"देवराज यज्वा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: अंगराग परिवर्तन |
||
पंक्ति 13:
देवराज यज्वा ने अपनी व्याख्या में निघंटु के प्रत्येक शब्द की व्याख्या की है। ये प्राय: अपने पूर्ववर्ती [[स्कंदस्वामी]], [[माधव]] आदि भाष्यकारों के पाठों को प्रस्तुत करते हैं विशेषत: जहाँ उनसे उनका मतभेद होता है।
== बाहरी कड़ियाँ==
[[श्रेणी:संस्कृत साहित्यकार]]
|