"कृषि अर्थशास्त्र": अवतरणों में अंतर

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कृषि अर्थशास्त्र में कृषि के सम्बन्ध में स्थानीय कृषि, कृषि की नवीन व्यहू रचना तथा हरित क्रान्ति, कृषि का आधुनिकीकरण एवं व्यवसायीकरण, कृषि मूल्य नीति, कृषि श्रमिक, वन सम्पदा, ग्रामिण आधारभूत ढाँचा, बंजरभूमि विकास कार्यक्रम, कृषि वित्त, सहकारिता, सहकारिता का उद्गम एवं विकास, सहकारी विपणन, उपभोक्ता सहकारी समितियाँ और औद्योगिक सहकारी समितियाँ आदि विषयों का विस्तृत विवेचन किया जाता है।
 
== परिचय ==
कृषि अर्थशास्त्र वस्तुतः सामान्य अर्थशास्त्र की एक विशिष्ट शाखा है। इसके अन्तर्गत कृषि व्यवसाय से सम्बन्धिात विभिन्न आर्थिक समस्याओं एवं सिद्धान्तों का अधययन किया जाता है। कृषि एक उत्पादक कार्य है। इसलिये कृषि अर्थशास्त्र उत्पादन की समस्याओं पर अपेक्षाकृत अधिाक विस्तार के साथ विचार किया जाता है। कृषि व्यवसाय की विविध समस्याएँ जैसे, कृषि-उत्पादन हेतु विभिन्न साधनों की व्यवस्था, प्रति हैक्येटर उत्पत्ति में वृद्धि, कृषि-भूमि पर जनसंख्या का दबाव, आर्थिक जोत, भूमि-स्वामित्व प्रणाली, कृषि उपज का विपणन, सहकारी कृषि आदि पर कृषि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत विचार किया जाता है। परन्तु इस सम्बन्ध में यह स्मरणीय है कि कृषि अर्थशास्त्र में न केवल कृषि सम्बन्धी विभिन्न समस्याओं पर विचार किया जाता है, अपितु अर्थशास्त्र के विभिन्न महत्त्वपूर्ण नियमों जैसे, [[ह्रासमान प्रतिफल नियम]] (Law of Diminishing Returns) माँग का नियम, पूर्ति का नियम आदि की कृषि क्षेत्र में क्रियाशीलता की जाँच की जाती है।
 
पृथक् विषय के रूप में कृषि-अर्थशास्त्र का वैज्ञानिक अधययन उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में प्रारम्भ हुआ था। आधुनिक कृषि एक व्यवसाय है। इसमें वे सभी उद्योग सम्मिलित किए जाते हैं, जो कृषि के विकास के लिए उत्पादन-साधनों को निर्मित करते हैं तथा कृषि-गत पदार्थों का परिष्करण (प्रोसेसिंग) के द्वारा रूप परिवर्तित करते हैं।
 
== शाखाएँ==
अर्थशास्त्र की विभिन्न शाखाएँ हैं, जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर विस्तृत प्रकाश डालती है। कृषि अर्थशास्त्र उनमें से एक है। यह कृषि से सम्बन्धिात मुख्य आर्थिक समस्याओं का अधययन करती है। कृषि अर्थशास्त्र में हम फार्म प्रबन्ध, उत्पादन फलन, कृषि विपणन, कृषि वित्त, कृषि कीमत आदि से सम्बन्धिात नीतियों का अधययन करते हैं।
 
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* '''कृषि-संवृद्धि, विकास एवं योजना''' - इसके अन्तर्गत कृषि की सामान्य समस्याओं जैसे - कृषि में संवृद्धि, कृषि-विकास नीति, कृषि योजनाओं आदि का समावेश होता है।
 
== कृषि अर्थशास्त्र के अधययन की सीमाएँ==
कृषि अर्थशास्त्र के अधययन की सीमाएँ निम्नलिखित हैं-