्या की जटिलता को व्यक्त करने का प्रयास किया है; कुछ विद्वान स्वछंदतावाद को वर्तमान के साथ अनिवार्य रूप से सतत मानते हैं, कुछ इसमें आधुनिकता के प्रारंभिक लक्षणों को देखते हैं, कुछ इसे ज्ञानोदय तर्कवाद- ज्ञानोदय का विपरीत, के विरोध की परंपरा के शुरुआत के रूप में देखते हैं और फिर भी कुछ अन्य इसे फ़्रांसिसी क्रांति के सीधे परिणाम के रूप में देखते हैं. एक प्रारंभिक परिभाषा जोकि चार्ल्स बौडलैयेर द्वारा दी गयी थी: "संक्षिप्त रूप से स्वछंदतावाद न तो विषय के चुनाव में और न ही वास्तविक सत्य में स्थित है, अपितु यह तो अनुभव का एक तरीका है<ref>[http://fr.wikisource.org/wiki/Salon_de_1846_%28Curiosit%C3%A9s_esth%C3%A9tiques%29#II._.E2.80.94_Qu.E2.80.99est-ce_que_le_romantisme.3F Baudelaire's speech at the "Salon des curiosités Estethiques]</ref>."
 
कई बुद्धिजीवी इतिहासकार स्वछंदतावाद को प्रति ज्ञानोदय के मुख्य आन्दोलन के रूप में देखते हैं, जोकि ज्ञानोदय काल के विरोध में एक प्रतिक्रिया है. जबकि ज्ञानोदय के विचारकों ने निगमनात्मक कारणों की श्रेष्ठता पर बल दिया, स्वछंदतावाद ने अनुभव, कल्पना और भावनाओं पर इस सीमा तक बल दिया कि इसके कुछ विचारकों पर अतार्किक होने का आरोप भी लगाया गया{{Citation needed|date=July 2010}}.
 
== स्वच्छंदतावाद और संगीत ==
{{See also|Romantic music}}[[चित्र:Beethoven.jpg|left|thumb|120px|लुडविग वैन बीथोवेन]]
हालाँकि जब शब्द "स्वछंदतावाद" का प्रयोग संगीत के सम्बन्ध में किया गया वह समय तकरीबन 1820 से 1900 का था, संगीत के लिए 'रोमानी' शब्द का समकालीन प्रयोग इस आधुनिक स्पष्टीकरण से मेल नहीं खाता था. 1810 में ई.टी.ऐ. हॉफमैन ने [[वोल्फ़गांक आमडेयुस मोत्सार्ट|मोजार्ट]], हेडेन और बीथोवेन को तीन "रोमानी संगीतकार" का नाम दिया, और लुडविग स्फोर ने "अच्छी रोमानी शैली" शब्दों का प्रयोग बीथोवेन की पांचवी सैम्फनी (एक प्रकार की संगीत रचना) के कुछ भागों के लिए किया. वास्तविकता में मोजार्ट और हेडेन प्राचीन संगीतकार माने जाते हैं, और अधिकांश तथ्यों के आधार पर बीथोवेन संगीतमय रोमानी युग की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करते हैं. लगभग 19 वीं शताब्दी की शुरुआत से, संगीत के अतीत में एक नियोजित अंतराल के विचार के परिणामस्वरूप 19 वीं शताब्दी को "रोमानी काल" के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया गया, और संगीत के स्तरीय विश्वकोषों में भी इसके लिए इन्ही शब्दों का प्रयोग किया जाता है.
 
स्वछंदतावाद के संगीत से सम्बंधित पारंपरिक आधुनिक विवादों में लोक संगीत का बढता हुआ प्रचलन, जैसे तत्व सम्मिलित हैं, जोकि कला<ref>इसके सगीतमय आविर्भाव की विस्तृत चर्चा के लिए, संगीतमय राष्ट्रवाद देखें.</ref> के क्षेत्र में रोमानी राष्ट्रवाद के व्यापक वर्तमान से भी सीधे जुड़े हुए हैं, और साथ ही साथ 18 वीं शताब्दी के संगीत में पहले से ही उपस्थित दृष्टिकोण जैसे ''कैंटाबिल'' युक्त धुन<ref>पूर्व प्राचीन शैली ''गैलेंत'' से लिया गया.</ref>, जिसपर फैन शुबर्ट से लेकर अन्य रोमानी संगीतकारों ने सुरों का उतार चढ़ाव् का प्रयोग किया है.
 
[[चित्र:Niccolo Paganini.jpg|right|thumb|120px| निकोलो पेगेनिनी]]
स्टर्म एंड ड्रेंग("स्टार्म एंड स्ट्रेस" के लिए जर्मन शब्द) की अत्यधिक विपरीतता और भावुकता या [[फ़्रांसीसी क्रांति|फ़्रांसिसी क्रांति]] के काल के गीतिनाट्यों के कुछ आशापूर्ण तत्व, साहित्य में गॉथिक उपन्यास की पूर्व सूचना प्रतीत होते है. [[वोल्फ़गांक आमडेयुस मोत्सार्ट|मोजार्ट]] के भावपूर्ण संगीत के लिए लौरेंजो दा पोंटे का संगीतिका पाठ्य विशिष्ट और व्यक्तित्व की एक नयी भावना प्रेषित करता है. रोमानी पीढ़ी बीथोवेन को अपने नायक कलाकार के आदर्श के रूप में देखती थी - एक ऐसा व्यक्ति जिसने पहले अपनी एक सैम्फनी कंसल बोनापार्ट को स्वतंत्रता के विजेता के रूप में समर्पित कर दी और सम्राट नेपोलियन को एरौईका सैम्फनी का समर्पण न देकर उनको चुनौती दी. बीथोवेन ने ''फिदेलियो'' में उस स्वतंत्रता के स्तुति गीत के लिए 'रेस्क्यू ओपेरा'का गुणगान किया है जो वियेना की कोंग्रेस के बाद अनेकों आशापूर्ण वर्षों के दौरान सभी उग्र सुधारवादी कलाकारों के विचार में निहित थी, और जो क्रांति के दौरान फ़्रांसिसी संगीत संस्कृति का एक अन्य लक्षण भी थी.
 
[[चित्र:Chopin-scheffer.jpg|left|thumb|120px| फ्रेडरिक चोपिन]]
समकालीन संगीत संस्कृति में, रोमानी संगीतकारों ने प्राचीन संगीतकारों के विपरीत विशिष्ट संरक्षकों के स्थान पर संवेदनशील मध्यमवर्ग के दर्शकों को ध्यान में रखते हुए संगीत को जन संबंधी व्यवसाय के रूप में चुना. सार्वजनिक छवि ने गुणी कलाकारों की नयी पीढ़ी का चरित्रण किया जिन्होंने एकल कलाकारों के रूप में अपनी पहचान बनायी, और पेगानिनी एवम लिज्त कार्यकर्मो के भ्रमण के दौरान विशेष पहचान प्राप्त की.
 
बीथोवेन द्वारा स्वरयुक्त संरचना का ऐसा प्रयोग जो संगीत के स्वरूपों और संरचनाओं को महत्त्वपूर्ण विस्तार की अनुमति देता हो, को अविलम्ब संगीत को एक नया आयाम प्रदान करने के रूप में पहचान लिया गया. इसके बाद उनके द्वारा दिए गए पियानो संगीत और स्ट्रिंग क्वाट्रेट्स ने विशेष रूप से एक पूर्णतया अज्ञात संगीत जगत का रास्ता दिखाया. ई.टी.ए. हॉफमैन अभिव्यक्ति के सन्दर्भ में वाद्य संगीत की कंठ संगीत के ऊपर श्रेष्ठता के विषय पर लिखने में समर्थ थे, इससे पूर्व इस सिद्धांत को व्यर्थ ही माना जाता था. हॉफमैन ने स्वयं, जोकि संगीत और साहित्य दोनों में ही अभ्यासरत थे, संगीत को 'क्रमादेशिक' या विवरणात्मक, भाव के रूप में प्रोत्साहित किया, यह विचार नए दर्शकों को अत्यंत आकर्षक लगा. 19 वीं शताब्दी में वाद्य यंत्रों की तकनीक में विकास हुआ- पियानो के लिए लोहे के ढांचे बनने लगे, तार युक्त वाद्यों के लिए धातु के तार आदि बनने से- उच्च स्वर के संगीत, विभिन्न गुणों युक्त स्वर, और भिन्न प्रकार के स्वर भावों और संवेदनात्मक कला-कौशल को प्रोत्साहन मिला. इन विकासों के द्वारा प्रयासों को और बल मिला, क्रमदेशिक शीर्षकों का चलन शुरू हो गया, और नयी शालियों जैसे मुक्त-प्रत्यक्ष प्रारंभिक गीत कार्यक्रम या स्वर कविता, पियानो फेंटासिया, निशा संगीत और चारण गीत, और प्रवीण संगीतरचना आदि की रचना हुई, जो संगीतमय स्वछंदतावाद के केंद्र बन गये.
[[चित्र:Richardwagner1.jpg|right|thumb|120px|रिचर्ड वैग्नर]]
ओपेरा में अलौकिक भय और अतिनाटकीय कथानक का लोक कथा सम्बंधित प्रसंग में संयोजन से एक नए रोमानी वातावरण की रचना हुई, और इसकी प्रथम सफलता का श्रेय वेबर के ''डेर फ्रैशुज़'' (1817, पुनर्संस्करण 1821) को जाता है. फ़्रांस में हेक्टर बर्लियोज़ और मेयेबियर के ग्रैंड ओपेरा के प्रारंभिक आयोजन में आभिषित स्वर विशेष तौर पर रंगों की प्रमुखता रही. उग्र सुधारवादियों मे जों 'भविष्य का कलाकार' के रूप में हास्यपूर्वक चरित्रित हो गया (स्वयं वैगनर के शब्दों में), लिज्त और वैगनर दोनों ही मुक्त, प्रेरित, करिश्माई, और शायद निर्दयतापूर्वक अपरम्परागत कलात्मक व्यक्तित्व वाले लोगों के लिए रोमानी मत के प्रतिमान थे.
[[चित्र:Barabas-liszt.jpg|left|thumb|120px| फ्रांज़ लिज्त]]
रोमानी काल के नृत्य नाटकों ने स्वयं को ओपेरा, जिसमे मात्र पैरिस में ही मध्यांतर के दौरान बैले प्रस्तुति का चलन शेष था, और कोर्ट फेते से मुक्त कर लिया था, और स्वतंत्र रूप से ओपेरा के विकास को स्पष्ट वर्णनात्मक संगीतिका पाठ के सामानांतर स्थापित किया, दुर्भाग्य पूर्ण युवा प्रेम या अविवेक की सार्वभौमिक उपस्थिति को मूकाभिनय के लम्बे गद्यों में व्यक्त किया, बैले नर्तकी के प्रभुत्व और अलौकिक विषयों: ''जिसेल'' (1841) के चुनाव अब तक के प्रमुख उदहारण रहे हैं.
 
संगीत में 1815 से 1848 तक के समय को वास्तव में स्वछंदतावाद का विशुद्ध समय कहा जा सकता है- बीथोवेन (डी. 1827) और शुबर्ट (डी. 1828),की आखिरी संगीत रचना का समय और शुमन (डी. 1856) आर चोपिन (डी. 1849) के कार्यों,बर्लियाज़ और रिचर्ड वैगनर के प्रारंभिक संघर्ष का समय, पगेनिनी (डी. 1840) जैसे महान गुणी, और युवा लिज्त और थेल्बर्ग का समय. अब जबकि हम मेंडलसोह्न की कृतियों को उसके साथ गलत तरीके से जुड़े बिडरमियर के नाम के बिना भी सुनाने में समर्थ हैं, तो अब हम उन्हें भी इस उचित प्रसंग में स्थान दे सकते हैं. इस समय के बाद, पेगानिनी और चोपिन की मृत्यु के पश्चात, लिज्त ने एक छोटी जर्मन बैठक में कार्यक्रम के मंच से अवकाश ले लिया, बावरिया में शाही संरक्षण प्राप्त करने के पूर्व तक वैगनर पूर्ण रूप से प्रवास में रहे, बर्लियाज़ अब तक भी उस रूढ़िगत उदारता से संघर्ष करते रहे जिसने यूरोप में स्वछान्द्भावी कलात्मक प्रयास को दबा कर समाप्त कर दिया, इस समय तक संगीत में स्वछंदतावाद निश्चित रूप से अपने सर्वोच्च समय को बिता चुका था- और संगीतमय रोमानी समय को आगे आने का अवसर दे रहा था. ''देखें लेख'' , रोमानी संगीत
 
== रोमानी साहित्य ==
{{See also|Romantic poetry}}
[[चित्र:El_Tres_de_Mayo,_by_Francisco_de_Goya,_from_Prado_in_Google_Earth.jpg|thumb|left|230px|फ्रांसिस्को गोया, द थर्ड ऑफ़ मे 1808, 1814]]
साहित्य में, स्वछंदतावाद को पिछले समय की आलोचना या पुनर्रचना के रूप में एक आवर्ती विषयवस्तु मिल गयी, जिनमे बच्चों व् महिलाओं पर विशेष महत्व के साथ "संवेदनशीलता" का मत ,वर्णनकर्ता या कलाकार का नायकीय एकांकीपन, और एक नयी, अदभुद, अबाधित और "शुद्ध" प्रकृति के प्रति सम्मान आदि शामिल थे. इससे आगे, अनेकों रोमानी लेखकों ने जैसे [[एडगर ऍलन पो|एडगर एलन पो]] और नेथेनियल हौथोर्न , ने अपनी लेखनी को अलौकिक/गुप्त और मनोविज्ञान पर आधारित रखा. स्वछंदतावाद ने नए विचारों के उद्भव में भी सहयोग दिया, और इस प्रक्रिया में उन सकारात्मक आवाजों का भी जन्म हुआ जो समाज के अधिकारहीन वर्ग के लिए हितकर थी.
 
स्कॉटलैंड वासी कवि जेम्स मेकफर्सन ने 1762 मे प्रकाशित अपनी ओशियन साईकिल ऑफ़ पोयम्स की अंतर्राष्ट्रीय सफलता के द्वारा स्वछंदतावाद के प्रारंभिक विकासों को प्रभावित किया, और गोयेथ और युवा वाल्टर स्कॉट दोनों को ही प्रेरणा दी.
 
[[योहान वुल्फगांग फान गेटे|जोहान वुल्फगैंग वोन]] गोयेथ के माध्यम से प्रारंभिक जर्मन प्रभाव आया, जिनका 1774 मे प्रकाशित उपन्यास ''द सौरोस ऑफ़ यंग वर्थर'' ने पूरे यूरोप में युवा पुरुषों को अपने नायक के सामान कार्य करने के लिए प्रेरित कर दिया था, वह नायक एक युवा कलाकार था जो बहुत संवेदनशील और भावुक स्वभाव का था. उस समय जर्मनी छोटे छोटे पृथक राज्यों का एक समूह था, और गोयेथ का काम राष्ट्रवाद के एकीकृत प्रभाव को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता था. एक अन्य दार्शनिक प्रभाव जोहन गोतिलेब फिष्ट और फ्रेडरिक शैलिंग के जर्मन आदर्शवाद से आया, जिसने जेना (जहाँ फिष्ट, शैलिंग, हेगल, शिलर, और शेलेगल बंधु रहते थे) को प्रारंभिक स्वछंदतावाद ("जेनेर रोमेंटिक") का केंद्र बना दिया. इस काल के महत्त्वपूर्ण लेखक लुडविग टिक, नोवालिस (''हेनरिक वोन ओफेर डिंजेन'' , 1799), हेनरिक वोन क्लेस्ट और फ्रेडरिक होल्डर्लिन .
बाद में हेदेल्बर्ग जर्मन स्वछंदतावाद का केंद्र बन गया, जहाँ क्लेमेन्स ब्रेंटेनो,अशीम वोन अर्निम, और जोसेफ फ्रेहर वोन आयेशनडोर्फ़ जैसे लेखक और कवि साहित्यिक मंडली में नियमित रूप से मिला करते थे.
 
जर्मन स्वछंदतावाद में प्रमुख रूपांकन यात्रा, प्रकृति, और प्राचीन कल्पित कथाएं हैं. बाद के समय का जर्मन स्वछंदतावाद, उदाहरण के लिए, इ.टी.ए. हॉफमैन का ''डेर सैंडमैन'' (''द सैंडमैन'' ), 1817 और जोसेफ फ्रेयर वोन अयेशनडोर्फ़ का ''डास मर्मोर्बिल्ड'' (''द मार्बल स्टेचू'' ), 1819, अपने रूपांकन में गंभीर थे और उसमे गोयेथ के तत्व भी उपस्थित थे.
[[चित्र:Turner, J. M. W. - The Fighting Téméraire tugged to her last Berth to be broken.jpg|left|220px|thumb|जे.एम.डब्लू टर्नर, द फाइटिंग टेमेरेयर टग्ड टू हर लास्ट बर्थ टू बी ब्रोकेन अप, 1839]]
 
स्पेन में, रोमानी आन्दोलन के फलस्वरूप अत्यन भिन्न प्रकार के कवियों और नाटककारों सहित एक सुप्रसिद्ध साहित्य विकसित हुआ. इस आन्दोलन के दौरान सबसे महत्त्वपूर्ण स्पेनवासी कवि जोस डे ऐस्प्रोंसेडा थे. उनके बाद अन्य लेखक जैसे गुस्तव एडोल्फो बेकर, मेरियानो जोस डे लारा और नाटककार जोस ज़ोरिला, लेखक ''डोन जूऐन टेनोरियो'' आदि हुए. उनसे पूर्व के समय के लिए पूर्व-रोमानी जोस कैडल्सो और मैनुएल जोस क्विनटेना का उल्लेख किया जा सकता है.
 
स्पेनिश स्वच्छंदतावाद ने क्षेत्रीय साहित्य को भी प्रभावित किया. उदहारण के लिए, कैंटलोनिया और [[गलिशिया (स्पेन)|गैलेसिया]] में क्षेत्रीय भाषा के लेखेकों का एक राष्ट्रीय उत्कर्ष आया, जैसे कैटेलान जेकिंत वर्दागुएर और गेलिसियन रोसेलिया डे कैस्ट्रो, जो क्रमशः राष्ट्रीय पुनर्जागरण गतिविधियों रेनाइजेंका और रेजुरडीमेंटो के मुख्य चरित्र भी थे.
 
ब्राजील के स्वच्छंदतावाद का चरित्र चित्रण तीन विभिन्न कालों में किया गया है. पहला काल मुख्यतः एक राष्ट्रीय पहचान बनाने के भाव पर केंद्रित है, जिसके लिए वीर भारतीय का प्रयोग किया गया है. इसके कुछ उदाहरणों में जोस डे अलेंकर, जिन्होंने "इरासेमा" और "ओ गुआरनी" लिखी, और गोंक्लेव्स दियास, जो कविता :कैनको दो एक्सिलो" (प्रवास गीत) द्वारा प्रसिद्द हुए थे. दूसरा काल यूरोपीय विषय वस्तु और परम्परों के लिए प्रसिद्द है, जिसमे अप्राप्य प्रेम के प्रति उदासी, दुःख और निराशा है. इन कार्यों में सामान्यतया गोयेथ और लॉर्ड बायरन का उद्धरण है. तीसरा चक्र सामाजिक कविता के लिए प्रसिद्द है, विशेषतः उन्मूलकों का आन्दोलन, इस काल के महानतम लेखक कैस्ट्रो एल्व्स हैं.
 
कुछ समय बाद स्वछंदतावाद, ब्रिटिश साहित्य में एक अलग रूप में विकसित हुआ, यह अधिकतर कवियों [[विलियम वर्ड्सवर्थ]] और [[सेम्येल टेलर कोलरिज|सैमुएल टेलर कोलेरिज]] से सम्बद्ध है, जिनकी सह-लेखन वाली पुस्तक ''लिरिकल बैलेट'' (1798) ने लोक परम्पराओं से ली गयी स्पष्ट भाषा के कारण अगस्तीय कविताओं को उपेक्षित कर दिया. यह दोनों कवि [[फ़्रांसीसी क्रांति|फ़्रांसिसी क्रांति]] के शुरुआत से आदर्शवादी सामाजिक विचारधारा में भी संलग्न थे. कवि एवम चित्रकार [[विलियम ब्लेक]], ब्रिटेन की रोमानी संवेदनशीलता का सर्वाधिक चरम उदहारण हैं, जो अपने दावे "मुझे ज़रूर ही एक प्रणाली की रचना करनी होगी या तो दूसरे व्यक्तियों का दास बनाना होगा" के द्वारा जाने जाते हैं. ब्लेक का कलात्मक कार्य सशक्त रूप से मध्य युगीन पुस्तकों से प्रभावित है. चित्रकार जे.एम.डब्लू. टर्नर और [[जान कांस्टेबल|जोन कांसटेबल]] भी सामान्यतः स्वछंदतावाद से जुड़े हैं. [[जॉर्ज गॉर्डन बायरन|लार्ड बायरन]], [[पर्सी बिश शेली|पर्सी बिशे शैली]], मेरी शैली और [[जान कीट्स|जोन कीट्स]], ब्रिटेन में स्वछंदतावाद का एक अन्य चरण बनाते हैं.
 
[[चित्र:Eugène Delacroix - La liberté guidant le peuple.jpg|right|220px|thumb|यूजीन डेलाक्रोयेक्स, लिबर्टी लीडिंग द पीपल 1830]]
अधिकांश रोमन कैथोलिक देशों में, जर्मनी और ब्रिटेन की तुलना में स्वछंदतावाद कम प्रचलित था, और नेपोलियन के उद्भव के बाद वहां इसका विकास शुरू हुआ. फ्रेंकोस-रेने डे चेटुब्रियेंड को प्रायः "फ़्रांसिसी स्वछंदतावाद का जनक" कहा जाता है. फ़्रांस में, यह आन्दोलन 19 वीं शताब्दी से जुड़ा है, मुख्यतः थियोडोर गैरीकॉल्ट और यूजीन डेलाक्रोइक्स की चित्रकारियों में, [[विक्टर ह्यूगो]] (जैसे ''लेस मिजरेबल्स'' और ''नाइंटी थ्री'' )के नाटकों, कविताओं और उपन्यासों में और स्टेंडहल के उपन्यासों में.
 
आधुनिक पुर्तगाली कविता अपने रोमानी प्रतिमान के द्वारा निश्चित रूप से अदभुद चरित्र विकसित करती है, एक अत्यंत सफल लेखक अल्मेडिया गैरेट, जिन्होंने इस विद्या को उत्कृष्ट कृति द्वारा आकार प्रदान करने में सहायता की. वास्तविक निजी रोमानी शैली का यह देर से हुआ आगमन 20 वीं शताब्दी की शुरुआत तक चलता रहा, विशेषतः सिसेरियो वर्दे और एटोनियो नोब्रे जैसे कवियों के कार्यों द्वारा,जो बहुत ही सहजतापूर्वक आधुनिकता me हालाँकि, स्वछंदतावाद की प्रारंभिक पुर्तगाली अभिव्यक्ति पहले से ही मैनुएल मरिया बर्बोसा दू बोकेज के प्रतिभाशाली कृत्यों में थी, विशेषकर उनकी 18 वीं शताब्दी के अंत के सौनेट में.
 
रशिया में, स्वछंदतावाद का मुख्य कारण [[अलेक्सांद्र पूश्किन|एलेक्सजेंडर पुश्किन]] थे. मिखैल लार्मोंटोव ने समाज और स्वयं से आध्यात्मिक असंतुष्टि के वास्तावुक कारणों के विश्लेषण और उन पर प्रकाश डालने का प्रयास किया, और लार्ड बायरन द्वारा काफी प्रभावित हुए. कवि फ्योदोर तुत्शेव भी रशिया के आन्दोलन के एक मुख्य व्यक्ति थे, और वह जर्मन रूमानियत से अत्यधिक प्रभावित थे.
[[चित्र:Theodore Gericault Raft of the Medusa-1.jpg|thumb|left|250px|थिओडोर गैरीकॉल्ट, द रफत ऑफ़ द मेड्युसा, 1819]]
संयुक्त राज्य अमेरिका में,रोमानी गोथिक साहित्य वाशिंगटन इरविंग के ''द लीजेंड ऑफ़ स्लीपी हौलो'' (1820) और ''रिप वेन विंकल'' (1819) के साथ ही प्रारंभ में ही प्रकट हो गया था, जो फिर 1823 में जेम्स फेनिमोर कूपर के ''लेदरस्टाकिंग्स टेल्स'' से आगे बड़ा, जिसमे उनका बल वीरतापूर्ण सादगी पर था और उनके द्वारा एस सुन्दर दृष्योंका उत्कट चित्रण जोकि पहले से ही अदभुद एवं मिथकपूर्ण सीमान्त प्रदेश हैं, जहाँ के निवासी "कुलीन असभ्य" थे,जोकि रूसो के दार्शनिक सिद्धांत के सामान है, और ''द लास्ट ऑफ़ द मोहिकैंस'' के उन्कैस द्वारा उद्धृत है. वाशिंगटन इरविंग के निबंधों और खासकर उनके यात्रा वृत्तांतों में "स्थानीय रंग" के सुरम्य तत्व हैं. [[एडगर ऍलन पो|एडगर एलन पो]] की विकराल कहानियां और उनके गीतकाव्य उनके देश से अधिक प्रभावशाली फ़्रांस में थे, लेकिन रोमानी अमेरिकी उपन्यास का पूर्ण विकास नेथेनियल हौथोर्न के एटमोस्फियर और मेलोड्रामा से हुआ. बाद के श्रेष्ठ लेखक जैसे हेनरी डेविड थोरेऔ और [[राल्फ वाल्डो इमर्सन|राल्फ वाल्डो एमर्सन]] के कार्यों में अभी भी इसके प्रभाव और कल्पना के तत्त्व दिखाई पड़ते हैं, जैसे की वॉल्ट व्हिटमैन के रोमानी यथार्थवाद में. लेकिन 1880 के दौरान, उपन्यासों में मनोवैज्ञानिक और सामाजिक यथार्थवाद की स्वछंदतावाद से प्रतिस्पर्धा होने लगी. एमिली डेकिनसन की कविता- जो कि उनके समय में लगभग नहीं ही पढ़ी गयी थी, और हरमैन मेलविले के उपन्यास ''मोबी-डिक'' को अमेरिकी रोमानी साहित्य के प्रतीक के रूप में देखा जा सकता है.
 
=== अमेरिकी लेखकों पर यूरोपीय स्वच्छंदतावाद का प्रभाव ===
यूरोपीय रोमानी आंदोलन उन्नीसवीं शताब्दी कि शुरुआत में अमेरिका पहुँच गया था. अमेरिकी स्वच्छंदतावाद भी उतना ही बहुआयामी और व्यक्तिवादी था जितना यूरोपीय स्वछंदतावाद{{Citation needed|date=January 2009}}.
 
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...रोमानियत में बहुधा कुछ निश्चित सामान्य लक्षण उभयनिष्ठ होते थे: नैतिक व्यग्रता, सहज बोध और व्यक्तिवादिता के मूल्यों पर आस्था, और यह पूर्वधारणा कि स्वाभाविक जगत अच्छी का स्त्रोत है और मानव समाज बुराई का{{Citation needed|date=January 2009}}.
</blockquote>
 
स्वच्छंदतावाद अमेरिकी राजनीति, दार्शनिकता और कला के क्षेत्र में लोकप्रिय बन गया. इस आन्दोलन ने अमेरिका के क्रन्तिकारी जोश और उन सभी लोगों को आकर्षित किया जोकि शुरूआती कठोर धार्मिक परम्परा व्यवस्था से मुक्त होने को आतुर थे.
रूमानियत ने तर्कवाद और धार्मिक बौद्धिकता को अस्वीकार कर दिया. इसने केल्विनवाद के विरोधियों को आकर्षित किया, जिसमे यह विशवास सम्मिलित था कि ब्रह्माण्ड और इसके अंतर्गत सभी घटनाएँ, ईश्वर कि शक्ति पर आधरित हैं. इस रोमानी आन्दोलन ने नव इंग्लैंड श्रेष्ठ्वाद को जन्म दिया जोकि ईश्वर और ब्रह्माण्ड के मध्य के सम्बन्ध को कम प्रतिबंधात्मक रूप में प्रदर्शित करता था. इस नए धर्म ने व्यक्ति के ईश्वर के साथ सम्बन्ध को अधिक निजी रूप में प्रस्तुत किया. श्रेष्ठातावाद और स्वछंदतावाद दोनों ने ही सामान रूप से अमेरिकियों को आकर्षित किया.
 
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एक नैतिक दर्शनशास्त्र के रूप में, श्रेष्ठातावाद न तो व्यवस्थित है और न ही तार्किक. इसने तर्क से अधिक महत्व भावनाओं को दिया और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को कानूनी और रूदिगत अवरोधों से ऊपर रखा. इसने उन लोगों को आकर्षित किया जो अपने धर्मनिष्ठ पुरखों के कठोर ईश्वर से घृणा करते थे , और उन्हें भी आकर्षित किया नव इंग्लैंड अद्वैतवाद के निष्प्रभ ईश्वर से घृणा करते थे.....[]...वे सांस्कृतिक कायाकल्प के लिए और अमेरिकी समाज के भौतिकवाद के विरोध के लिये चर्चा करते थे. वे "परमात्मा" की श्रेष्ठ में विशवास रखते थे, और मानते थे कि वह अच्छाई के लिए एक सर्वव्यापक शक्ति है जिसने सभी को जन्म दिया है और संसार की सभी वस्तुएं उसका ही एक भाग हैं{{Citation needed|date=January 2009}}.</blockquote>
 
अमेरिकी स्वछंदता ने व्यक्तियों का स्वागत किया और नव प्रचीन्वाद व् धार्मिक परम्पराओं के बंधन का विरोध किया. अमेरिका में रोमानी आन्दोलन ने एक नयी साहित्यिक विधा का रचना कर दी जो आधुनिक लेखकों को भी प्रभावित कर रही है.
 
उपन्यास, लघु कथाओं, और कविताओं ने उपदेशों और घोषणापत्रों का स्थान ले लिया जोकि अमेरिका के प्रारंभिक साहित्यिक सिद्धांतों से जुड़े थे.
 
रोमानी साहित्य निजी व् गंभीर था और ऐसी भावनाओं को व्यक्त करता था जिन्हें कभी नव प्राचीनवाद में नहीं देखा गया था. स्वतंत्रता के साथ अमेरिका का पूर्वाधिकार स्वछन्दतावादी लेखेकों के लिए प्रेरणा का एक महान स्त्रोत बन गया क्यूंकि वह विवाद और हंसी का पात्र बने बिना मुक्त अभिव्यक्ति और भावनाओं के प्रदर्शन से प्रसन्न थे. वह अपने चरित्रों के मनोवैज्ञानिक विकास पर अधिक प्रयास करते थे. नायक और नायिकाएं चरम उत्साह और संवेदनशीलता का प्रदर्शन करते थे{{Citation needed|date=January 2009}}.
 
=== रोमानी लेखन पर युद्ध का प्रभाव ===
स्वच्छन्द्तावाद वाद के दौरान अनेक युद्ध हुए. सात वर्षीय युद्ध (1756-1763) के साथ साथ फ्रेंच और भारतीय युद्ध और फिर [[अमेरिकी क्रान्ति|अमरीकन क्रांति]] (1775-1783) और उसके फौरन बाद हुई [[फ़्रांसीसी क्रांति|फ्रांसीसी क्रांति]] (1789 -1799 ).
ये सभी युद्ध, और इनके साथ चल रही राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल, स्वच्छन्द्तावाद की पृष्ठभूमि का कार्य करती है. युद्ध के दौरान उत्पन्न कठोर भावनाओं ने कला और साहित्य, जैसी पहले कभी नहीं देखी गयी, के प्रवाह के लिए उत्प्रेरक का कार्य किया. यह लेखन वास्तव में इतना भिन्न था की इसने अपने नए रोमानी युग का आरंभ किया<ref name="ReferenceA">रेडहेड इट. एएल.,"नार्टन एंथोलोजी ऑफ़ इंग्लिश लिटरेचर,"द रोमांटिक पीरियड - वॉल्यूम डी" (डब्लू.डब्लू. नार्टन &amp; कंपनी लिमि.) 2006 2006</ref>.
 
रोमानी युग की रचनायें साहित्य का एक विशाल एवं अनूठा संग्रह है. हालांकि इस सभी रचनाओं में तीन बातें सामान हैं- प्रकृति-प्रेम, राष्ट्रवाद की भावना और विशिष्ट आकर्षण की भावना. इन साधारण अभिलक्षणों को इस बात से जोड़ के देखा जा सकता है कि ये रचनायें राजनैतिक उथल-पुथल के समय लिखी गयी हैं. उदाहरण के लिए, रोमानी साहित्य में राष्ट्रवाद इस तथ्य को इंगित करता है कि उस समय के लेखक अपने देश, देशवासियों और उनके ध्येय पर अभिमान करते थे. यह उन लेखकों के स्वयं लड़ने का तरीका था<ref name="ReferenceA" />.
 
इसके अलावा, रोमानी युग का लेखन उसके पहले किये गए लेखन से बहुत अलग है, जिसमें उन्होंने "जन-साधारण" की बातें की हैं. रोमानी लेखकों का लक्ष्य रहा कि साहित्य एवं कला सभी के लिए, आम आदमी के लिए हों न कि सिर्फ धनी एवं विशिष्ट जनों के लिए. रोमानी युग के पहले का अधिकांश साहित्य और उसकी शैली सिर्फ धनी उच्च-वर्ग पर केन्द्रित थी. रोमानी लेखकों का इसे बदलने में हाथ था - और ऐसा इसलिए क्योंकि शायद वे जन-साधारण के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहे थे. युद्ध और राजनैतिक बेचैनी के समय में ये लेखक अपने समकक्ष जनों से जुड़ने की कोशिश कर रहे थे, और ये उनसे ऊपर के स्तर के लोगों के विपरीत था जो कि लड़ाई को बढ़ावा देते थे<ref name="ReferenceA" />.
 
रोमानी काल के दौरान, हम महिला लेखकों में वृद्धि को देख सकते हैं. यह भी इस तथ्य कि पुष्टि करता है कि यह समय युद्ध से भरपूर था. महिलाएं अपने घर पर ही रहती थीं, उनके पास अपनी भावनाओं को व्यक्त करने, ध्येय के लिए लड़ने और अपने साथियों से जुड़ने का और कोई मार्ग नहीं था. मैरी फ़ावरेट और उनके जैसी महिला रोमानी लेखिकाएं ऐसी भावनाओं से प्रभावित हैं जो कभी-कभी स्वयं युद्ध का सन्दर्भ बन जाती हैं, उदाहरण के लिए फ़ावरेट की "''वार इन द एयर'' "<ref name="ReferenceA" />.
 
जो समयकाल युद्ध से इतना आच्छादित था, उस समय का समाज और उसका हर पहलू, यहाँ तक कि कला का हर रूप, उस से प्रभावित नहीं होगा, यह सोच ही अनुचित है. हम साहित्य के किसी भी अंश को उठा कर देख लें, उन पर युद्ध और सामाजिक उठा-पुथल का प्रभाव स्पष्ट वर्णित है<ref name="ReferenceA" />.
 
== रोमानी दृश्य कला ==
{{See also|German Romanticism|Victorian architecture|Gothic Revival architecture}}
फ़्रांसिसी स्कूल<ref>वाल्टर फ्राइडलेंडर, ''डेविड टू डेलाक्रोइक्स से'' , 1974, इस विषय पर उपलब्ध सबसे अच्छा वर्णन जो शेष रह गया.</ref> की नयी पीढ़ी के नेतृत्व में, यूरोपीय चित्रों में स्वछंदतावादी संवेदनशीलता और नव प्राचीनवाद के मध्य विषमता दिखाई पड़ती थी, क्यूंकि नव प्राचीनवादियों की शिक्षा प्रशिक्षण शाला में हो रही थी. रंग और डिजाइन, अभिव्यक्ति और रंगों के स्वभाव से सम्बंधित पुनर्जीवित संघर्ष में, जैसा कि जे.एम.डब्लू. टर्नर, [[फ्रांसिस्को डि गोया|फ्रांसिस्को गोया]], थियोडोर जेरिकाल्ट और यूजीन डेलाक्रोइक्स के काम में था, ब्रश के स्पर्श में नयी विशिष्टता पर जोर दिया और कलाकारों की मुक्त हस्त चित्रकारी पर भी रंग थोप दिया, जिसे एक सहज परिष्कृति के लिए नव प्राचीनवाद में दबाया जाता था.
[[चित्र:Othellopainting.jpg|thumb|upright|left|थिओडोर कैसेराऊ, ओथेलो एंड डेसडेमोना इन वेनिस, 1850 में, ऑयल ओन वुड, 25 x 20 सेमी, लोवर, पेरिस में, (शेक्सपियर से प्रेरित) कैसेराऊ का प्रतीकवादियों पर प्रभाव था.]]
जिस प्रकार इंग्लैंड में जे.एम.डब्लू. टर्नर और सैमुएल पाल्मर, जर्मनी में [[डेविड फ्रीडरिख|कैस्पर डेविड फ्रेडरिक]], नार्वे में जे.सी. दह्ल और हंस गुडे, स्पेन में [[फ्रांसिस्को डि गोया|फ्रांसिस्को गोया]], और फ़्रांस में थियोडोर जेरिकाल्ट, यूजीन डेलाक्रोइक्स, थियोडोर कैसेराऊ, और अन्य के साथ होता था; अमेरिकी दृश्य कला में भी स्वछंदतावाद का एक प्रतिरूप था, जो विशेषकर हडसन रिवर स्कूल के चित्रों में प्राप्त अमेरिकी मनोरम दृश्य के निर्बाध उन्नयन में था. थॉमस कोल, एल्बर्ट बियरस्टेड और फ्रेडरिक एडविन चर्च और अन्य प्रायः अपने चित्रों में रोमानी शैली की अभिव्यक्ति करते थे. वह कभी कभी प्राचीन विश्व के अवशेषों का भी चित्रण करते थे, जैसे कि फ्रेडरिक एडविन की चर्च कृति ''सनराइज़ इन सीरिया'' में. इन कृतियों में मृत्यु और पतन की गॉथिक भावना परिलक्षित होती थी. वह इस रोमानी आदर्श का भी प्रदर्शन करते थे कि प्रकृति सर्वशक्तिमान है और अंततः मनुष्य की सभी अस्थायी रचनाओं पर विजय पा लेगी. कई बार वह स्वयं को यूरोपीय प्रतिरूपों से भिन्न सिद्ध करने के लिए अनोखे अमेरिकी दृश्य व् प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण करते थे. कला जगत में अमेरिकी पहचान का यह विचार डब्लू.सी.,ब्राइएन्ट की कविता, ''टू कोल, द पेंटर, डिपार्टिंग फॉर यूरोप'' में दिखाई पड़ता है, जहाँ ब्राइएन्ट कोल को उन सुन्दर दृश्यों को याद करने के लिए प्रेरित करता है जो सिर्फ अमेरिका में ही पाए जाते हैं. यह कविता रोमानी काल के साहित्यिक और दृश्य कला के कलाकारों के मध्य सशक्त सम्ब्वंध को भी दिखाती है{{Citation needed|date=February 2010}}.
 
कुछ अमेरिकी चित्र आदर्श अमेरिकावासियों के स्वाभाविक संसार में प्रेम पूर्वक रहने का चित्रण करके साहित्यिक विचार "कुलीन असभ्य" का समर्थन करते हैं (जैसे अलबर्ट बियरस्टेड का द रॉकी माँउंटेंस).
 
थॉमस कोल के चित्र में सशक्त वर्णन होता है जैसे 1840 की शुरुआत में बनाई गयी ''द वोयज ऑफ़ लाइफ'' श्रंखला, जो यह चित्रित करती है कि मनुष्य अदभुद और विशाल प्रकृति के साथ रहने का प्रयास कर रहा है, पालने से लेकर कब्र तक (नीचे देखें).
 
=== जीवन की यात्रा ===
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File:Cole Thomas The Voyage of Life Childhood 1842.jpg|थॉमस कोल, 1842 द वॉयज ऑफ़ लाइफ चाइल्डहुड
 
File:Cole Thomas The Voyage of Life Manhood 1840.jpg|थॉमस कोल, 1842 द वॉयज ऑफ़ लाइफ मैनहुड
File:Cole Thomas The Voyage of Life Old Age 1842.jpg|थॉमस कोल, 1842 द वॉयज ऑफ़ लाइफ ओल्ड एज
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== रोमानी राष्ट्रवाद ==
{{Main|Romantic nationalism}}
[[चित्र:Wappers belgian revolution.jpg|300px|left|thumb|एगिड चार्ल्स गुस्तव वैपर्स, बेल्जियम क्रांति 1830 की कड़ी, 1834 म्युसी आर्ट एंसें, ब्रूसेल्स एक बेल्जियन चित्रकार द्वारा एक रोमानी दृश्य.]]
राष्ट्रवादिता का अभिकथन, स्वछंदतावादियों का एक प्रमुख और सर्वाधिक चिरस्थायी उपाय बन गया, जो रोमानी कला और दर्शनशास्त्र की केंद्रीय शैली बन गयी. आन्दोलन के शुरूआती समय से, जब उनका ध्यान राष्ट्रीय भाषा व् लोकभाषा के विकास, स्थानीय रिवाजों व् परम्पराओं के महत्व, से लेकर उन आन्दोलनों पर था जो पुनः यूरोप का नक्शा बनायेंगे और राष्ट्रीयता के स्व-निर्धारण की अगुआई करेंगे; राष्ट्रीयता, इसकी भूमिका, अभिव्यक्ति और अर्थ यह स्वछंदतावाद के प्रमुख वाहक बन गए.
 
शुरूआती रोमानी राष्ट्रवाद का रूसो ने अत्यधिक समर्थन किया, और जोहन गोटफ्राइड वों हर्डर के सुझावों द्वारा, जिन्होंने 1784 में यह तर्क दिया कि भूगोल व्यक्ति की प्राकृतिक अर्थव्यवस्था की रचना करता है, और उनके समाज व् रिवाजों को एक आकार प्रदान करता है.
 
राष्ट्रवाद की प्रकृति नाटकीय रूप से बदल गयी, हालाँकि [[फ़्रांसीसी क्रांति|फ़्रांसिसी क्रांति]] के बाद नेपोलियन के उत्थान के साथ, अन्य देशों की इसके प्रति प्रतिक्रिया में भी बदलाव आया. पहले तो नेपोलियन का राष्ट्रवाद और समाजवाद अन्य राष्ट्रों के आन्दोलनों के लिए प्रेरणादायक थे:स्व निर्धारण और राष्ट्रीय एकता के प्रति जागरूकता दो ऐसे कारण समझे जाते थे जिससे फ़्रांस युद्ध में अन्य देशों को पराजित करने में सफल हो सका. पर जैसे जैसे फ़्रांसिसी गणराज्य नेपोलियन के साम्राज्य में आ गया, नेपोलियन राष्ट्रीयता के लिए प्रेरणा के स्थान पर इसके संघर्ष का प्रतीक बन गए. [[प्रुशिया]] में, नेपोलियन के विरुद्ध संघर्ष में सम्मिलित होने के लिए आध्यात्मिक नवीकरण के विकास पर केन्त के शिष्य जोहान गोटीलेब फिष्ट तथा अन्य के द्वारा विचार किया गया. शब्द ''वोल्कस्टम'' , या राष्ट्रीयता, की शुरुआत जर्मनी में विजयी सम्राट के प्रतिरोध में की गयी थी. फिष्ट ने अपने 1806 के भाषण "टू द जर्मन नेशन" में भाषाओँ और राष्ट्र की एकता पर विचार व्यक्त किये.
[[चित्र:Gallen Kallela The Forging of the Sampo.jpg|right|thumb|अक्सेली गैलेन-कैलेला,द फोर्जिंग ऑफ़ द सैम्पो, 1893फिनलैंड का एक कलाकार जो कैलेवैला के संकलन से प्रेरणा ले रहा था.]]
<blockquote>''जो लोग एक ही भाषा बोलते हैं वह एक दूसरे से प्रकृति के अनेकों अदृश्य बंधनों के द्वारा जुड़े हैं,किसी मानव कला के विकसित होने से बहुत पहले ही; वह एक दूसरे को समझने लगते हैं और स्वयं को और भी अधिक स्पष्ट रूप से समझने योग्य बनाने लगते हैं; उनका अस्तित्व एक साथ रहने में ही है और वह पूर्णएक हैं जिसे अलग नहीं किया जा सकता.....'' ''मात्र तब ही जब प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं पर छोड़ दिया जायेगा, और वह अपनी विशिष्ट प्रतिभाओं के आधार पर स्वयं को बनाएगा, और सिर्फ तब ही, जब प्रत्येक व्यक्ति उन्ही उभयनिष्ठ विशिष्टताओं के आधार पर स्वयं को विकसित करेगा- तब, और सिर्फ तब ही, अपने सही मायनों में ईश्वरत्व का आविर्भाव होगा जैसा कि होना चाहिए.'' </blockquote>
 
राष्ट्रवाद के दृष्टिकोण ने लोकसाहित्य के संकलन को ब्रदर्स ग्रिम जैसे लोगों द्वारा प्रोत्साहित किया, पुराने महाकाव्यों का राष्ट्रीय के रूप में पुनः प्रचलन, ऐसे नए महाकाव्यों की रचना जो पुरानी शैली के हों, जैसे कि ''कैल्वाला'' , जोकि फिन्लैंड की कथाओं और लोक साहित्य से संकलित था, या ''ओशियन'' , जिसमे कि उन प्राचीन जड़ों की खोज की गयी है जिन पर दावे किये गए हैं. यह विचार कि परी-कथाएं, जब तक कि वह बाहरी साहित्यिक स्त्रोत द्वारा दूषित न की जाएँ, तब तक वह हजारों वर्ष से उसी रूप में रहती हैं, यह मात्र रोमानी राष्ट्रवादियों में विशेष नहीं था, लेकिन उनके इस विचार के साथ आसानी से सामंजस्य बना लेता था कि ऐसी कथाएं लोगों के मौलिक स्वभाव को व्यक्त करती हैं. उदहारण के लिए, ब्रदर्स ग्रिम ने अपने द्वारा संकलित कई कथाओं को अस्वीकृत कर दिया क्यूंकि वह चार्ल्स परौल्ट की कहानियों के सामान थीं, जी उनके अनुसार यह प्रदर्शित करता था कि यह कथाएं पूर्ण रूप से जर्मन नहीं हैं; उनके संकलन में ''स्लीपिंग ब्यूटी'' का स्थान बना रहा क्यूंकि ब्राइनहिल्ड्र की कहानी ने उन्हें इस बात के लिए सहमत कर लिया कि निद्रामग्न राजकुमारी का चरित्र प्रमाणिक रूप से जर्मन है.
 
केंद्रीय यूरोप के अनेकों लोगों, जिनके पास अपना राष्ट्रीय राज्य नहीं था, उनके राष्ट्रीय जागरण में स्वछंदतावाद ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, और सिर्फ [[पोलैंड]] में ही नहीं, जिसने हाल में ही अपनी स्वतंत्रता खो दी थी जब रशिया की सेना ने निकोलस 1 के नेतृत्व में पोलैंड के क्रांतिकारियों को समाप्त कर दिया था. रोमानी कवियों और चित्रकारों द्वारा प्राचीन मिथकों, रिवाजों और परम्पराओं का पुनः प्रचलन और पुनाराभिव्यक्ति ने प्रभावी देशों में से उनके मौलिक संस्कृति का भेद कर पाने और रोमानी राष्ट्रवाद के मिथकलेख का क्रिस्टलीकरण कर पाने में सहायता की. स्वतंत्रता के लिए देशभक्ति, राष्ट्रवाद, क्रांति और सैन्य संघर्ष भी इस काल की कला की प्रचलित शैली बन गयी. विवादस्पद रूप से, एडम मिकिविज़ यूरोप के इस भाग के सर्वाधिक विशिष्ट कवि रहे, जिन्होंने यह विचार विकसित किया कि पोलैंड राष्ट्रों का मसीहा था, और कष्ट सहना उसी प्रकार उसके भाग्य में लिखा था जिस प्रकार [[ईसा मसीह|यीशु]] को सभी लोगों को बचाने के लिए कष्ट सहना पड़ा था.
 
== गैलरी ==
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File:Shipwrec-vernet.jpg|जोसेफ वर्नेट, 1759, शिपरेक, ग्रोनिंज म्युजियम, ब्रुग्स
File:Joseph Wright 004.jpg|जोसेफ राइट, 1774, केव एट इवनिंग, स्मिथ कॉलेज म्युजियम ऑफ़ आर्ट, नॉर्थएम्प्टन, मेसाचुसेट्स.
File:John Henry Fuseli - The Nightmare.JPG|हेनरी फ्युसेली, 1781, द नाइटमेयर, डेटरायट इंस्टीट्युट ऑफ़ आर्ट्स
File:Philipp Jakob Loutherbourg d. J. 002.jpg|फिलिप जेम्स डी लूथरबर्ग, कोलब्रुकडेल बाइ नाइट, 1801, साइंस म्यूजियम लंदन
File:Waterfalls at Subiaco Joseph Anton Koch.jpeg|जोसेफ एंटन कोच, वाटरफाल्स एट सुबियाको 1812-1813, नैश्नल म्यूजियम ऑफ़ आर्ट एंड डिज़ाइन, ओस्लो
File:James Ward 001.jpg|जेम्स वार्ड, 1814-1815, गोर्डैल स्कार
File:John_Constable_The_Hay_Wain.jpg|जॉन कॉन्स्टेबल, 1821, द हे वेन
File:I.C.Dahl Vesuv.jpg|जे.सी. दह्ल, 1826, आउटब्रेक ऑफ़ द वेसीवियस,स्टैडएलशेस कुंसटीइंस्टीटुट, फ्रेंकफर्ट एम मेन.
File:The Wood of the Self-Murderers.jpg|विलियम ब्लेक, सी. 1824-27, [28], टेट
File:Turner-The Burning of the Houses of Lords and Commons.jpg|जे.एम.डब्लू. टर्नर, द बर्निंग ऑफ़ द हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स एंड कॉमास (1835), फिलाडेल्फिया म्यूजियम ऑफ़ आर्ट
File:George Caleb Bingham 001.jpg|जॉर्ज कैलेब बिंघम, सी. 1845, मिस्सौरी नदी पर फर व्यापारी
File:Hans Gude--Vinterettermiddag--1847.jpg|हंस गुड, विंटर आफ्टरनून, 1847, नैश्नल गैलेरी ऑफ़ नार्वे, ओस्लो
File:John Martin - Sodom and Gomorrah.jpg|जॉन मार्टिन, 1852, द डिसट्रक्शन ऑफ़ सोडोम एंड गोमोराह, लेंग आर्ट गैलेरी
File:twilight wilderness big.jpeg|फ्रेडेरिक एडविन चर्च, 1860, ट्विलाइट इन द वाइल्डरनेस, क्लीवलैंड म्यूजियम ऑफ़ आर्ट.
File:Bierstadt LandersPeak 1863.jpg|एल्बर्ट बायरस्टेड, 1863, द रॉकी माउनटेंस: लेंडर्स पीक
File:Palmer. A Dream in the Appenine c.1864 (watercolor and gouache on paper laid on wood) Tate Britain.jpg|सैमुएल पाल्मर, सी.1864, ए ड्रीम इन द एपेनाइन टेट ब्रिटेन
File:corot.villedavray.750pix.jpg|जीन-बैप्टिस्ट-केमिले कोरोट, सी. 1867, विले डी'एवरे गैलेरी ऑफ़ आर्ट, वाशिंगटन, डीसी.
[[चित्र:लिया एफिमोविच रेपिन (1844-1930) - वोल्गा बोटमैन (1870-1873).जेपीजीलिया रेपिन, ''बार्ज हौलर्स ओन द वोल्गा'' , 1870-73 (स्टेट रशियन म्यूजियम, सेंट पीट्सबर्ग)]]
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== यह भी देंखे ==
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=== संबंधित शब्द ===
* [[अतियथार्थवाद|यथार्थवाद]]
* प्रतीकवाद
* बोहीमियनवाद
* हम्बोलडियन
* [[राष्ट्रवाद]]
* गौथिकवाद
* [[अभिव्यंजनावाद|अभिव्यक्तिवाद]]
* भावुकतावाद
 
=== विपरीतार्थक शब्द ===
* प्रचीनवाद
* [[अकादमी]]
* [[उपयोगितावाद]]
* यथार्थवाद
* [[विवेकवाद|तर्कवाद]]
* आत्मज्ञान
* [[तथ्यवाद|सकरात्मक्तावाद]]
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=== संबंधित विषय ===
* विज्ञान में स्वच्छंदतावाद
* रोमानी नायक
 
* रोमानी यथार्थवाद
* नव-स्वछंदतावाद
* अति-स्वछंदतावाद
* स्वछंदतावाद के बाद
* रूमानियत
सूची
* लोकसाहित्य
* इतिहास में मध्य युग
* ''मॉल डू सिसेल ''
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=== संबंधित आंदोलन ===
* पूर्व राफेलाइट
ब्रदरहुड
* जर्मन स्वच्छंदतावाद
* स्टर्म एंड ड्रैंग
* डसेलडोर्फ स्कूल
* हडसन रिवर स्कूल
* हडसन रिवर स्कूल के कलाकारों की सूची
* यूनानी (नव प्रचीनवाद)
* नाज़रीन आंदोलन
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=== रोमानी विद्वान ===
* एम.एच. अब्रेम
* डोनाल्ड ऑल्ट
* [[जेन ऑस्टेन|जेन ऑस्टिन]]
* [[विलियम ब्लेक]]
* हेरोल्ड ब्लूम
* ब्रोंट बहनें
* थॉमस कार्लाइल
* [[जॉर्ज गॉर्डन बायरन|लॉर्ड बायरन]]
* जेम्स चेंडलर
* [[सेम्येल टेलर कोलरिज|सैमुएल टेलर कोलरिज]]
* [[राल्फ वाल्डो इमर्सन|राल्फ वाल्डो एमरसन]]
* जोस डे एस्प्रोनसेडा
* नॉर्थरॉप फ्राइ
* जोहान वुल्फगैंग वॉन गौथ
* वॉशिंगटन इरविंग
* [[जान कीट्स|जॉन कीट्स]]
* जेरोम मेक्गेन
* नएएसएसआर
* एडम मिकिविज़
* [[एडगर ऍलन पो|एडगर एलन पो]]
* पर्सी शेली
* मेरी शेली
* हेनरी डेविड थोरौ
* रेने वेलेक
* [[विलियम वर्ड्सवर्थ]]
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== सन्दर्भ ==
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== सन्दर्भग्रंथ सूची (बिब्लियोग्राफी) ==
{{Commons category|Romanticism}}
 
==संदर्भ==
 
1.* एम. क्रैंस्टन (1979), द रोमांटिक मूवमेंट, ब्लैकवेल, ऑक्सफ़र्ड.
* एच. ऑनर (1979), रोमांटिसिज़म, एलन लेन, लंदन.
* एम. प्रैज़ (1970), द रोमांटिक एगॅनी, ऑक्सफ़र्ड युनिवर्सिटी प्रेस, लंदन.
* कैनेथ आर. जांस्टन वग़ैरह (1990), रोमांटिक रेवोल्यूशन : क्रिटिसिज़म ऐंड थियरी, इण्डियाना युनिवर्सिटी प्रेस, ब्लूमिंग्टन.
* डॉ. अमरनाथ (2009), हिंदी आलोचना की पारिभाषिक शब्दावली, राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली.
* {{cite book | last = Abrams | first = Meyer H. | title = The Mirror and the Lamp | publisher = O. U. P | location = London | year = 1971 | isbn = 0195014715 }}
* अब्रैम्स, एम.एच.,''नेचुरल सुपरनेचुरलिस्म:ट्रेडिशन एंड रिवोल्यूशन इन रोमांटिक लिटरेचर'' (न्यू यार्क : डब्लू.डब्लू. नार्टन, 1973 )
* {{cite book | last = Berlin | first = Isaiah | title = The Roots of Romanticism | publisher = Chatto & Windus | location = London | year = 1999 | isbn = 0691086621 }}
* {{cite book | last = Marcel | first = Brion | title = Art of the Romantic Era | publisher = Henry Holt & Company, Inc | year = 1966 | isbn = 0275420906 }}
* सियोफेलो, जॉन जे न्यायालय और अकादमी में प्रतिभा की चढ़ाई. " द एसेंट ऑफ़ जीनियस इन द कोर्ट एंड अकैडमी.' ''द सेल्फ पोर्ट्रेट्स ऑफ़ फ्रांसिस्को गोया.'' कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 2001.
* फे, एलिज़ाबेथ, ''रोमांटिक मेडिवलइस्म'' .''हिस्टरी एंड द रोमांटिक लिटररी आइडियल.'' हाउंड्समिल्स,बसिंगस्टोक: पल्ग्रेव, 2002.
* फ्राइडलेंडर, वाल्टर, ''डेविड टू डेलाक्रोइक्स'' , (वास्तव में जर्मन भाषा में प्रकशित; पुनः प्रकाशन 1980) 1952.
* गैलेस्पी, जेराल्ड/मेंफ्रेड एंगेल/बैरनार्ड डायाट्रेल (ईडीएस.), ''रोमांटिक प्रोज फिक्शन'' (= ऐ कम्पेरेटिव हिस्ट्री ऑफ़ लिट्रेचर्स इन यूरोपियन लैंग्वेजेस, बीडी.XXIII; इडी. द्वारा द इंटरनैशनल कम्पेरेटिव लिटरेचर एसोसियेशन एम्स्टर्डम, फिलाडेल्फिया: जॉन बैन्जमिंस 2008, पीपी 263-295. आइएसबीऍन 978-9027234568
* होम्स, रिचर्ड. ''द एज ऑफ़ वंडर: द रोमांटिक जनरेशन एंड द डिस्कवरी ऑफ़ द ब्यूटी एंड टेरर ऑफ़ साइंस'' (2009) आईएसबीऍन 978-1-4000-3187-0
* हनर, हघ, ''रोमेंटिसिज्म'' (वेस्टव्यू प्रेस) 1979 .
* लिम, क्विस्फा, ''रोमेंटिसिज्म- द डाउन ऑफ़ ए न्यू एरा'' , 2002. (पुनः प्रकाशन 2006)
* मेसन, स्कॉट, 'रोमेंटिसिज्म', सीएच. 7 ''द ऑक्सफोर्ड हैंडबुक ऑफ़ इंग्लिश लिटरेचर एंड थियोलोजी'' , (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस) 2007 .
* मौस्कोविकी, क्लौडिया "रोमेंटिसिज्म एंड पोस्टरोमेंटिसिज्म," (लेक्सिंगटन बुक्स, हार्डकवर 2007, पेपरबैक 2010). आईएसबीऍन 978-0-7391-1675-3.
* मूर्र, क्रिस्टोफर, इडी. ''ऍनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ द रोमेंटिक एरा, 1760 -1850'' (अंक 2 2004 ); विशेषज्ञों द्वारा 850 लेख; 1600 पीपी
* नोवोत्नी, फ्रिट्ज, ''पेंटिंग एंड स्कल्पचर इन यूरोप, 1780-1880'' , 1971.(दूसरा संस्करण 1980)
* मेक कैलमेन, लेन, इडी.''ऍन ऑक्सफोर्ड कम्पेनियन टू द रोमांटिक एज'' (2009) [http://www.oxfordreference.com/pages/Subjects_and_titles__t285 Oxford Reference Online] पर ऑनलाइन
* रेडहेड इट. एएल., "नार्टन एंथोलोजी ऑफ़ इंग्लिश लिटरेचर,"द रोमांटिक पीरियड - वॉल्यूम डी" (डब्लू.डब्लू. नार्टन & कंपनी लिमि.) 2006 2006
* रोसेंब्लम, रॉबर्ट, ''माडर्न पेंटिंग एंड द नार्दर्न रोमांटिक ट्रेडिशन: फ्रेडरिक टू रोथको'' , (हैपर & रो) 1975
* शेंक, एच.जी., ''द माइंड ऑफ़ द यूरोपियन रोमान्टिक्स: ऍन एस्से इन कल्चरल हिस्ट्री'' , (कोंस्टेबल) 1966.
* टेकिनर, डेनिज, ''माडर्न आर्ट एंड द रोमांटिक विज़न'' , (यूनिवर्सिटी प्रेस ऑफ़ अमेरिका) 2000.
* वर्कमैन, लेसली जे., "मेडिवलइज्म एंड रोमेंटिसिज्म," ''पोयेटिका'' 39-40 (1994): 1-34
 
== बाहरी लिंक्स ==
2. एच. ऑनर (1979), रोमांटिसिज़म, एलन लेन, लंदन.
* [http://www.rc.umd.edu ''Romantic Circles'' ] इलेक्ट्रॉनिक संस्करण, इतिहास, और विद्वानों के युग प्रेमपूर्ण लेख से संबंधित
* [http://www.poetseers.org/the_romantics/ The Romantic Poets]
* [http://etext.lib.virginia.edu/cgi-local/DHI/dhi.cgi?id=dv4-26 ''Dictionary of the History of Ideas'' ]
* [http://etext.lib.virginia.edu/cgi-local/DHI/dhi.cgi?id=dv4-27 ''Dictionary of the History of Ideas'' ]
 
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3. एम. प्रैज़ (1970), द रोमांटिक एगॅनी, ऑक्सफ़र्ड युनिवर्सिटी प्रेस, लंदन.
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}}
 
[[श्रेणी:सौंदर्यशास्त्र के सिद्धांत]]
4. कैनेथ आर. जांस्टन वग़ैरह (1990), रोमांटिक रेवोल्यूशन : क्रिटिसिज़म ऐंड थियरी, इण्डियाना युनिवर्सिटी प्रेस, ब्लूमिंग्टन.
[[श्रेणी:प्राकृतवाद]]
[[श्रेणी:रोमांटिक कला]]
[[श्रेणी:रोमांटिक चित्रों]]
[[श्रेणी:साहित्यिक genres]]
[[श्रेणी:साहित्यिक आंदोलनों]]
[[श्रेणी:विचारों का इतिहास]]
[[श्रेणी:यूरोप का इतिहास]]
[[श्रेणी:गुगल परियोजना]]
 
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5. डॉ. अमरनाथ (2009), हिंदी आलोचना की पारिभाषिक शब्दावली, राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली.
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{{Link GA|zh}}