"आशा भोसले": अवतरणों में अंतर

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=== फिल्म जो मिल का पत्थर साबित हुई ===
आशा भोसले जी के गायिकी के कैरियर मे चार फिल्मे मिल का पत्थर, साबित हुई- नया दौड(1957), तीसरी मंजिल(1966), उमरॉव जान(1981) और रंगीला (1995)। नया दौर(1957):- आशा भोसले जी की पहली बड़ी सफल फिल्म बी. आर. चोपड़ा की ‘नया दौर’(1957) थी। मो. रफी के साथ गाए उनके गीत यथा ‘माँग के हाथ तुम्हारा....’, ‘साथी हाथ बढ़ाना...’ और ‘उड़े जब जब जुल्फे तेरी...’ शाहिर लुधियानवी के द्वारा लिखित और ओ. पी. नैयर द्वरा संगीतबद्ध एक खास पहचान दी। आशा जी ने ओ.पी. नैयर के साथ पहले भी काम किया था पर यह पहली फिल्म थी जिसके सारे गीत आशा जी प्रमुख अभिनेत्री के लिए गाई थी। प्रोड्यूसर बी. आर. चोपडा ने नया दौर में उनकी प्रतिभा की पहचान कर आने वाली बाद की फिल्मों मे पुन: मौका दिया। उनमे प्रमुख फिल्म- वक्त, गुमराह, हमराज, आदमी और इंसान और धुंध आदि है। तिसरी मंजिल(1966):- आशा भोसले ने राहुल देव वर्मन की ‘तीसरी मंजिल’(1966) से काफी प्रसिद्ध हुई। जब पहले उन्होने गाने की धुन सुनी तो गीत ‘आजा आजा...’ इस गीत को गाने से इनकार कर दिया था, जो वेस्टर्न डांस नम्बर पर आधारित थी। तब आर. डी. वर्मन ने संगीत को बदलने का प्रस्ताव आशा जी को दिया किंतु आशा जी ने यह चैलेंज स्वीकार करते हुए गीत गाए। 10 दिन के अभ्यास के बाद जब अंतिम तौर पर यह खास गीत आशा जी ने गाए तो खुशी के कायल आर. डी. वर्मन ने 100 रूपये के नोट आशा जी के हाथ मे रख दिए। आजा आजा.... और इस फिल्म के अन्य गीत – ओ हसीना जुल्फो वाली... और ओ मेरे सोना रे.... ये सभी गीत रफी जी के साथ तहलका मचा दिया। शम्मी कपूर इस फिल्म के नायक ने एक बार कहा था “यदि मे पास मो. रफी इस फिल्म के गीतो को गाने के लिए नही होते तो मै आशा भोसले को यह कार्य देता”। उमराव जान(1981):- रेखा अभिनित ‘उमराव जान’(1981) आशा जी ने गज़ल गाया यथा- दिल चीज क्या है...., इन आँखों की मस्ती के..., ये क्या जगह है दोस्तों... और जुस्त जु जिसकी थी.थी।..। इन गज़लों के संगीतकार खय्याम थे जिन्होने आशा जी से सफलतापूर्वक गज़लो को गाने के लिए स्वरों के उतार चढाव को समझाया। आशा जी स्वयं आश्चर्यचकित थी कि वह इन गज़लो को सफलतापूर्वक गाई है। इन गज़लों ने आशा जी को प्रथम राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाया और उनकी बहुमुखी प्रतिभा साबित हुई। रंगीला (1995):- सन 1995 मे 62 वर्षीय आशा जी ने युवा अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर के लिए फिल्म रंगीला में गाई। इन्होने फिर अपने चाहनेवालों को आश्चर्यचकित कर दिया। सुपर हिट गीत यथा- तन्हा तन्हा... और रंगीला रे... गीत ए. आर. रहमान के संगीत निर्देशन मे गाई जो काफी प्रसिद्ध हुआ। बाद मे कई अन्य गीतों को ए. आर. रहमान के निर्देशन में गाई। तन्हा तन्हा... गीत काफी प्रसिद्ध हुआ और आज भी लोग गुनगुनाते है।
 
== संगीत निर्देशको के साथ साझेदारी ==