"क्षारीय बैटरी": अवतरणों में अंतर

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कठोर लकड़ी की ट्रे में निकल-लोह-क्षारीय सेल को बैटरी के रूप में समायोजित किया जाता है। यह समायोजन प्रत्येक सेल को अपने स्थान पर रखता है और ट्रे तथा संगत सेलों के प्रति सेल को विद्युत्रोधी बनाता है।
 
संचायक सेल के सक्रिय पदार्थ विद्युत्‌ का संचय नहीं करते, पर विद्युत्‌ ऊर्जा के उपयोग से इन सक्रिय पदार्थों में इस प्रकार के भौतिक तथा रासायनिक परिवर्तन होते हैं जिनसे वे विद्युत्‌ ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम हो जाते हैं। बैटरी को आवेशित करने पर जो रासायनिक परिवर्तन होते हैं, उन्हें समीकरणों द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। विद्युत्‌ अपघट्य, पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड K O HKOH, K<sup>+</sup> और OH<sup>-</sup> में आयनित हो जाता है। फेरस ऑक्साइड, और (Fe O), की बनी ऋण पट्टिका पर होनेवाली अभिक्रिया तथा निकल ऑक्साइड की बनी धन पट्टिका पर होनेवाली अभिक्रिया निम्नलिखित समीकरणों से क्रमश: व्यक्त की जा सकती है :
[[चित्र:Thomas Edison's nickel–iron batteries.jpg|right|thumb|300px|'एक्साइड' (Exide) छाप बैटरियाँ जो १९७२ और १९७५ के बीच निर्मित हुईं, उनका विकास मूलतः [[थॉमस अल्वा एडीसन]] ने १९०१ में किया था।]]
 
:FeO + H<sub>2</sub> O + 2K<sup>+</sup> ---> 2KOH + 2e