"बौद्धिक अशक्तता": अवतरणों में अंतर
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मानसिक मंदता विकास संबंधित एक मानसिक अवस्था है, जो की 02% तक लोगों में पाई जाती है। मानसिक मंदता किसी भी वर्ग, धर्म, जाति, या लिंग के व्यक्ति को हो सकती है। सामान्यतः इसके लक्षण बाल्यावस्था या 18 साल के पहले ही नजर आने लगते हैं।
==लक्षण==
मानसिक मंदता से ग्रसित बच्चो कों निम्नलिखित लक्षण से पहचान सकते हैं -<ref>[http://cipranchi.nic.in/cipranchi_adm/writereaddata/upload/files/manasik/mental_retardation.pdf मानसिक मन्दता] ([[केन्द्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान, [[राँची]])</ref>
* बच्चे का विकास अन्य बच्चों की तुलना में धीमी गति से हो रहा हो। अर्थात देर से चलना, बैठना, बोलना शुरू करना, आदि,
* किसी भी कार्य व कुशलता को धीमी गति से सीख पाना, या बहुत अधिक समझाने पर ही समझ पाना,
* अपनी उम्र के अनुसार सामान्य कार्यो को (जैसे भोजन करना, बटन लगाना, कपड़े पहनना, समय देखना आदि) कुशलता से न कर पाना,
* भाषा का सही प्रयोग न कर पाना,
* पढ़ाई में पीछे रहना,
* अपनी उम्र के अन्य बच्चों के साथ घुल-मिल नहीं पाना,
* अपनी उम्र से कम उम्र के बच्चे की तरह व्यवहार करना,
* दैनिक कार्यो के लिए दूसरो पर निर्भर रहना।
==कारण==
मानसिक मंदता होने के कई संभावित कारण हो सकते है, जैसे,
* गर्भ में बच्चे का विकास सही से न हो पाना,
* गर्भावस्था के दौरान माँ की अच्छी देखभाल न हो पाना, या माँ को काई तकलीफ़ होना,
* जन्म के समय बच्चे को सिर पर भारी चोट लगना,
* छोटी उम्र में सिर पर कोई गहरी चोट लगना,
* बच्चे को संतुलित पोषक आहार तथा सही वातावरण न मिलना,
* अनुवांशिक कारण,
* [[मिर्गी]], दौरे या तेज बुखार का होना, आदि।
==चिकित्सा तथा उपचार==
मानसिक मंदता एक आजीवन रहने वाली अवस्था है जिसके पूर्ण उपचार के लिए कोई दवा नही खोजी जा सकी है, अतः इसके इलाज के लिए,
* यहाँ-वहाँ न भटकें व बिना समय गवांए इसके बारे मे जानकारी प्राप्त करें,
* मनोवैज्ञानिक तथा मनोचिकित्सक का परामर्श जरूर लें,
* बच्चे का बुद्वि (IQ) परीक्षण जरूर करा लें,
* बच्चे को उसकी जरूरत के अनुसार विशेष विद्यालय में प्रशिक्षण के लिए भेंजें,
===माता-पिता के लिए===
यदि किसी बच्चे को मानसिक मंदता हो तो उसके विकास में माता-पिता बहुत योगदान दे सकते हैं, जैसे ,
* बच्चे की कमजोरियों तथा खूबियों को पहचानें, तथा उसके अच्छे व्यवहारों को जरूर प्रोत्साहित करें,
* बच्चे को क्या अच्छा लगता है तथा किस चीज़ के लिए वह आपकी बात मान सकता है यह पहचानें तथा इसका प्रयोग बच्चे को नई कुशलातायें सिखाने में करें,
* बच्चे के कौन से ऐसे व्यवहार हैं जिनसे उसे या औंरों को परेशानी होती है। ऐसे व्यवहारों को रोकने के लिए बच्चे को विपरीत व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करें तथा गलत व्यवहार करने पर उससे सही व्यवहार को कई बार करायें,
* किसी भी नई क्रिया को सिखाने के लिए उसे छोटे-छोटे भागों मे बाँट कर धीरे-धीरे सिखायें,
* बच्चे को मारें या पीटें नही क्योंकि बच्चे की असफलता का कारण लापरवाही नही उसकी असमर्थता है,
* बच्चे को एक साथ बहुत से निर्देश न दें, बल्कि भाषा को सरल करते हुए, छोटे-छोटे निर्देश ही दें,
* ध्यान दें, बच्चे की सीखने की क्षमता सीमित है इसलिए उसे वही कार्य सिखायें जो उसे भविष्य में आत्मनिर्भर होने में मदद करें,
* जितना हो सके खेल-खेल में सीखाने की कोशिश करें,
* बच्चे को समाज में मिलने-जुलने का मौका दें,
* याद रखें बच्चे को जितना अधिक माता-पिता तथा घर के अन्य करीबी लोग सिखा सकते है उतना अधिक कोई भी और विशेषज्ञ नही कर सकता।
===अन्य===
मानसिक मंदता से ग्रसित बच्चों तथा उनके माता-पिता के लिए [[भारत सरकार]] ने कई कानून व संस्थाएं बनाई है, जिनके अंतर्गत बच्चे को जिले के सदर अस्पताल से इस अवस्था का प्रमाण पत्र मिलता है। इस प्रमाण पत्र को दिखाने पर रेल यात्रा में रियायत, प्रोत्साहन राषि, सरकारी नौकरियों में विषेश प्रावधान, अभिभावकों को [[आयकर]] में छूट जैसी कई सुविधाएँ प्राप्त करने का अधिकार मिलता है। राष्ट्रीय न्यास द्वारा इन बच्चों के लिए कई कल्याणकारी योजनायें चलाई जा रही हैं। मानसिक मंदता वाले बच्चों के प्रषिक्षण के लिए बहुत सी सरकारी तथा निजी संस्थाएं भी चलायी जाती हैं। सरकार के द्वारा इन बच्चों के लिए अंतर्राश्ट्रीय स्तर पर विषेश खेलों का आयोजन भी किया जाता है।
==सन्दर्भ==
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