"गाथासप्तशती": अवतरणों में अंतर
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'''गाहा सत्तसई''' ([[संस्कृत]]: '''गाथासप्तशती''') [[प्राकृत]] भाषा में गीतिसाहित्य की अनमोल निधि है। इसमें प्रयुक्त [[छन्द]] का नाम "गाथा" छन्द है। इसमें ७०० गाथाएँ हैं। इसके रचयिता '''[[हाल]]''' या [[शालिवाहन]] हैं। इस काव्य में सामान्य लोकजीवन का ही चित्रण है। अत: यह प्रगतिवादी कविता का प्रथम उदाहरण कही जा सकती है। इसका समय बारहवीं शती मानी जाती है।
== परिचय ==
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