"मनोविकार": अवतरणों में अंतर

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=== मनोदैहिक और दैहिकरूप विकार ===
आज के समय में कुछ बीमारियाँ बहुत ही साधारण बन चुकी हैं जैसे उच्च[[निम्न यारक्तचाप]], निम्न[[उच्च रक्तचाप]], [[मधुमेह,]] उच्च रक्तचापआदि। वैसे तो ये सब शारीरिक बीमारियाँ हैं परंतु ये मनावैज्ञानिक कारणों जैसे तनाव व चिंता से उत्पन्न होती हैं। अतः '''मनोदैहिक मनोविकारविकार''' वे मनोवैज्ञानिक समस्याएं हैं जो शारीरिक लक्षण दर्शातीं हैं, लेकिन इसके कारण मनोवैज्ञानिक होते है। वहीं मनोदैहिक की अवधारणा में मन का अर्थ मानस है और दैहिक का अर्थ शरीर है। इसके विपरीत '''दैहिकरूप विकार''', वे विकार हैं जिनके लक्षण शारीरिक है परंतु इनके जैविक कारण सामने नहीं आते। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति पेटदर्द की शिकायत कर रहा है परंतु तब भी जब उसके उस खास अंग अर्थात पेट में किसी तरह की कोई समस्या नहीं होती।
 
=== विघटनशील विकार ===