"अर्धमागधी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
|||
पंक्ति 17:
* ए.एम. घाटगे : इंट्रोडक्शन टु अर्धमागधी (१९४१);
* बेचरदास जीवराज दोशी : प्राकृत व्याकरण (१९२५)
*[http://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_1496.html] (प्रोफेसर महावीर सरन जैन का आलेख - साहित्यिक प्राकृतों (शौरसेनी, महाराष्ट्री, मागधी, अर्द्ध-मागधी, पैशाची) को भिन्न भाषाएँ मानने की परम्परागत मान्यताः पुनर्विचार)▼
==बाहरी कड़ियाँ==
▲*[http://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_1496.html
== इन्हें भी देखें ==
|