"तैत्तिरीय संहिता": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 1:
'''तैत्तिरीय संहिता''' में ७ काण्ड, ४४ प्रपाठक, तथा ६३१ अनुवाक हैं जिसका वर्ण्यविषय [[यज्ञ|यज्ञीय कर्मकाण्ड]] (पौरोडास, याजमान, [[वाजपेय]], [[राजसूय]] इत्यादि नाना यागानुष्ठान) का विशद वर्णन है। [[वेद|वेदों]] के एकमात्र सर्वातिशायी भाष्यकार [[सायण]] [[तैत्तिरीय शाखा]] के ही अनुयायी थे और उन्होने सर्वप्रथम तैत्तिरीय संहिता पर ही अपना वैदुष्यपूर्ण [[भाष्य]] लिखा।
 
==इन्हें भी देखें==