"दशकुमारचरित": अवतरणों में अंतर

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'''दशकुमारचरित''', [[दंडी]] (षष्ठ या सप्तम शताब्दी ई.) द्वारा प्रणीत [[संस्कृत]] गद्यकाव्य है। इसमें दश कुमारों का चरित वर्णित होने के कारण इसका नाम "दशकुमारचरित" है।
 
== रचयिता ==
दंडी द्वारा रचित "[[अवंतिसुंदरी कथा]]" नामक गद्यकाव्य (अनंतशयन ग्रंथावली, त्रिवेंद्रम से प्रकाशित) की खोज से दशकुमारचरित की समस्या और भी जटिल बन गई है। ये विकल्प उपस्थित होते हैं कि क्या दशकुमारचरित और अवंतिसुंदरी कथा दोनों के रचयिता दंडी एक ही हैं अथवा भिन्न-भिन्न हैं; और यदि इन दोनों के लेखक एक ही दंडी मान लिए जाएँ, तो क्या ये दोनों गद्यकाव्य एक दूसरे के पूरक हैं अथवा दो स्वतंत्र गद्यकाव्य हैं। कुछ विद्वान् इस पक्ष में हैं कि अवंतिसुंदरी कथा ही मूल दशकुमारचरित का खोया हुआ भाग है और दोनों मिलाकर एक ही गद्यकाव्य हैं। विद्वानों का दूसरा वर्ग इस विचार से बिलकुल सहमत नहीं है।
 
== संरचना ==
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* मंत्रगुप्त
* विश्रुत
 
== रचयिता ==
दंडी द्वारा रचित "[[अवंतिसुंदरी कथा]]" नामक गद्यकाव्य (अनंतशयन ग्रंथावली, त्रिवेंद्रम से प्रकाशित) की खोज से दशकुमारचरित की समस्या और भी जटिल बन गई है। ये विकल्प उपस्थित होते हैं कि क्या दशकुमारचरित और अवंतिसुंदरी कथा दोनों के रचयिता दंडी एक ही हैं अथवा भिन्न-भिन्न हैं; और यदि इन दोनों के लेखक एक ही दंडी मान लिए जाएँ, तो क्या ये दोनों गद्यकाव्य एक दूसरे के पूरक हैं अथवा दो स्वतंत्र गद्यकाव्य हैं। कुछ विद्वान् इस पक्ष में हैं कि अवंतिसुंदरी कथा ही मूल दशकुमारचरित का खोया हुआ भाग है और दोनों मिलाकर एक ही गद्यकाव्य हैं। विद्वानों का दूसरा वर्ग इस विचार से बिलकुल सहमत नहीं है।
 
== कथा ==