"खुदीराम बोस": अवतरणों में अंतर

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== गिरफ्तारी ==
अंग्रेज पुलिस उनके पीछे लग गयी और वैनी रेलवे स्टेशन पर उन्हें घेर लिया। अपने को पुलिस से घिरा देख प्रफुल्लकुमार चाकी ने खुद को गोली मारकर अपनी शहादत दे दी जबकि खुदीराम पकड़े गये। [[११ अगस्त]] [[१९०८]] को उन्हें [[मुजफ्फरपुर]] जेल में फाँसी दे दी गयी। उस समय उनकी उम्र मात्र १९१८ साल की+ थी।
 
== फाँसी का आलिंगन ==
[[चित्र:Khudiram Bose calendar art.jpg|thumb|right|150px|फाँसी के तख्ते पर खुदीराम]]