"विश्व हिन्दी सचिवालय": अवतरणों में अंतर

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'''विश्व हिन्दी सचिवालय''' [[मॉरीसस]] के [[मोका]] गाँव में स्थित है। सचिवालय, ११ फरवरी २००८ से कार्यरत है।
 
[[हिन्दी]] का एक अन्तर्राष्ट्रीय [[भाषा]] के रूप में संवर्द्धन करने और [[विश्व हिन्दी सम्मेलन|विश्व हिन्दी सम्मेलनों]] के आयोजन को संस्थागत व्यवस्था प्रदान करने के उद्देश्य से '''विश्व हिन्दी सचिवालय''' की स्थापना का निर्णय लिया गया। इसकी संकल्पना 1975 में [[नागपुर]] में आयोजित प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन के दौरान की गई जब [[मॉरीशस]] के तत्कालीन प्रधानमंत्री सर [[शिवसागर रामगुलाम]] ने मॉरीशस में विश्व हिन्दी सचिवालय स्थापित करने का प्रस्ताव किया।
 
इस संकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए भारत और मॉरीशस की सरकारों के बीच 20 अगस्त 1999 को एक समझौता ज्ञापन सम्पन्न किया गया। 12 नवम्बर 2002 को मॉरीशस के मंत्रिमंडल द्वारा विश्व हिन्दी सचिवालय अधिनियम पारित किया गया और भारत सरकार तथा मॉरीशस की सरकार के बीच 21 नवम्बर 2001 को एक द्विपक्षीय करार सम्पन्न किया गया।
विश्व हिन्दी सचिवालय ने 11 फ़रवरीफरवरी 2008 से औपचारिक रूप से कार्य करना आरंभ कर दिया।
 
== संगठन ==
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=== शासी परिषद की बैठक ===
 
शासी परिषद की प्रथम बैठक, भारत के विदेश मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में 28 जनवरी 2008 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक में भारत की ओर से श्री प्रणब मुखर्जी, विदेश मंत्री; श्री अर्जुन सिंह, मानव संसाधन विकास मंत्री; श्रीमती अम्बिका सोनी, संस्कृति मंत्री, डॉ॰ रत्नाकर पांडेय, डॉ॰ आर पी मिश्र, नामित उपमहासचिव, विश्व हिन्दी सचिवालय तथा विदेश मंत्रालय, मानव संसाधन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय के अधिकारीगण उपस्थित थे। मॉरीशस की ओर से श्री डी. गोखुल, शिक्षा एवं मानव संसाधन मंत्री, श्री एम.एम डल्लु, विदेश कार्य, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार एवं सहयोग मंत्री, श्री मुकेश्वर चुन्नी, मॉरीशस के उच्चायुक्त, डॉ॰ (श्रीमती) [[विनोद बाला अरूण]], महासचिव, विश्व हिन्दी सचिवालय, श्री अजामिल माताबदल, श्री सत्यदेव टेंगर तथा भारत में मॉरीशस के उच्चायोग से अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
 
 
सचिवालय की शासी परिषद की द्वितीय बैठक 16 मई 2011 को मॉरीशस में लगी। इस अवसर पर भारत की विदेश राज्य मंत्री माननीय श्रीमति प्रणीत कौर एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल के साथ मॉरीशस आईं तथा उन्होंने मॉरीशस के शिक्षा व मानव संसाधन मंत्री माननीय डॉ॰ वसंत कुमार बनवारी के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता की।