"आत्मा": अवतरणों में अंतर
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आत्मा का निरूपण श्रीमद्भगवदगीता या [[गीता]] में किया गया है। आत्मा को [[शस्त्र]] से काटा नहीं जा सकता, [[अग्नि]] उसे जला नहीं सकती, [[जल]] उसे गला नहीं सकता और [[वायु]] उसे सुखा नहीं सकती।<ref>श्रीमद्भगवदगीता, अध्याय 2, श्लोक 23</ref>
जिस प्रकार [[मनुष्य]] पुराने वस्त्रों को त्याग कर नये [[वस्त्र]] धारण करता है, उसी प्रकार आत्मा पुराने शरीर को त्याग कर नवीन शरीर धारण करता है।<ref>श्रीमद्भगवदगीता, अध्याय 2, श्लोक 22</ref>
==सन्दर्भ==
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▲== बाहरी कड़ियाँ ==
▲* [http://www.mantra.org.in/Yoga/myweb/Atma_h.htm आत्मा] (भारत विद्या)
[[श्रेणी:दर्शन]]
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