"नाड़ी": अवतरणों में अंतर
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==प्रमुख नाड़ियाँ और योग शास्त्र==
कई योग ग्रंथ १० नाड़ियों को प्रमुख मानते हैं
ईड़ा ऋणात्मक ऊर्जा का वाह करती है । शिव स्वरोदय ईड़ा द्वारा उत्पादित ऊर्जा को चन्द्रमा के सदृश्य मानता है अतः इसे चन्द्रनाड़ी भी कहा जाता है । इसकी प्रकृति शीतल, विश्रामदायक और चित्त को अंतर्मुखी करनेवाली मानी जाती है । इसका उद्गम [[मूलाधार चक्र]] माना जाता है - जो मेरुदण्ड के सबसे नीचे स्थित है ।
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