"विलेयता": अवतरणों में अंतर

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किसी [[रसायन]] या [[यौगिक]] की किसी द्रव्य में घुल जाने की क्षमता को '''विलेयता''' या घुलनशीलता (Solubility) कहते हैं। जो पदार्थ घुलता है उसे 'विलेय' कहते हैं, जिसमें गोला जाता है उसे 'विलायक' कहते हैं, विलेय को विलायक में घोलने से 'विलयन' प्राप्त होता है। विलेय पदार्थ [[ठोस]], [[द्रव]] या [[गैस]] कुछ भी हो सकती है। इसी प्रकार विलायक भी ठोस, द्रव या गैस कुछ भी हो हो सकता है। किसी विलायक में विलेय की कितनी मात्रा घोली जा सकती है उसे ही विलेय की विलेयता (Solubility) कहते हैं। किसी विलेय की विलेयता मूल रूप से विलेय और विलायक के भौतिक एवं रासायनिक गुणों पर तो निर्भर करता ही है, इसके अलावा विलयन के [[ताप]], [[दाब]] एवं [[पीएच]] पर भी निर्भर करता है।
किसी [[रसायन]] या [[यौगिक]] की किसी द्रव्य में घुल जाने की क्षमता को घुलनशीलता कहते हैं।
 
किसी विलायक में कोई विलेय मिलाने पर एक सीमा के बाद विलयन का सान्द्रण नहीं बड़ता बल्कि विलेय की अतिरिक्त मात्रा अवक्षेपित (precipitate) होने लगती है।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[विलयन]]
*[[मिश्रण]]
 
[[श्रेणी:रसायन शास्त्र]]