"ट्यूडर राजघराना": अवतरणों में अंतर
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'''ट्यूडर राजवंश''' (Tudor dynasty) ने 1485 से 1603 ई0 तक [[
== हेनरी सप्तम ==
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== एडवर्ड षष्ठ ==
एडवर्ड षष्ठ (1547-1553 ई.) पिता हेनरी के तृतीय उत्तराधिकार के विधेयक (1544 ई.) के अनुसार 9 वर्ष की अवस्था में राज्यासीन हुआ। शासन प्राय: एक संरक्षक समिति के द्वारा चलता रहा, जिसक नेता सोमरसेट और नॉर्थबरलैंड के अर्ल थे। उसके समय की मुख्य विशेषता थी इंग्लैंड में [[प्युरिटन धर्म]] की स्थापना और धर्मसुधार की प्रगति। 1549 ई0 और 1552 ई0 में प्रार्थना संबंधी नए विधान पारित हुए और धार्मिक समानता लाने का प्रयत्न किया गया।
== मेरी ==
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राजनीतिक क्षेत्र में एलिजावेथ न अपने पूर्वजों की तरह सशक्त राजतंत्र, कौंसिल द्वारा शासन और स्वतंत्र वैदेशिक नीति के सिद्धांतों का अनुसरण किया। इसीलिये उसने पार्लिमेंट की बैठकें कम बुलाईं। फ्रांस और स्पेन के राजाओं को विवाह का लालच देते हुए उसने उनको हमेशा धोखे में रखा। फ्रांस और स्काटलैंड मिलकर इंग्लैंड पर कोई आक्रमण न कर दें, इसकी भी वह चिंता करती थी। स्काटलैंड की रूपवती रानी मेरी के विरुद्ध होनेवाली षड्यंत्रों में भी उसका हाथ होने का संदेह किया जाता है। जब बेचारी मेरी स्काटलैंड से भाग कर इंग्लैंड आई तो उसे दो वर्षों तक कारागार में रहना पड़ा और अंत में उसे प्राणदंड दिया गया।
एलिजाबेथ की नीति और स्वतंत्र निर्णयों से पार्लियामेंट प्रसन्न नहीं रहती थी। उसने उसके विवाह के संबंध में कई प्रस्ताव किए जिन्हें वह ठुकराती रही। किंतु भाषण स्वातंत्रय और आर्थिक एकाधिकारों के लाइसेंसों की स्वीकृति के प्रश्न पर पार्लियामेंट के सम्मुख सम्राज्ञी को झुकना पड़ा। सौभाग्य से विदेशी भय के कारण जनसाधारण सर्वदा उसके अनुकूल रहा। 1588 ई. में जब स्पेन के कैथलिक राजा फिलिप द्वितीय ने इंग्लैंड पर आक्रमण करने के लिए अपना विकराल आर्मेडा भेजा तो सारा देश रानी के साथ हो गया। अंग्रेज नाविकों और प्रकृति ने मिलकर आर्मेडा को तितर
एलिजाबेथ का समय इंग्लैंड के इतिहास का स्वर्णयुग कहा जाता है। साहित्यगगन के देदीप्यमान सितारे शेक्सपियर, बेकन, मार्लो आदि ने महान् अंग्रेजी साहित्य को जन्म दिया, रैले, हार्किस और ड्रैक जैसे नाविकों ने समुद्री जहाजों में बैठकर दुनिया की परिक्रमा की, जहाजी लूट से राजकोष भरा गया, उपनिवेश स्थापित हुए और व्यापार के लिए नई कंपनियाँ खोली गईं। देश की धनधान्य से पूर्णता, राजदरबार की शानशौकत में वृद्धि, विदेशों में प्रतिष्ठा, अन्य देशों के मुकाबले अपेक्षाकृत धार्मिक शांति और आधुनिक युग की अनेक गौरवमय उपलब्धियों से युक्त ट्यूडर शासन का अंत, एलिजाबेथ की मृत्यु के साथ, सन् 1603 ई. में हो गया।
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