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[[बौद्ध धर्म]] में '''बुद्धत्व''' किसी जीव की उस स्थिति को कहा जाता है जिसमें वह पूरा ज्ञान और [[बोध]] पाकर (जिसे [[संस्कृत]] में 'सम्यक्सम्बोधि' की अवस्था कहते हैं) [[निर्वाण]] की ओर निकल चुका हो।
 
== अन्य भाषाओँभाषाओं में ==
[[पालि भाषा]] में 'बुद्धत्व' के लिए 'बुद्धत्त' और 'बुद्धभाव' शब्द भी प्रयोग हुए हैं। [[अंग्रेज़ी]] में इसे 'बुद्धाहुड' (Buddhahood कहते हैं, जिसे अधिकतर अमेरिकी-ब्रिटिश लोग 'बूडाहुड' उच्चारित करते हैं)।<ref name="ref86veriz">[http://books.google.com/books?id=itTFXt6ZmVQC The Conception of Buddhist Nirvana], Theodore Stcherbatsky, Motilal Banarsidass Publ., 1996, ISBN 978-81-208-0529-3, ''... The ideal of Hinayana is Nirvana; the ideal of Mahayana is Buddhatva, the attainment of Buddhahood ...''</ref>
 
==तीन प्रकार के बुद्धत्व==
* सम्यकसम्बुद्ध
* प्रत्येकबुद्ध
* सावकबुद्ध
 
==बुद्ध के नाम==
[[अश्वघोष]] ने [[बुद्धचरित]] में बुद्ध के नामों की एक बहुत बड़ी सूची दी है-
 
बुद्ध, धर्मराज, नायक, विनायक, जिन, अवलोकितेश्वर आदि
 
== इन्हें भी देखें ==