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[[मैकियावेली]] की पुस्तक "[[द प्रिंस]]" में राजनीतिक पुनर्जागरण की सच्ची भावना का दर्शन होता है। रॉजर बेकन ने अपनी कृति "सालामन्ज हाउस" में पुनर्जागरण की आदर्शवादी भावना को अभिव्यक्ति प्रदान की है। ज्योतिष शास्त्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए और गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, चिकित्सा, जीवविज्ञान और सामाजिक विज्ञानों में बहुमूल्य योगदान हुए। कापनिकल ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घुमती है और अन्य ग्रहों के साथ, जो स्वयं अपनी धुरियों पर घूमते हैं, सूर्य की परिक्रमा करती है। केप्लर ने इस सिद्धांत को अधिक स्पष्ट करते हुए कहा कि पृथ्वी तथा अन्य ग्रह सूर्य के आसपास वृत्ताकार एक की अपेक्षा दीर्घ पथ पर परिक्रमा करते हैं। पोप ग्रेगरी ने कैलेंडर में संशोधन कोपरनिकस और कोलंबस ने ज्योतिष तथा भूगोल में क्रमश: योगदान किया। प्रत्येक अक्षर के लिए अलग अलग टाइप के आविष्कार से मुद्रणकला में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ।
[[चित्र:Leonardo da Vinci (1452-1519) - The Last Supper (1495-1498).jpg|right|thumb|300px|लिओनार्दो दा विंची की प्रसिद्ध कलाकृति : 'द लास्ट सपर']]
[[चित्र:Chateau de chambord.jpg|right|thumb|300px|'''चैटू डी चैम्बोर्ड''' (Château de Chambord) पुनर्जागरण काल के स्थापत्य के सबसे प्रसिद्ध उदाहरणों में से एक है। ]]
 
एक ओर साहित्य पुरातत्ववेदी प्राचीन ग्रीक और लैटिन लेखकों की नकल कर रहे थे, दूसरी ओर कलाकार, प्राचीन [[कला]] के अध्येता प्रयोगों में रुचि ले रहे थे और नई पद्धतियों का निर्माण कर कुछ सुप्रसिद्ध कलाकार जैसे [[लिओनार्दो दा विंची]] और [[माइकल एंजेलो]] नवोदित युग का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। द विंसी मूर्तिकार, वैज्ञानिक आविष्कारक, वास्तुकार, इंजीनियर, बैले (Ballet) नृत्य का आविष्कारक और प्रख्यात शास्त्री था। इतालवियों ने चित्रकला में विशेष उत्कर्ष प्रदर्शित किया। यद्यपि प्रयुक्त सामग्री बहुत सुंदर नहीं थी, तथापि उन चित्रकारों की कला यथार्थता, प्रकाश, छाया और दृश्य-भूमिका की दृष्टि से पूर्ण हैं। द विंसी और माइकेल एंजेलो के अतिरिक्त [[राफेल]] इटली के श्रेष्ठ चित्रकार हुए हैं। ङयूरेस और हालवेन महान उत्कीर्णक हुए हैं। [[मूर्तिकला]], यूनानी और रोमनी का अनुसरण कर रही थी। लारेंजों गिवर्टी चित्रशिल्पी पुनर्जागरणकालीन शिल्पकला का प्रथम महान अग्रदूत था। रोबिया अपनी चमकीली [[मीनाकारी]] के लिए विख्यात था तो एंजेलो अपने को शिल्पकला में महानतम व्यक्ति मानता था, यद्यपि वह अन्य कलाओं में भी महान था। इतालवी पुनर्जागरण कालीन [[ललित कला|ललित कलाओं]] में [[वास्तुकला]] के उत्थान का अंश न्यूनतम था। फिर भी मध्ययुगीन और प्राचीन रूपों के एक विशेष पुनर्जागरण शैली का आविर्भाव हुआ।